Site icon News देखो

शर्मनाक: गढ़वा में 2 साल की मासूम से दरिंदगी, रिश्ते के चाचा ने दिया कुकृत्य को अंजाम

#Garhwa #ChildAbuse : चिनिया थाना क्षेत्र में हिला देने वाली घटना — बेहोशी की हालत में मिली बच्ची, आरोपी गिरफ्तार

चिनिया के एक गांव में इंसानियत हुई शर्मसार

गढ़वा जिले के चिनिया थाना क्षेत्र में एक 2 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। सोमवार को बच्ची के पिता ट्रैक्टर ठीक कराने गांव में गए थे और बच्ची को भी साथ ले गए थे। इसी दौरान गांव का युवक सकेन्दर कोरवा, जो रिश्ते में बच्ची का चाचा लगता था, बच्ची को बहला-फुसलाकर गोद में उठा ले गया

पहले बच्ची के पिता को लगा कि युवक बच्ची को घर पहुंचा देगा, लेकिन काफी देर तक जब बच्ची नहीं लौटी, तब खोजबीन शुरू की गई। शाम करीब 5 बजे युवक बच्ची को वापस लाया, लेकिन वह बेहोशी की हालत में थी और उसकी तबीयत बेहद खराब थी। जब उससे पूछा गया कि यह कैसे हुआ, तो वह घबरा कर वहां से भाग गया

पीड़िता की हालत गंभीर, आरोपी जेल भेजा गया

परिजनों ने तत्काल बच्ची को सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे गंभीर हालत में डाल्टनगंज रेफर कर दिया गया। सूचना मिलने पर चिनिया थाना प्रभारी, रंका डीएसपी रोहित रंजन सिंह, इंस्पेक्टर सुभाष पासवान तथा पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मामले की जांच प्रारंभ की

डीएसपी रोहित रंजन सिंह ने कहा: “प्रथम दृष्टया मामला दुष्कर्म का है। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। बच्ची का इलाज जारी है और हम हर पहलू की जांच कर रहे हैं।”

समाज के विश्वास को झकझोरने वाली घटना

इस मामले में आरोपी सकेन्दर कोरवा को पुलिस ने जल्द ही गिरफ्तार कर लिया और गहन पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया है। बच्ची की स्थिति अब पहले से थोड़ी बेहतर बताई जा रही है, लेकिन उसे अभी भी चिकित्सकीय निगरानी की आवश्यकता है।

स्थानीय लोगों में घटना को लेकर आक्रोश है और सभी ने प्रशासन से कठोरतम सजा की मांग की है

न्यूज़ देखो: मासूम बचपन पर हुआ हमला, चुप नहीं रहेगा समाज

2 साल की मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। न्यूज़ देखो मानता है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक चेतना की जरूरत है, ताकि मासूम बचपन को इस तरह की दरिंदगी से बचाया जा सके। यह घटना सिर्फ कानून का मामला नहीं, मानवीय चेतना की परीक्षा भी है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

बच्चों की सुरक्षा ही सभ्य समाज की पहचान

अब समय है कि हम बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। समाज को चाहिए कि ऐसे घटनाओं पर एकजुट होकर आवाज उठाए, ताकि अपराधियों को कभी भी ऐसी हरकत करने का दुस्साहस न हो। इस खबर को अधिक से अधिक साझा करें, कॉमेंट कर अपनी राय रखें, और एक सजग नागरिक बनकर बच्चों के अधिकारों की रक्षा में भागीदार बनें।

Exit mobile version