स्कूल में छात्रों से स्कूटी धुलवाने का मामला: भागलपुर में शिक्षिका पर कार्रवाई की तैयारी

#BiharNews #भागलपुर #शिक्षिका_विवाद — “स्कूल बना सेवक केंद्र?”

स्कूटी पर लगा कीचड़, छात्रों से साफ करवाया — सामने आया वीडियो

बिहार के भागलपुर जिले में शिक्षा जगत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है।
यहाँ मुखेरिया मध्य विद्यालय, जगदीशपुर प्रखंड में एक महिला शिक्षिका पर छात्रों से अपनी स्कूटी साफ करवाने का गंभीर आरोप लगा है।

बताया जा रहा है कि शिक्षिका की स्कूटी में कीचड़ लग गया था, जिसके बाद उन्होंने स्कूल के कुछ छात्रों को सफाई का आदेश दे दिया।
वायरल हो रहे कथित वीडियो में छात्र यूनिफॉर्म में स्कूटी की सफाई करते दिख रहे हैं, वहीं शिक्षिका पास खड़ी नजर आ रही हैं।

“इस तरह के कृत्य से स्कूलों में बच्चों की गरिमा और शिक्षा का उद्देश्य दोनों आहत होते हैं।” — स्थानीय अभिभावक

वीडियो वायरल, जांच के बाद होगी कार्रवाई

जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, शिक्षा विभाग हरकत में आ गया
जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) राजकुमार शर्मा ने कहा:

“वायरल वीडियो की जांच की जा रही है। संबंधित शिक्षिका से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। यदि आरोप सही पाए गए, तो कार्रवाई निश्चित है।”

विद्यालय में छात्र बना ‘कामदार’? अभिभावकों में रोष

इस घटना के बाद अभिभावकों और स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
वो सवाल उठा रहे हैं कि जब बच्चों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर है, तो ऐसे निजी काम थोपना किस नियम के तहत आता है?
कुछ लोगों ने कहा कि ऐसे शिक्षकों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी छात्र का शोषण न कर सके।

“अगर शिक्षक ही बच्चों से काम कराएंगे तो शिक्षा का स्तर कैसे सुधरेगा?” — मोहम्मद तौसीफ, स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता

शिक्षा व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

यह घटना बिहार के सरकारी स्कूलों में जवाबदेही और नैतिकता की कमी को उजागर करती है।
जहां शिक्षक ही बच्चों को शिक्षा देने की बजाय उनसे निजी काम करवाएं, वह स्कूल नहीं बल्कि शोषण का केंद्र बन जाता है।
शिक्षकों को यह याद रखना चाहिए कि वे सिर्फ विषय नहीं पढ़ाते बल्कि चरित्र और आचरण का भी उदाहरण होते हैं।

न्यूज़ देखो: बच्चों की गरिमा की रक्षा हम सबकी जिम्मेदारी

स्कूल एक मंदिर है जहां ज्ञान और संस्कार दोनों दिए जाते हैं। यदि वहीं बच्चों को असम्मान झेलना पड़े, तो यह समाज के लिए खतरे की घंटी है।
‘न्यूज़ देखो’ की टीम हर बच्चे की गरिमा और सुरक्षा के लिए सजग है। जुड़े रहिए, सच के साथ।

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