
हाइलाइट्स:
- रांची विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में धीरज दुबे को LL.M की उपाधि मिली।
- मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, कुलपति अजीत कुमार सिंहा और प्राचार्य पंकज कुमार चतुर्वेदी ने किया सम्मानित।
- शिक्षा के साथ समाजसेवा में भी निभा रहे अहम भूमिका।
- झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने संगठन में दी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी।
रांची विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में धीरज दुबे सम्मानित
गढ़वा जिले के होनहार छात्र धीरज दुबे को रांची विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में मास्टर ऑफ लॉ (LL.M) की उपाधि प्रदान की गई। उन्हें यह सम्मान माननीय मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, कुलपति अजीत कुमार सिंहा और छोटा नागपुर लॉ कॉलेज के प्राचार्य पंकज कुमार चतुर्वेदी के हाथों मिला।
इस उपलब्धि पर परिवार, मित्रों और जिलेवासियों में हर्ष का माहौल है। उनकी सफलता को जिले के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत माना जा रहा है।
शिक्षा के प्रति समर्पण और संघर्ष की कहानी
धीरज दुबे साधारण परिवार से आते हैं, लेकिन उन्होंने मेहनत और लगन के बल पर उच्च शिक्षा प्राप्त की।
“उनकी प्रारंभिक शिक्षा आर.के. पब्लिक स्कूल, गढ़वा में हुई, जहां से उन्होंने 10वीं परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद, उन्होंने एन.के.डी.ए.भी स्कूल, पलामू से 12वीं की परीक्षा पास की।”
शुरुआत से ही कानून की पढ़ाई में रुचि रखने वाले धीरज दुबे ने अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए LL.M तक की पढ़ाई पूरी की।
समाजसेवा में भी निभा रहे अहम भूमिका
धीरज दुबे सिर्फ एक मेधावी छात्र ही नहीं, बल्कि एक समाजसेवी भी हैं। वे हमेशा समाज के विकास और जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं।
“जहां कहीं अन्याय हुआ, वहां उन्होंने मजबूती से अपनी आवाज उठाई।”
छात्र राजनीति में भी उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई और समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाई।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने दी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
धीरज दुबे के निडर और ईमानदार स्वभाव के कारण झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने संगठन में उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है।
“समाज की सेवा करना मेरा सपना रहा है, और आज LL.M की उपाधि प्राप्त कर मैंने अपने जिले और समाज का नाम रोशन किया है। यह मेरी जिंदगी का सबसे खुशी भरा दिन है।”
परिवार और जिले में खुशी की लहर
उनकी इस सफलता पर परिवार, शिक्षक, मित्र और शुभचिंतक बेहद खुश हैं। उनकी उपलब्धि से गढ़वा जिले के अन्य छात्र भी प्रेरित हो रहे हैं।
“यदि मन में लक्ष्य के प्रति सच्ची लगन और मेहनत हो, तो कोई भी व्यक्ति अपनी मंजिल हासिल कर सकता है।”
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
उनकी सफलता पर शिक्षाविदों, समाजसेवियों और शुभचिंतकों ने उन्हें बधाई दी।
गढ़वा के एक शिक्षाविद् ने कहा, “धीरज दुबे ने यह साबित कर दिया कि मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी उपलब्धि जिले के अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा है।”
गढ़वा के लिए गर्व का क्षण
धीरज दुबे की यह उपलब्धि गढ़वा जिले के लिए गर्व की बात है। उनकी शिक्षा और समाजसेवा के प्रति प्रतिबद्धता उन्हें एक मिसाल बनाती है।
उनकी सफलता से यह स्पष्ट होता है कि सच्ची मेहनत और लगन से हर सपना पूरा किया जा सकता है। उनकी इस उपलब्धि से प्रेरणा लेते हुए जिले के अन्य युवा भी शिक्षा और समाजसेवा में योगदान देकर अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।
‘न्यूज़ देखो’ धीरज दुबे की इस प्रेरणादायक यात्रा पर आगे भी नजर बनाए रखेगा।