
#गढ़वा #अवैध_शराब — ग्रामीण चुप रहे तो अकेले जंगल में घुसे एसडीएम, डेढ़ कुंटल महुआ और तैयार शराब की विनष्ट
- एसडीएम संजय कुमार ने बिना पूर्व सूचना के किया जंगलों में सघन छापा
- तीन अवैध शराब भट्टियों को मौके पर ही तोड़ा गया, जलती भट्टियों में चल रहा था निर्माण
- करीब डेढ़ कुंटल महुआ जावा और 20 लीटर तैयार शराब नष्ट की गई
- गांव के बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों से की शराब विरोधी जनजागरण की अपील
- स्थानीय पुलिस व उत्पाद विभाग को क्षेत्र में सक्रिय रहने के निर्देश
- दुलदुलवा को शराब मुक्त बनाने को कहा ‘सामाजिक-प्रशासनिक समन्वय’ ज़रूरी
जंगलों में जलती भट्टियों पर चला प्रशासन का डंडा: बिना सहयोग के भी नहीं रुके एसडीएम
गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड अंतर्गत दुलदुलवा गांव में अवैध शराब कारोबार के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा एक्शन लिया है। उपायुक्त शेखर जमुआर के निर्देश पर सदर एसडीएम संजय कुमार ने शनिवार को गांव का औचक भ्रमण किया। उन्हें लंबे समय से गांव में देसी शराब के गुप्त कारोबार की शिकायतें मिल रही थीं।
जब समीक्षा बैठक में किसी ग्रामीण ने गोपनीय जानकारी देने से मना किया, तो एसडीएम अकेले ही दुलदुलवा के जंगलों में घुस गए, जहां उन्होंने करीब दो घंटे का सघन तलाशी अभियान चलाया।
जलती भट्टियां, महुआ की दुर्गंध और भागते कारोबारी
पैदल जंगल में घुसकर की गई कार्रवाई, मौके पर कोई कारोबारी नहीं मिला
एसडीएम ने जंगल के बाहर वाहन रोककर जंगल में पैदल प्रवेश किया। तलाशी के दौरान तीन अवैध शराब भट्टियां मिलीं, जिनमें से दो भट्टियों में उस समय शराब बनाई जा रही थी। मौके पर मौजूद डेढ़ कुंटल से अधिक महुआ जावा और 20 लीटर तैयार शराब को उन्होंने विनष्ट कर दिया।
“गांव में अवैध शराब का जड़ से खात्मा तभी संभव है, जब समाज खुद इसके खिलाफ खड़ा हो।”
— संजय कुमार, एसडीएम गढ़वा
मौके से मिले खाली ड्रम, प्लास्टिक टैंक और उपकरण भी नष्ट
एसडीएम ने बताया कि मौके से मिले सभी उपकरण, ड्रम, ट्यूब आदि को भी तोड़ा गया। माना जा रहा है कि कारोबारियों को एसडीएम की भनक लग गई थी, जिससे वे भाग खड़े हुए।
गांव के गली-गली में जन संवाद: नशा विरोधी अभियान का आह्वान
कार्रवाई के बाद एसडीएम ने पूरे दुलदुलवा गांव का पैदल भ्रमण किया और हर गली में स्थानीय लोगों से संवाद किया। उन्होंने बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों से विशेष तौर पर अपील की कि वे अपने घर के सदस्यों को अवैध धंधे से बाहर निकलने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने कहा कि दुलदुलवा का नाम अब “शराब का गांव” बनता जा रहा है, जो गांव की छवि को नकारात्मक बना रहा है।
“बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे मिलकर नशे के खिलाफ आवाज़ उठाएं, तभी यह गांव बदलेगा।”
— संजय कुमार, एसडीएम गढ़वा
पुलिस व उत्पाद विभाग की सुस्ती पर सवाल, एसडीएम ने दिए सख्त निर्देश
एसडीएम ने मौके पर ही स्थानीय पुलिस और उत्पाद विभाग को अधिक सक्रिय रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अवैध शराब का प्रसार पिछले कुछ महीनों में बढ़ा है और नियंत्रण के लिए नियमित छापेमारी व निगरानी की जरूरत है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शीघ्र ही वरीय पदाधिकारियों को पूरी रिपोर्ट भेजी जाएगी, ताकि स्थायी समाधान के लिए नीति बनाई जा सके।

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