
#लातेहार #वित्त_आयोग : पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने किसानों के साथ सत्याग्रह अभियान कर 15वें वित्त आयोग की राशि जल्द जारी करने की अपील की
- कामता पंचायत में किसानों के बीच सत्याग्रह अभियान आयोजित किया गया।
- पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने केंद्र सरकार से राशि तुरंत जारी करने की मांग की।
- 15वें वित्त आयोग की राशि दो वर्ष से 2024–25 और 2025–26 के लिए झारखंड को नहीं मिली।
- पंचायतों में चापानल, जलमीनार, कूप, नाली, पीसीसी पथ, पेबर ब्लॉक पथ, पुलिया और शौचालय निर्माण कार्य ठप।
- बड़ी संख्या में किसान और पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
झारखंड के कामता पंचायत में किसानों और पंचायत प्रतिनिधियों ने 15वें वित्त आयोग की राशि न मिलने के विरोध में सत्याग्रह अभियान चलाया। इस अभियान का नेतृत्व पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने किया। उन्होंने बताया कि 2024–25 और 2025–26 के लिए स्वीकृत राशि अब तक केंद्र सरकार द्वारा जारी नहीं की गई है। इस कारण पंचायतों में छोटे-बड़े सभी विकास कार्य ठप पड़ गए हैं, जिससे ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
केंद्र सरकार से राशि जारी करने की मांग
अभियान में उपस्थित किसानों और पंचायत प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से तत्काल 15वें वित्त आयोग की राशि जारी करने की मांग की। अयुब खान ने कहा कि यह राशि पंचायतों के विकास कार्यों, जैसे चापानल, जलमीनार, कूप, नाली, पीसीसी पथ, पेबर ब्लॉक पथ, चबूतरा, अखरा, पुलिया और शौचालय निर्माण में खर्च होनी थी। राशि न मिलने से पंचायतों का विकास पूरी तरह ठप हो गया है और प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पा रहे हैं।
पंचायत प्रतिनिधियों और किसानों की नाराजगी
अयुब खान ने कहा:
“पंचायतों की निधि रोके जाने से विकास कार्य बाधित हैं। जनता के उम्मीदों पर खरा उतरना मुश्किल हो गया है। हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि यह राशि तुरंत जारी की जाए।”
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख पंचायत प्रतिनिधियों में मुखिया नरेश भगत, पूर्व मुखिया रामधनी भगत, द्वारीका गंझु, रामवृक्ष गंझु, उमा देवी, सावित्री देवी, सुनिता देवी, महेन्द्र गंझु, रमेशर गंझु, मनोज गंझु सहित कई अन्य शामिल थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में किसान और वार्ड सदस्य भी उपस्थित रहे।
विकास कार्य ठप और ग्रामीणों की परेशानियां
15वें वित्त आयोग की राशि न मिलने के कारण पंचायतों में सड़क, जलापूर्ति, नाली और अन्य आधारभूत संरचना का निर्माण नहीं हो पा रहा है। इससे ग्रामीणों को रोजमर्रा की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि वे जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल हो रहे हैं और जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
न्यूज़ देखो : विकास के पैसे पर रोक, ग्रामीणों की आशाओं पर संकट
कामता पंचायत में यह सत्याग्रह अभियान दिखाता है कि विकास और पंचायत स्तर पर वित्तीय मदद जनता के जीवन में कितना अहम है। जब केंद्र सरकार निधि जारी करने में देरी करती है, तो ग्राम स्तर के विकास कार्य रुक जाते हैं और जनता में असंतोष बढ़ता है। प्रशासन को ऐसे मामलों में शीघ्र कार्रवाई करनी होगी।
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ग्रामीण विकास के लिए सक्रियता जरूरी
अब समय है कि पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण मिलकर अपने अधिकारों की रक्षा करें और केंद्र सरकार से निधि जारी करने की मांग करें। पंचायत स्तर पर विकास तभी संभव है जब सभी हितधारक एकजुट हों। अपनी राय कमेंट करें, खबर को शेयर करें और पंचायतों के विकास में सक्रिय भागीदारी का संदेश फैलाएं।