
#LateharNews – इलाज के अभाव में मासूम ने तोड़ा दम, स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
- महुआडांड़ में ट्रैक्टर की चपेट में आने से 3 वर्षीय अर्पित उरांव की दर्दनाक मौत।
- नेतरहाट अस्पताल में डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण नर्सों ने किया रेफर।
- बिशुनपुर अस्पताल ले जाते वक्त मासूम की रास्ते में ही मौत।
- ग्रामीणों का आरोप – डॉक्टरों की गैरमौजूदगी से पहले भी कई मरीजों की जान जा चुकी है।
- प्रशासन को कई बार शिकायत के बावजूद नहीं हुई कोई कार्रवाई।
घटना का पूरा विवरण
लातेहार जिले के नेतरहाट थाना क्षेत्र के ग्राम पसेरी पाठ निवासी सकलू उरांव का 3 वर्षीय पुत्र अर्पित उरांव गुरुवार सुबह करीब 10 बजे झंडा चौक के पास खेल रहा था, तभी खेत जोतकर लौट रहे ट्रैक्टर की चपेट में आ गया। हादसे में बच्चा बुरी तरह घायल हो गया।
परिजन और ग्रामीण तुरंत उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नेतरहाट लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टर नदारद थे। नर्सों ने बिना इलाज किए ही बच्चे को रेफर कर दिया। बिशुनपुर अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही मासूम ने दम तोड़ दिया।
“अगर अस्पताल में डॉक्टर मौजूद होते, तो शायद अर्पित की जान बच सकती थी। नेतरहाट अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति कोई नई बात नहीं है, कई बार शिकायत के बावजूद प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।”
- ग्रामीणों का आरोप
डॉक्टरों की लापरवाही पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा
ग्रामीणों ने बताया कि नेतरहाट अस्पताल में डॉक्टर अक्सर अनुपस्थित रहते हैं, जिससे इलाज के अभाव में कई मरीजों की जान जा चुकी है। 2 महीने पहले ग्रामीणों की शिकायत पर अनुमंडल पदाधिकारी विपिन कुमार दुबे अस्पताल पहुंचे थे, जहां डॉक्टर गैरहाजिर पाए गए थे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना भी दी थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
पुलिस की कार्रवाई और प्रशासन की चुप्पी
घटना की सूचना मिलने पर नेतरहाट पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रैक्टर को जब्त कर लिया। वहीं, बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। परिजन और ग्रामीण प्रशासन से डॉक्टरों की गैरमौजूदगी पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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नेतरहाट अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति को लेकर आप क्या सोचते हैं? क्या स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए?
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