
#बानो #शिक्षासमावेश : 87 छात्र-छात्राओं ने लिया हिस्सा, 28 को उपकरण के लिए चुना गया
- राजकीय मध्य विद्यालय बानो में दिव्यांग छात्रों हेतु कार्यक्रम।
- नेत्र जांच, उपकरण वितरण और स्क्रीनिंग की गई।
- कुल 87 छात्र-छात्राएं और अभिभावक उपस्थित।
- 44 छात्रों की नेत्र स्क्रीनिंग, 28 बच्चों का चयन।
- कई शिक्षक, चिकित्सक और अधिकारी रहे शामिल।
बानो प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय में सोमवार को समावेशी शिक्षा के तहत एक विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में दिव्यांग छात्रों के लिए जांच, उपकरण वितरण और नेत्र स्क्रीनिंग की गई। विद्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र, अभिभावक और शिक्षक शामिल हुए।
दिव्यांग छात्रों को मिली नई उम्मीद
कार्यक्रम में कुल 87 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इनमें से 44 छात्रों की नेत्र स्क्रीनिंग की गई, जिनमें 28 बच्चों का चयन विशेष सामग्री और उपकरण वितरण के लिए किया गया। यह पहल बच्चों के लिए सहारा और उनके आत्मविश्वास को मजबूत करने का एक बड़ा कदम है।
कार्यक्रम में शामिल शिक्षक और अधिकारी
इस मौके पर शिक्षक हीरालाल साहू, जोन बा, अजय कंडुलना, रिसोर्स शिक्षक ओम प्रकाश दास, बालगोविंद पटेल, बीपीएम विकास शरण, बीआरपी लॉरेंस मिंज, मणिशंकर कर्ण, परमानंद ओहदार मौजूद रहे।
नेत्र सहायक डॉक्टर प्रीति गुलशन केरकेट्टा और एलिम्को के डॉ. आकाश द्विवेदी ने बच्चों की जांच की। अनु कच्छप और कंप्यूटर ऑपरेटर विकास ने भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।
समावेशी शिक्षा का महत्व
समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उपकरण और चिकित्सा सहायता मिलने से बच्चे अपनी पढ़ाई में और बेहतर ढंग से जुड़ पाएंगे।

न्यूज़ देखो: समावेशी शिक्षा से बनेगा सबका भविष्य
इस तरह के कार्यक्रम सिर्फ दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई आसान नहीं करते बल्कि समाज को यह संदेश भी देते हैं कि शिक्षा सबके लिए समान अधिकार है। ज़रूरत है कि ऐसी पहल लगातार होती रहे ताकि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
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शिक्षा के साथ समान अवसरों का संकल्प
अब समय है कि हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि हर बच्चा, चाहे वह किसी भी स्थिति में हो, शिक्षा के समान अवसर पाए। आइए, अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि जागरूकता बढ़े और समाज और संवेदनशील बने।