
#गढ़वा #प्रशासनिक_निरीक्षण : मझिआंव, कांडी और बरडीहा में एसडीएम ने योजनाओं और केंद्रों का किया औचक निरीक्षण – अवैध क्लिनिक बंद, दाल-भात केंद्रों की हालत पर जताई कड़ी नाराजगी
- एसडीएम संजय कुमार ने मझिआंव, कांडी और बरडीहा प्रखंडों का औचक निरीक्षण किया।
- अवैध रूप से संचालित क्लीनिक को मौके पर ही बंद करवाया गया।
- दाल-भात केंद्रों की स्थिति तीनों प्रखंडों में असंतोषजनक पाई गई।
- कांडी बीडीओ राकेश सहाय सहित कई अधिकारी निरीक्षण में रहे उपस्थित।
- दुर्गा स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित केंद्र में राशन और व्यवस्था की भारी कमी मिली।
- एसडीएम ने संचालकों और ठेकेदारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
गढ़वा जिले के सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने गुरुवार को प्रशासनिक औचक निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताओं का खुलासा किया। उन्होंने मझिआंव, कांडी और बरडीहा प्रखंड क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत जांची और मौके पर आवश्यक निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान कई आवास योजनाओं, दाल-भात केंद्रों और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा की गई।
दाल-भात केंद्रों की बदहाली उजागर
मझिआंव प्रखंड में स्थित दाल-भात केंद्र का निरीक्षण प्रखंड विकास पदाधिकारी कनक और आपूर्ति गोदाम के एजीएम की उपस्थिति में किया गया। यहां दुर्गा स्वयं सहायता समूह द्वारा केंद्र का संचालन किया जा रहा था। निरीक्षण के दौरान संचालिका गीता देवी ने बताया कि उन्हें 9 कुंतल चावल प्रतिमाह ठेकेदार द्वारा दिया जाता है, किंतु मौके पर मात्र 4 किलो चढ़ा चावल और 500 ग्राम बेसन की कढ़ी बनती हुई मिली। हैरानी की बात यह रही कि वहां कोई भी ग्राहक उपस्थित नहीं था। जब एसडीएम ने पूछताछ की, तो संचालिका और प्रखंड अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “दाल-भात केंद्र गरीब और राहगीर मजदूरों के लिए भोजन की सस्ती व्यवस्था है, लेकिन कई केंद्रों में संचालन में मनमानी देखी जा रही है। जिम्मेदार संचालकों और आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
बरडीहा प्रखंड कार्यालय के प्रवेश द्वार के पास अवस्थित दाल-भात केंद्र निरीक्षण के समय बंद मिला। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह केंद्र अक्सर बंद रहता है, जिससे गरीबों को काफी असुविधा होती है। वहीं, कांडी प्रखंड कार्यालय के सामने स्थित केंद्र में चूल्हा या बड़े बर्तन नहीं मिले, केवल एक छोटा इलेक्ट्रिक हीटर रखा हुआ था। यहां भी राशन का कोई भंडार नहीं मिला और ग्राहक अनुपस्थित थे।
मौके पर कांडी बीडीओ राकेश सहाय समेत अन्य प्रखंड स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। एसडीएम ने निर्देश दिया कि सभी दाल-भात केंद्रों का विधिवत और नियमित संचालन सुनिश्चित किया जाए तथा लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाए।
कांडी में अवैध क्लीनिक पर ताला
निरीक्षण के दौरान एसडीएम कांडी के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के सामने पहुंचे, जहां एक अल्ट्रासाउंड केंद्र बंद मिला, लेकिन उसके पास ही एक बिना नाम का क्लिनिक चालू था। पूछताछ में पता चला कि क्लिनिक एक इंटरमीडिएट पास युवक द्वारा संचालित किया जा रहा था। मौके पर ही एसडीएम ने क्लिनिक को बंद करवाने का आदेश दिया और संबंधित स्वास्थ्य विभाग को इस पर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
इस कार्रवाई से स्थानीय क्षेत्र में हड़कंप मच गया और प्रशासन की सख्ती की चर्चा होने लगी।
प्रशासनिक सख्ती से जनता में भरोसा
सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार की इस औचक कार्रवाई ने स्पष्ट संदेश दिया है कि प्रशासन किसी भी स्तर पर लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगा। ग्रामीणों का कहना है कि दाल-भात केंद्र जैसी योजनाएं गरीबों के लिए वरदान हैं, लेकिन लापरवाही के कारण इनका उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। एसडीएम ने कहा कि ऐसी योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग और जवाबदेही तय की जाएगी ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रहे।

न्यूज़ देखो: योजनाओं की जमीनी सच्चाई उजागर करती कार्रवाई
गढ़वा के एसडीएम संजय कुमार की औचक जांच ने सरकारी योजनाओं की वास्तविक स्थिति को सामने लाया है। दाल-भात केंद्रों की लचर व्यवस्था और अवैध क्लीनिक के खिलाफ की गई कार्रवाई प्रशासनिक जवाबदेही का मजबूत उदाहरण है। यह कदम न केवल जवाबदेही बढ़ाता है बल्कि आम नागरिकों में विश्वास भी जगाता है।
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जागरूक प्रशासन से ही संभव है पारदर्शी व्यवस्था
यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि जब अधिकारी सक्रिय होते हैं, तो योजनाएं ज़मीन पर उतरती हैं। अब जरूरत है कि जनता भी ऐसे प्रयासों में सहयोग करे और किसी भी अनियमितता की जानकारी प्रशासन तक पहुंचाए। सजग रहें, अपनी राय कमेंट में साझा करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जिम्मेदार शासन और जनहित की भावना को बल मिले।




