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स्कूल या रसोई? कोडरमा के चंदवारा आवासीय बालिका विद्यालय में पढ़ाई छोड़ छात्राओं से करवाया जा रहा घरेलू काम

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#कोडरमा #शिक्षामेंगड़बड़ी : सरकारी स्कूल में बच्चियां बना रहीं रोटी, धो रही बर्तन — व्यवस्था पर उठे सवाल
  • झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय चंदवारा में पढ़ाई के बजाय बच्चियों से कराए जा रहे घरेलू काम
  • स्कूल परिसर में चूल्हे पर रोटी बनाती और बर्तन धोती दिखीं छात्राएं, वीडियो वायरल
  • शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती यह घटना बनी चिंता का विषय
  • शिक्षा विभाग की लापरवाही से बच्चों के भविष्य पर मंडरा रहा खतरा

शिक्षा का अधिकार, या जबरन श्रम?

कोडरमा जिला स्थित झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय, चंदवारा से एक शर्मनाक मामला सामने आया है, जहां छात्राओं को पढ़ाई के बजाय नौकरानी जैसे कामों में लगाया जा रहा है। वायरल वीडियो में बच्चियां चूल्हे पर रोटी बनाती और बर्तन धोती दिख रही हैं। यह दृश्य शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को उजागर करता है।

विभाग की लाख कोशिशें बेअसर?

राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की तमाम घोषणाओं और योजनाओं के बावजूद सरकारी विद्यालयों की सूरत नहीं बदल रही। छात्राओं से जबरन रसोई और सफाई जैसे काम करवाना न सिर्फ बाल अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक क्षति भी पहुंचाता है।

वीडियो वायरल, सामाजिक आक्रोश

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें स्कूली छात्राएं साफ तौर पर काम करती दिख रही हैं। हालांकि न्यूज़ देखो इस वीडियो की सत्यता की स्वतंत्र पुष्टि नहीं करता, लेकिन यदि यह घटना सत्य है, तो यह शिक्षा विभाग के लिए गंभीर चेतावनी है।

जिम्मेदारी तय होनी चाहिए

यह घटना केवल स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि पूरे राज्य की शिक्षा व्यवस्था की साख पर सवाल खड़े कर रही है। यदि विद्यालय प्रशासन या शिक्षक इस तरह से बच्चों का शोषण कर रहे हैं, तो जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अनिवार्य है।

बच्चों का भविष्य, सरकार की जिम्मेदारी

सरकारी स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित माहौल मिलना चाहिए। यदि छात्राओं को काम में लगाया जा रहा है, तो यह सरकार की नीतियों और शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन है। ज़रूरत है कि शिक्षा विभाग तुरंत संज्ञान ले और जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे।

न्यूज़ देखो: हम उठाएंगे हर जरूरी सवाल

न्यूज़ देखो हर उस खबर को सामने लाता है जो जनहित से जुड़ी हो और व्यवस्था की नाकामी को उजागर करे। बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और अधिकारों के लिए हमारी प्रतिबद्धता अडिग है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जब शिक्षा खुद बन जाए शोषण का माध्यम

बच्चों को स्कूलों में शिक्षा मिलनी चाहिए, न कि रसोई में रोटी बनाने का अनुभव। यह घटना बताती है कि जब तक सख्त निगरानी और जवाबदेही नहीं होगी, तब तक सरकारी विद्यालयों की हालत नहीं सुधरेगी।

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