#गिरिडीह #सड़कसुरक्षा : डीटीओ ने बीएनएस डीएवी पब्लिक स्कूल की बसों का किया निरीक्षण सभी वाहनों में सुरक्षा उपकरण और वैध कागजात सुनिश्चित करने का निर्देश
- जिला उपायुक्त रामनिवास यादव के निर्देश पर डीटीओ संतोष कुमार ने BNS DAV पब्लिक स्कूल की बसों का निरीक्षण किया।
- फिटनेस, परमिट, बीमा, पॉल्यूशन एवं चालक-परिचालक के दस्तावेजों की जांच की गई।
- विद्यालय को निर्देश दिया गया कि सभी वाहन वैध कागजात और सुरक्षा मानकों के अनुरूप हों।
- सभी बसों में फायर सेफ्टी, फर्स्ट एड बॉक्स, स्पीड गवर्नर और परिचालक की उपस्थिति अनिवार्य की गई।
- नियम उल्लंघन की स्थिति में विद्यालय प्रबंधन और बस मालिकों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
गिरिडीह जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन अब पूरी तरह से सतर्क हो गया है। शनिवार को जिला उपायुक्त रामनिवास यादव के निर्देशानुसार जिला परिवहन पदाधिकारी संतोष कुमार ने बीएनएस डीएवी पब्लिक स्कूल में संचालित बसों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रत्येक वाहन के फिटनेस, परमिट, बीमा, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और चालक-परिचालक से संबंधित अभिलेखों की स्थिति की गहन जांच की।
सभी स्कूलों को मिली स्पष्ट चेतावनी
निरीक्षण के दौरान डीटीओ ने विद्यालय प्रबंधन को निर्देश दिया कि सभी वाहनों के कागजात पूर्ण और अद्यतन रहें। उन्होंने कहा कि स्कूल बसों में फायर सेफ्टी उपकरण, प्राथमिक उपचार पेटी, स्पीड गवर्नर, सेफ्टी लॉक और परिचालक की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित की जानी चाहिए।
“बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर विद्यालय प्रबंधन और बस मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” — संतोष कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी गिरिडीह
विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
डीटीओ ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल कानूनी दायित्व नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी विद्यालय प्रबंधन से अपील की कि समय-समय पर वाहनों की जांच कराएं और यह सुनिश्चित करें कि सभी चालक लाइसेंसधारी और प्रशिक्षित हों। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तरह की तकनीकी खराबी या सुरक्षा उपकरण की अनुपलब्धता बच्चों की जान को जोखिम में डाल सकती है, इसलिए इस दिशा में शून्य सहिष्णुता अपनाई जाएगी।
न्यूज़ देखो: सुरक्षित परिवहन प्रणाली ही सुरक्षित भविष्य की गारंटी
गिरिडीह प्रशासन द्वारा स्कूल बसों की जांच यह दर्शाता है कि अब विद्यार्थियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। यह कदम न केवल सड़क सुरक्षा मानकों को मजबूत करेगा, बल्कि अभिभावकों के मन में विश्वास भी बढ़ाएगा कि उनके बच्चे सुरक्षित हाथों में हैं।
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बच्चों की सुरक्षा, समाज की जिम्मेदारी
अब समय है कि सभी विद्यालय और वाहन संचालक मिलकर सुरक्षित परिवहन प्रणाली को मजबूत करें। सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और हर बच्चे के सुरक्षित घर लौटने की जिम्मेदारी निभाएं। अपनी राय साझा करें और इस जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाएं।