
#गढ़वा #सरकारी_नियुक्ति : सीमित संसाधनों से प्रशासनिक सेवा तक का प्रेरक सफर।
गढ़वा जिले के विशुनपुरा प्रखंड निवासी शेखर गुप्ता को राज्य सरकार ने सहायक प्रशाखा पदाधिकारी नियुक्त किया है। विधि एवं कार्मिक विभाग में चयन के बाद उन्हें विधिवत नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। इस उपलब्धि से पूरे विशुनपुरा क्षेत्र में खुशी और गर्व का माहौल है। शेखर की सफलता को मेहनत, अनुशासन और दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम माना जा रहा है।
- विशुनपुरा निवासी शेखर गुप्ता का राज्य सेवा में चयन।
- विधि एवं कार्मिक विभाग में सहायक प्रशाखा पदाधिकारी पद पर नियुक्ति।
- मणिधर प्रसाद गुप्ता के छोटे पुत्र हैं शेखर गुप्ता।
- चयन से रौनियार समाज सहित पूरे क्षेत्र में खुशी।
- युवाओं के लिए बनी मेहनत और लगन की मिसाल।
गढ़वा जिले के विशुनपुरा प्रखंड के लिए यह एक गौरवपूर्ण क्षण है, जब प्रखंड मुख्यालय निवासी शेखर गुप्ता उर्फ छोटू ने राज्य प्रशासनिक सेवा में स्थान बनाकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। राज्य सरकार द्वारा उन्हें सहायक प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया है। सरकार की ओर से विधिवत नियुक्ति पत्र मिलने के बाद जैसे ही यह सूचना क्षेत्र में फैली, लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।
शेखर गुप्ता, विशुनपुरा निवासी मणिधर प्रसाद गुप्ता के छोटे पुत्र हैं। उनका चयन राज्य सरकार के विधि एवं कार्मिक विभाग में हुआ है। सीमित संसाधनों और ग्रामीण परिवेश से निकलकर प्रशासनिक सेवा तक पहुंचने की उनकी यह यात्रा आज कई युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।
मेहनत, अनुशासन और लक्ष्य के प्रति समर्पण का परिणाम
शेखर गुप्ता की सफलता को लेकर क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यह उपलब्धि अचानक नहीं मिली, बल्कि इसके पीछे वर्षों की मेहनत, अनुशासन और निरंतर प्रयास छिपा है। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन कभी अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटे।
परिवार के करीबी बताते हैं कि शेखर शुरू से ही पढ़ाई को लेकर गंभीर रहे हैं और प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना देखते थे। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने आत्मविश्वास बनाए रखा और कठिन परिश्रम के बल पर यह मुकाम हासिल किया।
परिवार और समाज में खुशी का माहौल
शेखर गुप्ता के चयन से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा विशुनपुरा प्रखंड गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। परिजनों ने मिठाई बांटकर खुशी साझा की और ईश्वर का आभार प्रकट किया।
रौनियार समाज के लोगों ने भी शेखर की सफलता पर हर्ष व्यक्त किया है। समाज के वरिष्ठ सदस्यों का कहना है कि शेखर ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी युवा सफलता हासिल कर सकता है।
युवाओं के लिए बने प्रेरणास्रोत
शेखर गुप्ता की इस उपलब्धि को लेकर क्षेत्र के शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों ने भी खुशी जाहिर की है। उनका मानना है कि यह सफलता ग्रामीण क्षेत्र के उन युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगी, जो संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों को अधूरा छोड़ देते हैं।
लोगों का कहना है कि शेखर की कहानी यह संदेश देती है कि परिस्थिति चाहे जैसी भी हो, मेहनत और लगन से हर लक्ष्य को पाया जा सकता है। उनकी सफलता से विशुनपुरा और आसपास के क्षेत्रों में पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रति युवाओं का रुझान और बढ़ेगा।
दायित्वों के प्रति ईमानदारी की उम्मीद
परिवार के सदस्य प्रशांत गुप्ता (कुलु) ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि शेखर गुप्ता अपने पद और दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी, निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ करेंगे। उन्होंने कहा कि शेखर प्रशासनिक सेवा में रहकर आम लोगों की समस्याओं के समाधान और व्यवस्था को सुदृढ़ करने में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।
क्षेत्रवासियों को भी उम्मीद है कि शेखर गुप्ता अपने कार्यकाल में पारदर्शिता और जनहित को प्राथमिकता देंगे और अपने व्यवहार से प्रशासन पर लोगों का भरोसा और मजबूत करेंगे।
न्यूज़ देखो: मेहनत की जीत, युवाओं के लिए संदेश
शेखर गुप्ता की नियुक्ति यह दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों से निकलकर भी युवा राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा बन सकते हैं। यह सफलता प्रशासनिक सेवाओं में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को भी मजबूत करती है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वे अपने दायित्वों के माध्यम से समाज और शासन के बीच सेतु बनकर कैसे योगदान देते हैं।
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सपने बड़े हों, तो रास्ते खुद बनते हैं
शेखर गुप्ता की सफलता हर उस युवा के लिए संदेश है, जो कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानता।
मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास से कोई भी मंज़िल दूर नहीं।
अपने लक्ष्य पर विश्वास रखें और निरंतर प्रयास करते रहें।
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