#सिमडेगा #दुर्घटना : शंख नदी में डूबे दो व्यक्तियों के शव सर्च अभियान के बाद पुलिस प्रशासन ने बरामद किए
- 17 अगस्त 2025 शाम 5 बजे ग्रामणों ने शंख नदी में डूबने की सूचना दी।
- घटना सोगड़ा टोली के पास नदी पार करने के दौरान हुई।
- भूषण एक्का (40 वर्ष) और संजय खेस्स की हुई मृत्यु।
- पुलिस अधीक्षक सिमडेगा के निर्देशन में त्वरित सर्च अभियान चलाया गया।
- शव की पहचान परिजनों और आधार कार्ड से की गई।
- मौके पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, थाना प्रभारी पाकरटांड़, प्रखंड विकास पदाधिकारी और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
17 अगस्त की शाम सिमडेगा जिले में शंख नदी ने दो परिवारों की खुशियां छीन लीं। ग्रामीणों द्वारा सूचना दी गई कि नदी पार करने के क्रम में दो लोग तेज बहाव में बह गए। पुलिस प्रशासन तुरंत हरकत में आया और कई घंटों तक चले सर्च अभियान के बाद दोनों शव बरामद कर लिए गए। मृतकों की पहचान भूषण एक्का और संजय खेस्स के रूप में हुई। घटना के बाद पूरे इलाके में मातम पसरा है और ग्रामीणों के बीच गहरी संवेदना व्यक्त की जा रही है।
घटना की विस्तृत जानकारी
दिनांक 17 अगस्त 2025 को शाम पांच बजे सोगड़ा टोली के पास ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी कि नदी पार करने के दौरान एक व्यक्ति बह गया है। यह खबर मिलते ही सिमडेगा पुलिस प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंचा। पुलिस अधीक्षक सिमडेगा के नेतृत्व में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सिमडेगा, थाना प्रभारी पाकरटांड़, प्रखंड विकास पदाधिकारी पाकरटांड़ और अन्य पदाधिकारीगण घटनास्थल पर पहुंचे और नदी में सर्च ऑपरेशन शुरू कराया।
सर्च अभियान और प्रशासनिक तत्परता
पुलिस की ओर से तुरंत नाव, गोताखोर और स्थानीय लोगों की मदद ली गई। अभियान पूरी रात चलता रहा। अथक प्रयासों के बाद 18 अगस्त 2025 को शव नदी से बरामद कर लिए गए। मृतकों में से एक की पहचान भूषण एक्का (40 वर्ष, पिता स्व. लुईस एक्का, ग्राम सिकरियाटांड़ सैंडीह, थाना पाकरटांड़, जिला सिमडेगा) के रूप में की गई। वहीं दूसरी जगह थोड़ी दूरी पर बरामद शव की जेब से मिले आधार कार्ड के आधार पर उसकी पहचान संजय खेस्स (पिता अलबिनुस खेस्स, ग्राम सेवई टेनाटोली, थाना सिमडेगा) के रूप में की गई।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
इस दुखद हादसे के बाद प्रशासन की तत्परता की सराहना की जा रही है। सूचना मिलते ही सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे और नदी में सर्च ऑपरेशन सुनिश्चित कराया।
पुलिस अधीक्षक सिमडेगा ने कहा: “हमारी प्राथमिकता थी कि लापता व्यक्तियों को जल्द से जल्द खोज निकाला जाए। लगातार प्रयासों के बाद दोनों शव बरामद कर लिए गए हैं। प्रशासन पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है।”
मृतकों की पहचान और ग्रामीणों की भूमिका
पहला शव मिलने पर स्थानीय ग्रामीणों ने पहचान की पुष्टि की और प्रशासन को सहयोग दिया। दूसरे शव की जेब से आधार कार्ड मिलने के बाद परिजनों को बुलाया गया और उनकी उपस्थिति में पहचान सुनिश्चित की गई। इस दौरान स्थानीय नागरिकों का धैर्य और सहयोग प्रशासन के लिए सहायक सिद्ध हुआ।
परिवार और क्षेत्र में शोक की लहर
इन दोनों मौतों से संबंधित गांवों में शोक की लहर दौड़ गई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से नदी पार करने की सुरक्षित व्यवस्था करने की मांग उठाई है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
न्यूज़ देखो: नदी सुरक्षा पर उठे सवाल
यह घटना एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में नदी पार करने की खतरनाक स्थिति को उजागर करती है। हर साल बरसात के मौसम में इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन स्थायी समाधान की दिशा में कदम कम उठाए जाते हैं। प्रशासन की तत्परता सराहनीय है, लेकिन लंबे समय के लिए सुरक्षा इंतजाम बेहद जरूरी हैं।
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सावधानी ही सुरक्षा का रास्ता
यह हादसा हमें याद दिलाता है कि बरसात के दिनों में नदी और जलधाराओं को पार करना कितना जोखिम भरा हो सकता है। अब जरूरत है कि प्रशासन और समाज मिलकर सुरक्षा उपायों पर गंभीरता से ध्यान दें। आप अपनी राय नीचे कमेंट में साझा करें और इस खबर को आगे बढ़ाएं ताकि जागरूकता फैले और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।