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शाहपुर उप स्वास्थ्य केंद्र लाखों की लागत से बना फिर भी बंद पड़ा: ग्रामीणों को नहीं मिल रहीं स्वास्थ्य सुविधाएं

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#महुआडांड़ #स्वास्थ्य_संकट : वर्षों से बंद शाहपुर उप स्वास्थ्य केंद्र में झाड़ियां उगीं – परिसर बना साँपों का अड्डा
  • शाहपुर उप स्वास्थ्य केंद्र लाखों की लागत से बना, लेकिन आज तक सेवाएं शुरू नहीं हुईं
  • डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी की तैनाती नहीं होने से भवन बेकार पड़ा है।
  • अस्पताल परिसर में घास-फूस और झाड़ियाँ, बना साँप-बिच्छू का अड्डा।
  • ग्रामीणों को प्राथमिक इलाज के लिए महुआडांड़ बाजार जाना पड़ता है।
  • कई बार शिकायत के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई नहीं की

महुआडांड़ प्रखंड के परहाटोली पंचायत के शाहपुर गांव में बना उप स्वास्थ्य केंद्र सरकारी योजनाओं की विफलता का जीता-जागता उदाहरण बन गया है। लाखों की लागत से बने इस भवन का निर्माण तो पूरा हो गया, लेकिन आज तक यहां नियमित स्वास्थ्य सेवाएं शुरू नहीं हो सकीं।

लाखों की लागत से बना केंद्र, लेकिन सेवाएं शून्य

ग्रामीणों का कहना है कि उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण सरकारी योजना के तहत लाखों रुपये की लागत से किया गया था, ताकि स्थानीय लोगों को गांव में ही इलाज की सुविधा मिल सके। लेकिन भवन तैयार होने के बाद न तो कोई डॉक्टर तैनात किया गया, न ही कोई नर्स या स्वास्थ्यकर्मी। नतीजा यह हुआ कि पूरा भवन वर्षों से बंद पड़ा है और धीरे-धीरे जर्जर होता जा रहा है।

अस्पताल परिसर बना झाड़ियों और साँपों का ठिकाना

स्थानीय लोगों ने बताया कि लंबे समय से बंद रहने के कारण अस्पताल परिसर में घास-फूस और झाड़ियाँ उग आई हैं। स्थिति यह है कि अब वह जगह साँप-बिच्छुओं का अड्डा बन चुकी है।

एक ग्रामीण ने कहा: “हम डर के कारण अस्पताल के पास तक नहीं जाते। भवन में झाड़ियाँ और जंगली जानवरों का बसेरा हो गया है।”

ग्रामीणों ने चिंता जताई कि इतनी बड़ी राशि खर्च कर बनाया गया भवन अब उपेक्षा का शिकार हो चुका है।

ग्रामीणों को इलाज के लिए बाजार जाना पड़ता है

शाहपुर और आसपास के गांवों के लोगों को मामूली बुखार या चोट जैसी सामान्य बीमारियों में भी महुआडांड़ बाजार या अन्य प्रखंड अस्पतालों तक जाना पड़ता है।
यह न केवल समयसाध्य है बल्कि गरीब परिवारों के लिए आर्थिक बोझ भी बन गया है। कई बार रात में या आपात स्थिति में मरीजों को इलाज के अभाव में जान जोखिम में डालनी पड़ती है

शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं

ग्रामीणों ने बताया कि वे कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से केंद्र को शुरू करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। न कोई निरीक्षण दल आया, न कोई सफाई अभियान चलाया गया।

ग्रामीणों ने जिला स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया है कि शाहपुर उप स्वास्थ्य केंद्र में तत्काल डॉक्टर और अन्य कर्मियों की तैनाती की जाए, ताकि लोगों को अपने गांव में ही बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।

न्यूज़ देखो: ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल

शाहपुर उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बताती है कि सरकार की ग्रामीण स्वास्थ्य योजनाएं केवल कागजों पर सक्रिय हैं। जब लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद गांवों में स्वास्थ्य सेवा शुरू नहीं हो पा रही, तो यह प्रशासनिक तंत्र की गंभीर विफलता का संकेत है।
ऐसे में जरूरत है कि जिम्मेदार अधिकारी इस पर संज्ञान लें और तत्काल सुधारात्मक कदम उठाएं।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

स्वस्थ समाज की नींव है सुलभ चिकित्सा व्यवस्था

ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामाजिक दायित्व भी है।
अब वक्त है कि हम सब मिलकर आवाज उठाएं ताकि शाहपुर जैसे उपेक्षित स्वास्थ्य केंद्रों में फिर से जीवन लौटे।
अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और प्रशासन को जवाबदेह बनाएं — क्योंकि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी संपत्ति है।

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Ramprawesh Gupta

महुवाडांड, लातेहार

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