
#गढ़वा #अवैधबालूउत्खनन : रातभर ट्रैक्टरों की आवाज से परेशान ग्रामीण — एसडीएम ने खुद की छापेमारी, खनन पदाधिकारी और सीओ को दिए कार्रवाई के निर्देश
- गढ़वा एसडीएम संजय कुमार ने कोयल व दानरो नदी किनारे अवैध बालू डंपिंग साइट पर औचक निरीक्षण किया
- मेढ़ना, बैलचंपा और लापो इलाकों में मिले अवैध बालू के ढेर और ट्रैक्टरों के निशान
- रात में भी ट्रैक्टरों के अवैध संचालन की ग्रामीणों और टोलकर्मियों ने की पुष्टि
- एसडीएम ने अंचल अधिकारी को भूमि विवरणी जुटाकर दोषियों की पहचान करने का आदेश दिया
- खनन पदाधिकारी को NGT के आदेश के अनुपालन में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए
लगातार चल रही है एसडीएम की सघन छापेमारी
गढ़वा सदर एसडीएम संजय कुमार अवैध बालू उत्खनन पर रोक लगाने के लिए पिछले चार-पांच दिनों से सघन छापेमारी अभियान चला रहे हैं। गुरुवार की दोपहर उन्होंने गढ़वा अंचल अधिकारी सफी आलम के साथ बैलचंपा, मेढ़ना और लापो जैसे तटीय इलाकों का दौरा किया, जहां उन्हें कई अवैध डंप साइट और रेत के ढेर मिले।
इससे पहले बुधवार रात को भी उन्होंने अचानक छापेमारी की और कई संदिग्ध ट्रैक्टरों को खदेड़ा। ये छापेमारियां बालू माफियाओं के बीच हड़कंप मचाने वाली साबित हो रही हैं।
ग्रामीणों की शिकायतों से सामने आई हकीकत
स्थानीय ग्रामीणों ने खुलकर एसडीएम के सामने शिकायत की कि रातभर ट्रैक्टरों की आवाज से नींद हराम हो जाती है और बालू माफियाओं की गतिविधियों से आमजन परेशान हैं। इस शिकायत की पुष्टि बाईपास टोल प्लाजा कर्मियों ने भी की, जिन्होंने बताया कि रात में यहां से अवैध बालू लदे ट्रैक्टरों का आवागमन होता है।
एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “एनजीटी के आदेश के बावजूद अवैध बालू उत्खनन जारी है। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा है।”
सीओ और खनन पदाधिकारी को दिए सख्त निर्देश
निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने अंचलाधिकारी सफी आलम को निर्देश दिया कि जहां-जहां पर अवैध बालू डंप साइट मिले हैं, वहां की भूमि विवरणी जैसे खाता, प्लॉट नंबर जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं, ताकि दोषियों की स्पष्ट पहचान कर कार्रवाई की जा सके।
साथ ही जिला खनन पदाधिकारी को कहा गया कि वे NGT के निर्देशों के पालन में नियमित कार्रवाई सुनिश्चित करें और इन क्षेत्रों में बालू उत्खनन पर पूरी तरह रोक लगाएं।
एसडीएम संजय कुमार ने चेतावनी दी: “जो लोग इस गैरकानूनी कार्य में शामिल हैं, वे तत्काल इससे पीछे हट जाएं, अन्यथा कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।”
NGT के आदेश की उड़ाई जा रही धज्जियां
एसडीएम ने स्पष्ट किया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 10 जून से नदियों से बालू उठाव पर रोक लगाई है, ताकि पर्यावरण और जल जीवन चक्र की रक्षा हो सके। बावजूद इसके सदर अनुमंडल क्षेत्र में बालू माफियाओं की सक्रियता चिंता का विषय बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन का यह दायित्व है कि NGT के आदेश का पालन कराते हुए तटीय क्षेत्रों में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखी जाए।
बालू माफियाओं की पहचान और दंडात्मक कार्रवाई पर ज़ोर
एसडीएम ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों, जैसे थाना प्रभारी, खनन विभाग, और अंचल अधिकारी से यह अपेक्षा जताई कि वे बालू कारोबारियों की पहचान कर, प्रभावी और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें। उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से अब किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।



न्यूज़ देखो: बालू माफियाओं पर प्रशासनिक शिकंजा
न्यूज़ देखो प्रशासन की इस सक्रियता को साहसिक और स्वागतयोग्य कदम मानता है। अवैध उत्खनन जैसे कृत्य न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि कानून व्यवस्था को भी चुनौती देते हैं। गढ़वा प्रशासन का यह कदम बताता है कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो माफियाओं के मंसूबे ढह सकते हैं।
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सजग प्रशासन से ही टिकेगा प्राकृतिक संतुलन
आप भी अपने क्षेत्र में हो रहे ऐसे अवैध कार्यों के बारे में जागरूक बनें। इस खबर को शेयर करें, ताकि प्रशासनिक कार्रवाई और भी सशक्त हो। कमेंट में बताएं कि आपके इलाके में भी क्या ऐसी समस्याएं मौजूद हैं — आपकी सहभागिता बदलाव की शुरुआत बन सकती है।