हड़कंप मचाने वाली छापेमारी: शराब दुकान पर मंत्री योगेंद्र प्रसाद का औचक निरीक्षण
झारखंड के उत्पाद एवं मद्द निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने आज 11 दिसंबर 2024 को नायक फिल्म के हीरो की तरह एक्शन में उतरते हुए कांके रोड स्थित FLX 38 शराब दुकान पर छापेमारी कर स्टॉक और दस्तावेजों की जांच की। इस औचक निरीक्षण से शराब कारोबारियों के बीच हड़कंप मच गया। मंत्री ने रजिस्टर में व्हाइटनर के इस्तेमाल को गड़बड़ी का संकेत मानते हुए जांच के आदेश दिए।
राजस्व और पारदर्शिता पर मंत्री का फोकस
बुधवार को मंत्री ने उत्पाद विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर राजस्व प्राप्ति के लक्ष्यों पर चर्चा की। संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्होंने खुद निरीक्षण का निर्णय लिया।
निरीक्षण के मुख्य बिंदु:
- स्टॉक मिलान: स्टॉक और रजिस्टर के आंकड़ों का गहन विश्लेषण।
- गड़बड़ियों की पहचान: रजिस्टर में व्हाइटनर के इस्तेमाल पर शक।
- जनता का भरोसा: पारदर्शिता और विश्वास बहाल करने की प्रतिबद्धता।
संघ की प्रतिक्रिया और सुझाव
झारखंड शराब व्यापारी संघ ने इस कदम का स्वागत किया। महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने कहा कि यह छापेमारी पारदर्शिता लाने में मददगार होगी। उन्होंने नई उत्पाद नीति और लॉटरी प्रणाली से दुकान आवंटन की मांग की।
संघ के सुझाव:
- राज्य की सभी 1452 शराब दुकानों की जांच हो।
- लॉटरी प्रणाली लागू की जाए।
- नई उत्पाद नीति जल्द लाई जाए।
भविष्य की उम्मीदें और सुधार
इस कदम से उत्पाद विभाग में पारदर्शिता बढ़ने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की उम्मीद है। मंत्री की सक्रियता ने यह संदेश दिया है कि राज्य सरकार राजस्व में वृद्धि और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
संभावित लाभ:
- भ्रष्टाचार का उन्मूलन।
- राजस्व वृद्धि।
- जनता और व्यापारियों का भरोसा बहाल।
मंत्री योगेंद्र प्रसाद की यह पहल झारखंड में उत्पाद विभाग को सुधारने और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।