
#गढ़वा #भ्रष्टाचार_मामला : बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर कमल कुमार पर ₹1.20 लाख घूस लेकर मामला दबाने और काम न करने का आरोप।
- डंडई प्रखंड के झोतर निवासी आनंद साव ने जेई कमल कुमार पर ₹1.20 लाख वसूलने का आरोप लगाया।
- घटना करकोमा नर्सरी के पास की बताई गई, जहां बिजली पोल पहले से क्षतिग्रस्त था।
- आनंद साव का दावा — धमकी देकर पैसे लिए, लेकिन न नया पोल लगाया गया न रसीद दी गई।
- ₹80,000 ऑनलाइन ट्रांसफर और ₹40,000 नकद में दिए गए — 21 मई को हुई थी पूरी लेनदेन।
- जेई कमल कुमार ने कहा — “सभी आरोप झूठे, भ्रामक और बेबुनियाद हैं।”
गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड के झोतर गांव निवासी आनंद साव ने विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर (जेई) पर गंभीर आरोप लगाया है। आनंद साव के अनुसार, जेई कमल कुमार ने उन्हें धमकाकर ₹1.20 लाख की राशि वसूली, लेकिन न तो सरकारी रसीद दी और न ही नया बिजली पोल लगाया। यह घटना मई महीने की बताई जा रही है, जिसके बाद से पीड़ित व्यक्ति न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
घटना का विवरण
घटना करकोमा नर्सरी के पास की बताई गई है। आनंद साव ने बताया कि जिस बिजली पोल की बात की जा रही है, उसे पहले ही किसी ट्रैक गाड़ी ने धक्का मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया था। उसी दिन जब वह अपनी महिंद्रा एक्सयूवी से गुजर रहे थे, तो सामने से एक टेंपो आने के कारण साइड लेते हुए उनकी गाड़ी हल्के से पोल से सट गई।
इसके बाद मौके पर पहुंचे जेई कमल कुमार और विभाग के अमल राय ने आनंद साव को पकड़ लिया और कहा कि उनकी गाड़ी से पोल टूट गया है, जिससे विभाग को नुकसान हुआ है। आनंद साव के अनुसार, जेई ने धमकी दी कि अगर उन्होंने ₹1.5 लाख नहीं दिए, तो उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया जाएगा। बाद में ₹1.20 लाख में मामला निपटाने की बात तय हुई।
घूसखोरी का आरोप और सबूत
आनंद साव ने बताया कि उन्होंने ₹80,000 जेई के कहने पर एक अन्य व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर किए और ₹40,000 नकद में दिए। यह रकम 21 मई को दी गई थी, जिसका पूरा सबूत — ट्रांजैक्शन डिटेल्स और गवाहों के बयान — उनके पास मौजूद हैं।
पीड़ित का कहना है कि जेई ने आश्वासन दिया था कि वे नया बिजली पोल लगवाएँगे और सरकारी रसीद देंगे, लेकिन अब तक न तो पोल लगाया गया है और न रसीद दी गई। चार महीने बीत जाने के बावजूद जब उन्होंने कई बार रसीद और पोल लगाने की बात पूछी, तो कोई जवाब नहीं मिला।
आनंद साव ने कहा: “मैंने जेई पर भरोसा कर पैसे दिए थे, लेकिन उन्होंने अब तक कोई काम नहीं किया। यह जनता के साथ सरासर धोखाधड़ी है।”
प्रशासन से न्याय की गुहार
पीड़ित आनंद साव ने जिला प्रशासन और बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की है कि उनसे वसूले गए रुपये वापस कराए जाएं और जेई के खिलाफ घूसखोरी एवं दबाव बनाकर धन लेने के मामले में सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगर जल्द न्याय नहीं मिला तो वे विभागीय जांच और कानूनी कार्रवाई के लिए उच्च स्तर पर जाएंगे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं बिजली विभाग की छवि को खराब करती हैं और आम जनता में भय का माहौल पैदा करती हैं।
जेई ने लगाए आरोपों को बताया झूठा
वहीं, जेई कमल कुमार ने आनंद साव के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने कहा कि यह सभी बातें भ्रामक और निराधार हैं।
जेई कमल कुमार ने कहा: “मैंने किसी से कोई पैसा नहीं लिया है और न ही किसी प्रकार की जबरदस्ती की गई। यह सब मनगढ़ंत आरोप हैं।”
उन्होंने कहा कि विभागीय जांच से सच्चाई स्पष्ट हो जाएगी और वे पूरी तरह सहयोग करने को तैयार हैं।
न्यूज़ देखो: जब जनता से लिया गया पैसा जवाब नहीं मांग पाता
यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि आम नागरिक जब सरकारी कर्मचारियों पर भरोसा करता है, तो क्या उसे न्याय मिल पाता है। अगर ऐसे मामले निष्पक्ष जांच के बिना दबा दिए जाते हैं, तो विभागीय जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं।
बिजली विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी अधिकारी द्वारा जनता से अनुचित वसूली न की जाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी
जब आम नागरिक अन्याय के खिलाफ बोलता है, तो समाज में पारदर्शिता और जिम्मेदारी की भावना बढ़ती है।
अगर आपके साथ भी किसी सरकारी विभाग में अनियमितता या रिश्वतखोरी हुई है, तो चुप न रहें — शिकायत दर्ज कराएं और अपनी आवाज बुलंद करें।
अब समय है कि हम सब मिलकर ईमानदार व्यवस्था के लिए आवाज उठाएं।
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