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बालू माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी में जुटे एसडीएम: खनन, भंडारण और रात में सामूहिक आवाजाही पर कड़ी निषेधाज्ञा लागू

#गढ़वा #प्रशासनिककार्रवाई : अवैध बालू खनन रोकने के लिए बड़ा कदम, नदी तटीय इलाकों में सख्त निगरानी शुरू

गढ़वा में मानसून के दौरान बढ़ते जलस्तर, भूमि कटाव और पर्यावरणीय क्षति को रोकने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। अनुमंडल दंडाधिकारी संजय कुमार ने एनजीटी के आदेशों का पालन करते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत सभी नदी घाटों और उनके आसपास के क्षेत्रों में अगले आदेश तक निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह आदेश 28 जुलाई से प्रभावी होगा और एनजीटी की रोक हटने या नए निर्देश आने तक लागू रहेगा।

निषेधाज्ञा में क्या-क्या है शामिल

इस आदेश के तहत सोन, कोयल, बांकी, दानरो, यूरिया और सरस्वतिया सहित गढ़वा अनुमंडल के सभी नदी घाटों में बालू खनन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। खनन चाहे मशीन से हो या मैनुअल, इसकी अनुमति नहीं होगी।
बालू लदे ट्रैक्टर, हाइवा या अन्य वाहनों की आवाजाही पर सख्त मनाही रहेगी। इसके अलावा, रात में सामूहिक आवाजाही (धार्मिक, सांस्कृतिक और अनुष्ठानिक कार्यक्रमों को छोड़कर) पर भी रोक लगाई गई है।

थाना प्रभारियों और खनन विभाग की जिम्मेदारी

एसडीएम ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्रों में सतत गश्ती सुनिश्चित करें और खनन संबंधी संदेहास्पद गतिविधियों पर पैनी नजर रखें।
खनन कार्यालय को भी अंचल अधिकारियों के सहयोग से रोजाना निरीक्षण और रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।

उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई

इस आदेश का उल्लंघन करने पर बीएनएसएस की धारा 223 (पूर्व में भारतीय दंड संहिता की धारा 188), पर्यावरण संरक्षण अधिनियम और झारखंड माइनिंग रूल्स के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अवैध खनन में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को जब्त कर जुर्माना वसूला जाएगा और प्राथमिकी दर्ज की जाएगी

नागरिकों से अपील

एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “क्षेत्र के लोग प्रशासन का सहयोग करें। यदि किसी को अवैध खनन या परिवहन की सूचना मिले तो वे नजदीकी थाना, अंचल कार्यालय या एसडीएम कार्यालय को तुरंत जानकारी दें।”

एसडीएम का औचक निरीक्षण

गौरतलब है कि रविवार की देर रात एसडीएम संजय कुमार ने दल-बल के साथ गढ़वा प्रखंड के कई नदी घाटों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की और स्थानीय पुलिस को सतर्क रहने का निर्देश दिया।

न्यूज़ देखो: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सख्त पहल

नदी घाटों में अवैध खनन न केवल पारिस्थितिकी संतुलन बिगाड़ता है बल्कि जलस्रोतों की संरचना को भी नुकसान पहुंचाता है। गढ़वा प्रशासन का यह कदम पर्यावरण की रक्षा के लिए बेहद जरूरी है। अब जरूरत है कि जनता भी सजग होकर प्रशासन का सहयोग करे
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जिम्मेदारी निभाने का समय

अब समय है कि हम सभी प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाएं। अवैध खनन रोकने के लिए प्रशासनिक सख्ती तभी सफल होगी जब नागरिक भी अपनी जिम्मेदारी समझेंगे।
अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता बढ़े और पर्यावरण सुरक्षित रहे

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