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शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से शुरू, हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा

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#महुआडांड़ #नवरात्र : मां दुर्गा के जयकारों से गूंजे गांव—कलश स्थापना के साथ भक्तिमय माहौल
  • 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्र का पर्व मनाया जाएगा।
  • इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी, जो समृद्धि और ज्ञान का प्रतीक है।
  • पूरे महुआडांड़ प्रखंड और आसपास के गांव भक्तिरस में डूबे नजर आए।
  • कलश स्थापना और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त आज सुबह संपन्न हुआ।
  • पूजा के लिए सामग्री और विधि पर विशेष ध्यान देकर भक्तों ने अनुष्ठान पूरे किए।

भक्तिमय माहौल से महुआडांड़ हुआ आलोकित

महुआडांड़ प्रखंड समेत चटकपुर, हामी बोहटा, बरदौनी, करकट, चम्पा, नेतरहाट और राजडण्डा गांवों में सोमवार से शारदीय नवरात्र की शुरुआत बड़े हर्षोल्लास के साथ हुई। सुबह से ही मंदिरों और घरों में मां दुर्गा के जयकारे गूंजते रहे। भक्तों ने पूरे विधि-विधान के साथ कलश स्थापना कर मां दुर्गा की उपासना शुरू की।

घटस्थापना का महत्व और शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस वर्ष नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर को प्रतिपदा तिथि से हुई, जो 23 सितंबर देर रात 2:55 बजे तक रहेगी। कलश स्थापना का शुभ समय आज सुबह अभिजीत मुहूर्त (11:49 से 12:38) के बीच रहा। इस दौरान की गई पूजा और स्थापना अत्यंत फलदायी मानी गई।

कलश स्थापना की परंपरा और सामग्री

कलश स्थापना के लिए भक्तों ने विशेष तैयारी की। लकड़ी की चौकी, सात प्रकार के अनाज, मिट्टी का पात्र, गंगाजल, नारियल, आम के पत्ते और लाल वस्त्र जैसी सामग्री का उपयोग किया गया। कलश में गंगाजल भरकर उस पर नारियल और आम के पत्ते रखे गए। इसके बाद अखंड दीप प्रज्वलित कर मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना आरंभ हुई।

हाथी पर विराजमान होंगी मां दुर्गा

धार्मिक मान्यता है कि हर वर्ष मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं, और उनका वाहन आगामी समय का संकेत देता है। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। हाथी को धन, ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, यह आगमन भक्तों के जीवन में सुख-शांति, आनंद और धैर्य का संचार करेगा और आने वाला समय खुशहाली से परिपूर्ण होगा।

गांवों में उत्साह और श्रद्धा का संगम

नवरात्र को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में खासा उत्साह देखने को मिला। मंदिरों और घरों में सजावट की गई और जगह-जगह माता की चौकी सजाई गई। महिलाएं और बच्चियां पारंपरिक परिधान में पूजा-अर्चना में शामिल हुईं। नौ दिनों तक मां के नौ रूपों की पूजा के लिए भक्ति भाव से लोग तैयार हैं।

न्यूज़ देखो: आस्था और परंपरा की अद्भुत झलक

शारदीय नवरात्र केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आस्था और परंपरा का जीवंत उत्सव है। महुआडांड़ और आसपास के गांवों में दिखा उत्साह बताता है कि ग्रामीण समाज आज भी अपनी संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। “न्यूज़ देखो” मानता है कि इस तरह के पर्व समाज को एकजुट करते हैं और नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से परिचित कराते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आस्था से मिलता है सामूहिक बल

मां दुर्गा के आगमन पर गूंजते जयकारे हमें याद दिलाते हैं कि सामूहिक श्रद्धा और आस्था समाज को एकजुट करती है। इस नवरात्र हम सबको चाहिए कि भक्ति के साथ-साथ स्वच्छता, भाईचारे और सामाजिक सद्भाव का भी संकल्प लें। आप अपने घर और गांव में नवरात्र कैसे मना रहे हैं? कमेंट कर साझा करें और इस खबर को अपने दोस्तों व परिवार के साथ शेयर करना न भूलें।

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