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कुड़मी समाज के रेल रोको आंदोलन से रांची होकर चलने वाली वंदे भारत और जनशताब्दी सहित कई ट्रेनें रद्द

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#झारखंड #रेल_रोको : कुड़मी समाज के आंदोलन का असर, 21 सितंबर को रद्द रहीं कई महत्वपूर्ण ट्रेनें
  • कुड़मी समाज के रेल रोको आंदोलन से रेलवे परिचालन ठप।
  • रांची होकर चलने वाली वंदे भारत और जनशताब्दी एक्सप्रेस पर बड़ा असर।
  • हटिया–आसनसोल, हटिया–टाटानगर, रांची–हावड़ा इंटरसिटी जैसी ट्रेनें रद्द
  • यात्रियों को भारी परेशानी, स्टेशन पर भ्रम और अव्यवस्था
  • रेलवे ने यात्रियों से अपनी यात्रा की पुष्टि करने की अपील की।

कुड़मी समाज के रेल रोको आंदोलन का सीधा असर झारखंड और आसपास के इलाकों में ट्रेन परिचालन पर पड़ा है। रेलवे ने रांची होकर चलने वाली वंदे भारत, जनशताब्दी और इंटरसिटी सहित दो दर्जन से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया है। आंदोलन के कारण यात्रियों को न केवल यात्रा रद्द करनी पड़ी बल्कि कई जगहों पर असुविधा और अव्यवस्था भी देखने को मिली।

प्रमुख ट्रेनें जो रद्द रहीं

रेलवे के अनुसार 21 सितंबर 2025 को निम्नांकित ट्रेनें परिचालन से बाहर रहीं—

  • ट्रेन संख्या 13514 हटिया–आसनसोल एक्सप्रेस
  • ट्रेन संख्या 18602 हटिया–टाटानगर एक्सप्रेस
  • ट्रेन संख्या 20887 रांची–वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस
  • ट्रेन संख्या 18628 रांची–हावड़ा इंटरसिटी एक्सप्रेस
  • ट्रेन संख्या 20898 रांची–हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस
  • ट्रेन संख्या 18626 हटिया–पुर्णिया कोर्ट एक्सप्रेस
  • ट्रेन संख्या 20897 हावड़ा–रांची वंदे भारत एक्सप्रेस
  • ट्रेन संख्या 18627 हावड़ा–रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस
  • ट्रेन संख्या 68085 टाटानगर–बरकाकाना मेमू पैसेंजर
  • ट्रेन संख्या 12365 पटना–रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस
  • ट्रेन संख्या 22349 पटना–रांची वंदे भारत एक्सप्रेस

यात्रियों पर सीधा असर

इन ट्रेनों के रद्द होने से हजारों यात्रियों की योजनाएं प्रभावित हुईं। कई यात्रियों को आखिरी वक्त में अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी, जबकि कई लोग स्टेशनों पर फंसे रहे। रेलवे ने यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था और रिफंड की जानकारी देने का प्रयास किया, लेकिन फिर भी असुविधा से लोग बच नहीं पाए।

आंदोलन का असर और भविष्य की चुनौती

कुड़मी समाज लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है और रेल रोको आंदोलन इसके तहत बड़ा कदम माना जा रहा है। इसका असर सिर्फ रेलवे परिचालन पर ही नहीं बल्कि आर्थिक और सामाजिक जीवन पर भी पड़ रहा है।

न्यूज़ देखो: रेल व्यवस्था और यात्रियों के भरोसे की चुनौती

कुड़मी समाज के आंदोलन से एक बार फिर रेलवे की निर्भरता और यात्रियों की परेशानी उजागर हुई है। जब भी ट्रेनें बाधित होती हैं, इसका असर सीधा यात्रियों की जिंदगी और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। सवाल यह है कि क्या बार-बार ऐसे आंदोलनों से निपटने के लिए कोई स्थायी समाधान निकलेगा?
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

यात्रियों को सतर्क रहने की जरूरत

अब समय है कि यात्री अपनी यात्रा से पहले रेलवे से कन्फर्मेशन लें और जरूरी वैकल्पिक तैयारी रखें। इस खबर को शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग समय रहते सचेत हो सकें और असुविधा से बच पाएं।

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