
#पलामू #बिजली संकट : बरसात में तार फॉल्ट, ट्रांसफॉर्मर जले — ग्रामीण बेहाल, टॉर्च और दीयों के सहारे बीत रही रातें
- बरसात शुरू होते ही बिजली व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई।
- कई गांवों में ट्रांसफॉर्मर जले और तारों में लगातार फॉल्ट।
- सरकारी हेल्पलाइन पर शिकायतों का कोई असर नहीं दिख रहा।
- समाजसेवी नमिता दुबे ने प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की।
- ग्रामीणों की पढ़ाई और दिनचर्या दोनों प्रभावित।
- बिजली विभाग की लापरवाही से जनता में आक्रोश।
बरसात शुरू होते ही बिजली व्यवस्था चरमराई
पलामू जिले के पाण्डु प्रखंड क्षेत्र में बरसात का मौसम बिजली संकट लेकर आया है। जैसे ही बारिश शुरू हुई, विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से चरमरा गई। कई गांवों में ट्रांसफॉर्मर जल गए, तो कहीं तारों में फॉल्ट के कारण दो-दो दिन तक बिजली नहीं रहती। ग्रामीण टॉर्च और दीयों के सहारे रातें बिताने को मजबूर हैं।
अंधेरे में जी रहे ग्रामीण, बच्चों की पढ़ाई ठप
बिजली नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। गांवों में रात में घना अंधेरा हो जाता है, जिससे सांप-बिच्छुओं का खतरा बना रहता है। लोगों का कहना है कि यह समस्या हर साल बरसात में होती है, लेकिन विभाग की तरफ से कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया।
हेल्पलाइन का भरोसा टूटा, जवाब में मिलती है अभद्रता
ग्रामीणों ने बताया कि बिजली विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करने पर या तो फोन नहीं उठाया जाता, और अगर उठा भी लिया गया तो अभद्र भाषा में जवाब दिया जाता है। इससे लोगों का भरोसा टूट चुका है। कुछ ने तो यह भी कहा कि हेल्पलाइन सिर्फ कागजों में है, जमीनी स्तर पर इसका कोई असर नहीं दिखता।
नमिता दुबे ने उठाई आवाज, समाधान की मांग
क्षेत्र की समाजसेवी नमिता दुबे ने इस समस्या को गंभीर मानते हुए प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
नमिता दुबे ने कहा: “पाण्डु के ग्रामीणों को हर साल अंधेरे में क्यों रहना पड़े? यह पूरी तरह से विभागीय लापरवाही है। स्थायी समाधान अब आवश्यक है, नहीं तो जन आंदोलन होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए और हर गांव में समय पर ट्रांसफॉर्मर बदलना और फॉल्ट ठीक करना जरूरी है।
ग्रामीणों ने बताई ज़मीनी हकीकत
ग्रामीणों ने बताया कि कोई भी अधिकारी मौके पर आकर स्थिति का मुआयना नहीं करता। कई बार शिकायत करने के बाद भी ट्रांसफॉर्मर बदले नहीं जाते, और फॉल्ट ठीक करने में सप्ताहों का समय लग जाता है।
लोगों का यहां तक कहना है की: “हम लोगों को लगता है जैसे हम झारखंड के नागरिक नहीं हैं। न बिजली है, न जवाबदेही।”
समाधान की उम्मीद अब प्रशासन से
लोगों ने मांग की है कि स्थायी तौर पर समाधान किया जाए, जिसमें जर्जर तारों को बदला जाए, अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर रिजर्व में रखे जाएं और हेल्पलाइन सेवाओं को जवाबदेह बनाया जाए ताकि बारिश के मौसम में लोग कष्ट झेलने को मजबूर न हों।
न्यूज़ देखो: अंधेरे में डूबे पाण्डु की आवाज़ बना हमारा मंच
यह रिपोर्ट पाण्डु के उन ग्रामीणों की पीड़ा को सामने लाती है जिन्हें हर साल बिजली की अनदेखी झेलनी पड़ती है। ‘न्यूज़ देखो’ हमेशा स्थानीय मुद्दों की सच्चाई को आवाज़ देता रहा है और आगे भी देगा। विभागीय लापरवाही को उजागर कर, हम जनता को उनका हक दिलाने की मुहिम जारी रखेंगे।
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