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झारखंड बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल होगी शिबू सोरेन की जीवनी: 2026 से बच्चों को पढ़ाई जाएगी गुरुजी की जीवनगाथा

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#रांची #शिक्षा_नीति : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी सहमति, दूसरी से ग्यारहवीं तक 10 अध्याय जोड़े जाएंगे
  • झारखंड बोर्ड के पाठ्यक्रम में दिशोम गुरु शिबू सोरेन का अध्याय शामिल।
  • 2026 से दूसरी से 11वीं तक की कक्षाओं में 10 अध्याय पढ़ाए जाएंगे।
  • सबसे अधिक तीन अध्याय कक्षा आठवीं की पुस्तकों में जोड़े जाएंगे।
  • प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी सहमति।
  • शिक्षा विभाग ने कंटेंट तैयार कर टेंडर प्रक्रिया की तैयारी शुरू की।

राज्य की शिक्षा व्यवस्था में अब एक ऐतिहासिक पहल जुड़ने जा रही है। झारखंड बोर्ड ने वर्ष 2026 से स्कूली पाठ्यक्रम में दिशोम गुरु शिबू सोरेन की जीवनी शामिल करने का निर्णय लिया है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इसके बाद विभाग ने पाठ्यक्रम में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

10 अध्यायों के साथ तैयार हुआ सिलेबस

नई शिक्षा सामग्री के तहत कक्षा दो से ग्यारहवीं तक की सात कक्षाओं में शिबू सोरेन के जीवन से जुड़े कुल 10 अध्याय जोड़े गए हैं। इनमें से कक्षा आठवीं की किताबों में सबसे अधिक तीन अध्याय रहेंगे। वहीं कक्षा छह की किताब में दो अध्याय होंगे। इसके अलावा कक्षा दो, चार, सात, नौवीं और ग्यारहवीं की किताबों में एक-एक अध्याय शामिल किया गया है।

कौन-कौन से अध्याय शामिल होंगे

  • कक्षा 2 (हिंदी): बहादुर शिवलाल (चित्रकथा)
  • कक्षा 4 (पर्यावरण विज्ञान): शिबू सोरेन – पर्यावरण संरक्षण
  • कक्षा 6 (सामाजिक अध्ययन): दिशोम गुरु – आजीविका
  • कक्षा 7 (हिंदी): गुरुजी का अकिल अखड़ा (पटकथा)
  • कक्षा 8 (हिंदी): दिशोम गुरु शिबू सोरेन (संक्षिप्त जीवनी)
  • कक्षा 8 (सामाजिक अध्ययन): दिशोम गुरु और अबुआ राज
  • कक्षा 8 (सामाजिक अध्ययन): गुरुजी की अदालत – चेताव बैसी/विचार बैसी
  • कक्षा 9 (हिंदी): शिबू सोरेन – आदिवासी चेतना का प्रहरी (निबंध)
  • कक्षा 11 (राजनीति विज्ञान): गुरुजी का उन्नीस सूत्री कार्यक्रम
  • अतिरिक्त विषय: गुरुजी का नशामुक्ति अभियान (सामाजिक अध्ययन)

शिक्षा विभाग ने शुरू की प्रक्रिया

सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद शिक्षा विभाग अब इस सामग्री को नए पाठ्यक्रम में शामिल करने और संबंधित पुस्तकों की छपाई की तैयारी कर रहा है। इसके लिए अगले माह से टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि यह पहल बच्चों को झारखंड की ऐतिहासिक और सामाजिक चेतना से जोड़ने में मददगार साबित होगी।

न्यूज़ देखो: शिक्षा में शामिल हुआ झारखंड का संघर्ष

दिशोम गुरु शिबू सोरेन के जीवन से जुड़े अध्याय स्कूलों में पढ़ाए जाने से नई पीढ़ी को झारखंड आंदोलन, आदिवासी चेतना और सामाजिक संघर्ष की गहरी समझ मिलेगी। यह निर्णय शिक्षा को केवल ज्ञान तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि बच्चों को अपने राज्य की जड़ों और नायकों से जोड़ने का काम करेगा।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत

झारखंड सरकार का यह फैसला आने वाले कल के लिए एक मजबूत नींव है। बच्चों को जब अपने नायकों की गाथा से प्रेरणा मिलेगी तो वे संघर्ष, नेतृत्व और समाज सेवा के मूल्यों को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। अब वक्त है कि हम सब शिक्षा को सिर्फ परीक्षा तक सीमित न रखें, बल्कि इसे चरित्र निर्माण का माध्यम बनाएं।
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