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गिरिडीह में दो अलग-अलग सड़क हादसों से सनसनी: बस ट्रक से टकराई, प्रतिमा विक्रेता की मौत

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#गिरिडीह #सड़कदुर्घटना : बगोदर और चतरो में हुए हादसों ने क्षेत्र को दहला दिया — चालक उपचालक गंभीर, प्रतिमा विक्रेता की दर्दनाक मौत
  • बगोदर थाना क्षेत्र के जीटी रोड पर बस और खड़े ट्रक की जोरदार टक्कर।
  • हादसे में बस का चालक और उपचालक गंभीर रूप से घायल।
  • बस गया से मधुबन लौट रही थी, उस समय उसमें यात्री नहीं थे।
  • दूसरा हादसा गिरिडीह-टुंडी रोड चतरो के पास हुआ।
  • कर्नाटक बिदर निवासी 65 वर्षीय मशाकउद्दीन खवाल की मौत अज्ञात वाहन की टक्कर से।
  • मृतक का परिवार प्रतिमा निर्माण कर फेरी बिक्री से गुजर-बसर करता था।

गिरिडीह जिले में मंगलवार सुबह और सोमवार रात दो अलग-अलग सड़क हादसों ने पूरे इलाके में खौफ और गम का माहौल बना दिया। बगोदर थाना क्षेत्र के जीटी रोड पर जहां एक तेज रफ्तार बस खड़े ट्रक से जा टकराई, वहीं चतरो के पास प्रतिमा विक्रेता मशाकउद्दीन खवाल की अज्ञात वाहन से टक्कर में मौत हो गई।

बगोदर में बस और ट्रक की टक्कर

घटना सुबह बगोदर थाना क्षेत्र के गोपालडीह परसाटांड़ के पास हुई। बस गया से मधुबन लौट रही थी और उसमें यात्री सवार नहीं थे। इसी बीच सड़क किनारे खड़े उस ट्रक से बस पीछे से टकरा गई, जो करीब दस दिन पहले आग लगने से क्षतिग्रस्त हो चुका था। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस के परखच्चे उड़ गए। इस हादसे में बस चालक और उपचालक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

प्रतिमा विक्रेता की दर्दनाक मौत

दूसरी ओर, सोमवार रात गिरिडीह-टुंडी रोड पर चतरो गांव के पास एक अज्ञात वाहन ने बाइक सवार मशाकउद्दीन खवाल (उर्फ मुस्ताक) को टक्कर मार दी। मशाकउद्दीन कर्नाटक के बिदर जिले के नागनखेला गांव के रहने वाले थे और अपने परिवार के साथ डेढ़ माह पहले गिरिडीह आए थे। वे मुफस्सिल थाना क्षेत्र के डांडीडीह में किराए पर रहकर प्रतिमा और पीतल-सिल्वर की अन्य वस्तुएं बनाकर फेरी बिक्री करते थे।

उनके पुत्र आरिफ खवाल ने बताया कि पिता प्रतिमा बेचकर लौट रहे थे तभी हादसा हो गया। आरिफ ने उन्हें घायल अवस्था में सड़क पर पड़ा देखा और सदर अस्पताल लाया। हालत गंभीर होने पर उन्हें धनबाद रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।

बेटे का बयान

आरिफ खवाल ने कहा: “हम लोग मेहनत मजदूरी से गुजर-बसर करते हैं। अब्बा रोजाना फेरी कर घर चलाते थे, लेकिन इस हादसे ने हमें बेसहारा कर दिया।”

स्थानीय माहौल और असर

इन दोनों हादसों से इलाके में सनसनी फैल गई है। बगोदर में बस-ट्रक टक्कर ने सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाए हैं, वहीं चतरो में मशाकउद्दीन की मौत ने प्रवासी मजदूरों और फेरी करने वालों की असुरक्षा को उजागर कर दिया है।

न्यूज़ देखो: हादसों की जांच और जिम्मेदारी तय हो

गिरिडीह में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाएं यह बताती हैं कि यातायात व्यवस्था और सुरक्षा प्रबंधन में गंभीर खामियां हैं। प्रशासन को जरूरी है कि सड़कों पर खड़े जर्जर वाहनों को हटाने और तेज रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाए। साथ ही पीड़ित परिवारों को त्वरित मुआवजा और सहायता सुनिश्चित की जाए।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सड़क सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी

हादसों से सबक लेना होगा। जरूरी है कि चालक सावधानी बरतें, प्रशासन सख्ती दिखाए और आमजन सुरक्षा नियमों का पालन करें। आप भी अपनी राय दें, इस खबर को साझा करें और सड़क सुरक्षा की आवाज़ को बुलंद करें।

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