
#पलामू #ट्रकड्राइवरहत्या — दस दिन से लापता ड्राइवर की लाश बिहार के अनलोडिंग प्वाइंट पर ट्रक के गिट्टी के नीचे से मिली, परिवार ने डिपो कर्मियों पर जताया शक
- 8 जून को जपला के डिपो से गिट्टी लोड करने निकला था ट्रक, फिर हो गया लापता
- 10 जून को बिहार के दिघवारा में ट्रक से गिट्टी खाली करते समय शव मिला
- मृतक की पहचान औरंगाबाद, बिहार निवासी अनिल कुमार के रूप में हुई
- परिजनों ने डिपो कर्मियों पर की हत्या कर शव छिपाने की आशंका जताई
- पुलिस जांच में जुटी, डिपो की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
दस दिन की चुप्पी तोड़ी ट्रक के डाले में मिली लाश ने
पलामू जिले के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के दमदमी स्टोन एंड मोरम डिपो, जपला से गिट्टी लोड करने के लिए 8 जून 2025 को निकले ट्रक चालक अनिल कुमार की लाश दो दिन बाद 10 जून को बिहार के दिघवारा स्थित एसपीएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अनलोडिंग प्वाइंट पर ट्रक के डाले में गिट्टी के नीचे दबी हुई मिली।
इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। मृतक अनिल कुमार, पिता कुंवर कल्याण गिरी, निवासी शंकरपुर, थाना हसपुरा, जिला औरंगाबाद (बिहार) के रहने वाले थे। परिजनों ने इस घटना को सुनियोजित हत्या करार दिया है और डिपो के अंदर काम कर रहे कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
शव मिलने के बाद परिवार ने दर्ज कराया फर्द बयान
मृतक के भाई मुकेश गिरी ने पोस्टमार्टम हाउस, छपरा में दिघवारा थाना पुलिस के समक्ष फर्द बयान दर्ज कराया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि:
मुकेश गिरी ने आरोप लगाया: “हमें पूरा विश्वास है कि मेरे भाई की हत्या डिपो के कर्मियों ने की है और लाश को ट्रक के गिट्टी के नीचे छुपाकर दिघवारा भेजा गया।”
इस बयान की पुष्टि उनके बहनोई अरुण गिरी, पिता रामराज गिरी, निवासी रेगनिया, थाना रफीगंज की मौजूदगी में अंगूठे के निशान के साथ की गई।
पहले दर्ज हुई थी गुमशुदगी, फिर सामने आया सनसनीखेज सच
घटना के दिन ट्रक के खलासी रजनीश कुमार ने हुसैनाबाद थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लेकिन दो दिन बाद जब दिघवारा में ट्रक से गिट्टी उतारी जा रही थी, तभी अनिल कुमार का शव ट्रक के अंदर से बरामद हुआ। इस खुलासे ने मामले को नया मोड़ दे दिया है।
पुलिस की जांच जारी, सुरक्षा पर उठे सवाल
मामले की जांच में पुलिस जुटी हुई है, लेकिन अभी तक अधिकारिक रूप से कोई गिरफ्तारी या कार्रवाई की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं, डमडमी स्टोन माइंस डिपो में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठे हैं।
स्थानीय लोगों और मृतक के परिवारजनों का कहना है कि अगर डिपो परिसर में सीसीटीवी और गार्ड्स की सख्ती होती, तो इस तरह की वारदात संभव नहीं होती। परिजनों ने दोषियों की गिरफ्तारी और न्याय की मांग की है।
न्यूज़ देखो: डिपो की लापरवाही और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल
इस दर्दनाक घटना ने न सिर्फ डिपो प्रबंधन की लापरवाही उजागर की है, बल्कि यह भी दिखाया है कि खनन क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों और चालकों की सुरक्षा आज भी उपेक्षित है। न्यूज़ देखो प्रशासन से मांग करता है कि जल्द से जल्द दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए और ऐसे डिपो की निगरानी के लिए सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू किया जाए।
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सजग रहें, सुरक्षित रहें: श्रमिकों की सुरक्षा हमारी सामूहिक जिम्मेदारी
हर मजदूर और चालक का जीवन अमूल्य है। जब तक हम सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते रहेंगे, ऐसे हादसे होते रहेंगे। प्रशासन, माइंस प्रबंधन और समाज को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। इस खबर पर अपनी राय जरूर दें और इसे उन लोगों से साझा करें जो खनन और परिवहन क्षेत्र से जुड़े हैं।