
#गढ़वा #कार्रवाई : खाद की कालाबाजारी पर प्रशासन की बड़ी पहल, डीएओ व सीओ को अग्रेतर कार्रवाई का निर्देश
- प्रतापपुर गांव में दुकान से 100 बोरी यूरिया बरामद।
- दुकानदार असलम अंसारी के पास लाइसेंस व स्रोत की जानकारी नहीं।
- एसडीएम संजय कुमार ने दुकान सील कर अग्रेतर कार्रवाई का आदेश दिया।
- खाद की कालाबाजारी रोकने को प्रशासन ने जारी की सख़्त चेतावनी।
- जांच के बाद स्रोत तक कार्रवाई का आश्वासन।
गढ़वा। अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने शुक्रवार की शाम प्रतापपुर गांव में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 100 बोरी यूरिया बरामद किया। यह यूरिया असलम अंसारी नामक दुकानदार के यहां अनधिकृत रूप से भंडारित था। पूछताछ के दौरान दुकानदार किसी प्रकार का वैध लाइसेंस या खाद का स्रोत नहीं बता पाया। स्थानीय लोगों ने भी पुष्टि की कि आरोपी के पास किसी भी प्रकार का लाइसेंस नहीं है।
प्रशासन की तत्परता और कार्रवाई
क्षेत्र में जहां किसानों के लिए खाद की किल्लत बनी हुई है, वहीं इस तरह का अवैध भंडारण सामने आने पर एसडीएम संजय कुमार ने तत्काल सख्त कदम उठाते हुए दुकान को मौके पर ही सील करा दिया। उन्होंने अंचल अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और जिला कृषि पदाधिकारी को अग्रेतर कार्रवाई के निर्देश दिए।
अवैध कारोबारियों को चेतावनी
एसडीएम ने स्पष्ट कहा कि खाद-उर्वरक जैसी वस्तुएं अनिवार्य सेवाओं के दायरे में आती हैं। ऐसे में इनकी कालाबाजारी या अवैध भंडारण गंभीर अपराध है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जांच के उपरांत उस स्रोत तक भी कार्रवाई होगी, जिसने इतनी बड़ी मात्रा में खाद उपलब्ध कराया।
पारदर्शिता पर प्रशासन का जोर
संजय कुमार ने कहा कि उपायुक्त के निर्देशानुसार खाद वितरण में पूरी पारदर्शिता लाने की कोशिश हो रही है और इसी कारण प्रशासनिक स्तर पर लगातार कड़ी चौकसी बरती जा रही है। कार्रवाई के दौरान कंचन प्रसाद, रविंद्र पासवान, अनिल कुमार, प्रिंस दास और रमेश कुमार सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।



न्यूज़ देखो: किसानों की ज़रूरत और अवैध कारोबारियों पर सख़्त नज़र
गढ़वा प्रशासन की यह कार्रवाई उन अवैध व्यापारियों के लिए एक कड़ा संदेश है, जो किसानों की ज़रूरत से खिलवाड़ कर मुनाफाखोरी में लगे हैं। यदि ऐसी सख़्त कार्रवाई जारी रही तो खाद वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और किसानों को समय पर लाभ मिल सकेगा।
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किसानों के हक़ की रक्षा प्रशासन की जिम्मेदारी
अवैध भंडारण और कालाबाजारी पर अंकुश लगाना सिर्फ कानून की नहीं बल्कि किसानों के भविष्य और आजीविका की रक्षा का भी सवाल है। अब समय है कि समाज और प्रशासन मिलकर ऐसे कार्यों को रोकें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि किसानों के हक़ की आवाज़ और मज़बूत हो।