#गढ़वा #संदिग्धमौतमामला — जीतन बिंद की दर्दनाक मौत ने गांव को किया स्तब्ध, पुलिस जांच में जुटी
- संग्रहे गांव निवासी 25 वर्षीय जीतन बिंद की संदिग्ध हालात में मौत
- मरने से पहले बताया: दोस्तों ने शराब में ज़हर मिलाकर पिलाया
- परिजनों ने तीन युवकों पर लगाया हत्या का आरोप
- गढ़वा सदर अस्पताल में इलाज के दौरान बिगड़ी हालत, रेफर के रास्ते में हुई मौत
- पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शुरू की जांच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
संदिग्ध हालात में मिली जीतन की लाश, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
गढ़वा थाना क्षेत्र के संग्रहे गांव में गुरुवार शाम एक दिल दहला देने वाली घटना में 25 वर्षीय युवक जीतन बिंद की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई।
मृतक के पिता गौतम बिंद ने बताया कि तीन युवक जीतन को शाम करीब 4 बजे घर से बुलाकर ले गए थे, जिसके बाद वह देर रात तक घर नहीं लौटा।
परिजन जब उसकी खोज में निकले, तो वह एक दोस्त के घर में अचेत अवस्था में मिला।
शराब में ज़हर मिलाने का दावा, इलाज के दौरान मौत
परिजन उसे तत्काल गढ़वा सदर अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने उपचार शुरू किया, और जब वह कुछ समय के लिए होश में आया, तो उसने बताया कि
जीतन बिंद: “मेरे दोस्तों ने शराब में ज़हर मिलाकर मुझे पिलाया।”
इलाज के दौरान उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई, जिसके बाद उसे बेहतर उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया।
दुर्भाग्यवश, रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
गढ़वा पुलिस की शुरुआती कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही गढ़वा थाना पुलिस हरकत में आई।
शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि
“हम मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। यह आत्महत्या है, हत्या है, या कोई और साजिश — पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मेडिकल जांच के बाद स्पष्ट होगा।”
गांव में मातम, डर और अविश्वास का माहौल
इस घटना ने गांव में शोक और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है।
लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या दोस्ती के नाम पर इतना बड़ा विश्वासघात हो सकता है?
परिजन आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
न्यूज़ देखो: दोस्ती के नाम पर खौफनाक खेल
यह घटना सिर्फ एक मौत नहीं, बल्कि एक सामाजिक और नैतिक सवाल भी है।
अगर जीतन बिंद की अंतिम बातें सच हैं, तो यह मामला विश्वास और रिश्तों की बुनियाद पर प्रहार है।
न्यूज़ देखो इस मामले में प्रशासन से तेज़ और निष्पक्ष जांच, तथा दोषियों को सजा दिलाने की कार्रवाई की मांग करता है।
क्योंकि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, तब तक गांवों में भरोसे की सांस नहीं लौटेगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
समाज जागे, युवा सतर्क हों
इस दर्दनाक घटना से हमें यह सीख लेनी चाहिए कि सतर्कता और जागरूकता जीवन रक्षा के सबसे बड़े हथियार हैं।
युवाओं को नशे से दूर रहने और सही संगत चुनने की जिम्मेदारी खुद उठानी होगी।
अपने विचार कमेंट करें, इस खबर को रेट करें, और उन्हें जरूर शेयर करें जिनके लिए यह खबर एक सीख बन सकती है।