
#गढ़वा #विद्यालय_विवाद – अनुदान राशि में गड़बड़ी, शिक्षकों के वित्तीय सहयोग से इनकार और विकास कार्यों में गिरावट
- प्रधानाध्यापक पर मनमाने ढंग से शुल्क वसूली और भौंचक व्यय का आरोप
- शिक्षकों के सहयोग के बिना ही अनुदान राशि का बंटवारा
- विद्यालय विकास की राशि के दुरुपयोग का लगाया गया आरोप
- विद्यालय की स्थिति दिन-ब-दिन हो रही जर्जर, शिक्षक परेशान
- शिकायतों के बाद भी अब तक नहीं मिली कोई कार्रवाई
प्रभारी प्रधानाध्यापक पर शिक्षकों ने लगाए गंभीर आरोप
गढ़वा जिला के डंडई प्रखंड स्थित किसान उच्च विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक शम्भु ठाकुर के खिलाफ शिक्षकों में जबरदस्त असंतोष फैल गया है। विद्यालय के सभी सहायक शिक्षक — जितेंद्र नाथ तिवारी, अवधेश पाल, संजय कुमार, इरशाद अंसारी सहित अन्य शिक्षकगण — ने मिलकर आरोप लगाया है कि प्रधानाध्यापक शिक्षकों को पूरी तरह उपेक्षित कर अकेले मनमाने तरीके से स्कूल संचालन कर रहे हैं।
शिक्षकों के अनुसार, बच्चों पर मनमानी ढंग से शुल्क लगाया जा रहा है, अनुदान की राशि शिक्षकों की सहमति के बिना खर्च की जा रही है और विद्यालय विकास के लिए आई राशि का भी गलत तरीके से उपयोग किया गया है। आरोप ये भी है कि वित्तीय मामलों में फर्जी वाउचर बनाकर सरकारी तंत्र को गुमराह किया जा रहा है।
शिक्षकों की उपेक्षा और पारदर्शिता का अभाव
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जब से प्रभारी प्रधानाध्यापक ने विद्यालय का कार्यभार संभाला है, तब से विद्यालय की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। न तो विद्यालय का विकास हो रहा है, न ही शिक्षकों को कोई आर्थिक सहयोग मिल रहा है।
अवधेश पाल ने कहा: “अनुदान की राशि पर कुण्डली मारकर बैठे हुए हैं। जबकि जिले के अन्य सभी विद्यालयों में दो महीने पहले ही राशि बांटी जा चुकी है।”
जितेंद्र नाथ तिवारी ने कहा: “हम शिक्षक दो रुपये के लिए मोहताज हैं, और विद्यालय का हाल दिन-ब-दिन बिगड़ता जा रहा है।”
शिकायतों के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत कई माध्यमों से की, लेकिन अब तक किसी प्रकार की जांच या कार्रवाई नहीं हुई है। विद्यालय की स्थिति विरान पड़ी है, और ऐसे में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
कार्य के प्रति शिक्षकों की निष्ठा
हालात विपरीत होने के बावजूद शिक्षकगण — जितेंद्र नाथ तिवारी, अवधेश पाल, संजय कुमार, इरशाद अंसारी और सभी सहायक शिक्षक — अपने कर्तव्यों का निर्वहन निष्ठा और अनुशासन के साथ कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि प्रशासन जल्द संज्ञान लेकर विद्यालय की व्यवस्था में सुधार लाएगा और प्रधानाध्यापक की भूमिका की निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई करेगा।

न्यूज़ देखो: पारदर्शिता की मांग करता शिक्षक समाज
शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले शिक्षक जब स्वयं शोषण और अनदेखी का शिकार हों, तो सवाल उठना लाज़मी है। किसान उच्च विद्यालय डंडई का मामला प्रशासनिक लापरवाही और वित्तीय अनियमितता की गूंज है, जिसे नजरअंदाज करना छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ होगा।
न्यूज़ देखो प्रशासन से अपेक्षा करता है कि इस मामले में त्वरित जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए और विद्यालय को फिर से पटरी पर लाया जाए।
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