Palamau

सुआ पंचायत की मुखिया पर गंभीर आरोप: उपप्रमुख ने उठाई अवैध बालू वसूली और गैर अधिकृत सप्लाई की परतें

#पलामू #सुआपंचायतविवाद : उपप्रमुख शीतल सिंह चेरो का बड़ा आरोप – प्रति ट्रैक्टर 200 रुपये की अवैध वसूली, सीमापार बालू आपूर्ति का मामला उजागर
  • सुआ पंचायत की मुखिया दुलारी देवी पर अवैध बालू वसूली और सप्लाई का आरोप
  • 100 के चालान पर 300 रुपये प्रति ट्रैक्टर की वसूली – शीतल सिंह चेरो
  • चार ट्रैक्टर अनधिकृत रूप से चियाँकि पंचायत क्षेत्र में जा रहे थे पकड़े गए
  • प्रखंड खनन नियमों का उल्लंघन और सीमापार सप्लाई का खुलासा
  • SDO, CO और खनन विभाग से जांच और राशि रिकवरी की मांग

अवैध वसूली और खनन अनियमितता की गंभीर शिकायत

पलामू जिले के मेदिनीनगर सदर प्रखंड अंतर्गत सुआ पंचायत की मुखिया दुलारी देवी पर पंचायत उपप्रमुख शीतल सिंह चेरो ने शुक्रवार को अवैध खनन और आर्थिक अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रेस को जारी जानकारी में उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रति ट्रैक्टर बालू उठाव के नाम पर 100 रुपये का सरकारी चालान दिया जा रहा है, जबकि 300 रुपये की अवैध वसूली की जा रही है। इससे स्पष्ट है कि 200 रुपये की राशि हर ट्रैक्टर से ग़ैरकानूनी रूप से वसूली जा रही है, जिसका कोई सरकारी लेखाजोखा नहीं है।

चार ट्रैक्टर रंगे हाथ पकड़े गए

उपप्रमुख ने दावा किया कि उन्होंने स्वयं चार ट्रैक्टरों को रंगे हाथ पकड़ा, जो सुआ पंचायत से बालू लादकर चियाँकि पंचायत क्षेत्र की ओर जा रहे थे। इन ट्रैक्टरों पर सुआ पंचायत का चालान था, लेकिन उनकी सप्लाई सीमा पार की थी, जो खनन विभाग के नियमों का खुला उल्लंघन है।

“यह केवल वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि पंचायत सीमा और सरकारी आदेशों की खुली अवहेलना है। इससे न केवल स्थानीय संसाधनों का दुरुपयोग हो रहा है, बल्कि सरकार को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है।”
– शीतल सिंह चेरो, उपप्रमुख, मेदिनीनगर सदर प्रखंड

जांच और कानूनी कार्रवाई की मांग

उपप्रमुख चेरो ने SDM, CO और खनन विभाग से आग्रह किया है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और मुखिया दुलारी देवी पर अवैध वसूली, सीमा उल्लंघन और गैर अधिकृत आपूर्ति जैसे आरोपों के आधार पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि प्रति ट्रैक्टर 200 रुपये की अतिरिक्त वसूली की राशि सरकारी खजाने में रिकवरी कराई जाए।

न्यूज़ देखो : जनसंपदा की रक्षा के लिए जनता की जागरूकता ज़रूरी

जन प्रतिनिधियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना लोकतंत्र की मजबूती की कुंजी है। सुआ पंचायत में सामने आया यह मामला दर्शाता है कि जब जनप्रतिनिधि ही कानून का उल्लंघन करें, तो नागरिकों की सतर्कता और पारदर्शिता की माँग ज़रूरी हो जाती है। न्यूज़ देखो जनता की हर आवाज़ को मंच देने और भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

पंचायत संसाधनों के संरक्षण और पारदर्शी प्रशासन की माँग

पंचायत स्तर पर बालू जैसे संसाधनों का सही प्रबंधन, पारदर्शिता और सरकारी राजस्व की रक्षा स्थानीय प्रशासन की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है। उपप्रमुख द्वारा उठाए गए मुद्दे जनहित और संसाधन सुरक्षा से जुड़ी एक अहम चेतावनी हैं, जिसे अनदेखा करना प्रशासन की गंभीर चूक होगी।

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