
#विश्रामपुर #शिवमंदिर : आस्था से सराबोर आयोजन में उमड़ा जनसैलाब, सामाजिक एकता का संदेश
- पांडु प्रखंड के ओबरा गांव में धार्मिक उल्लास के बीच शिव मंदिर की स्थापना।
- स्वर्गीय विनोद सिंह के पैतृक आवास परिसर में हुआ भव्य आयोजन।
- मुख्य अतिथि सुधीर चंद्रवंशी ने कहा – यह आस्था और एकता का प्रतीक।
- कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गणमान्य लोग और ग्रामीण शामिल हुए।
- भजन-कीर्तन, प्रसाद वितरण से गूंजा वातावरण हर-हर महादेव के जयघोष से।
विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाके पांडु प्रखंड के रतनाग पंचायत स्थित ओबरा गांव में सोमवार को धार्मिक उत्साह और पारंपरिक विधि-विधान के साथ शिव मंदिर की स्थापना की गई। इस आयोजन ने पूरे क्षेत्र को आस्था, भक्ति और सनातन संस्कृति के रंग में रंग दिया।
शिव मंदिर स्थापना से गूंज उठा ओबरा
मंदिर की स्थापना पूर्व विधायक स्वर्गीय विनोद सिंह के पैतृक आवास परिसर में की गई, जहां सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कार्यक्रम के दौरान हर तरफ हर-हर महादेव के जयघोष गूंजते रहे और वातावरण भक्ति से सराबोर हो गया। ग्रामीणों ने इसे अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने की एक बड़ी पहल बताया।
मुख्य अतिथि का संदेश – आस्था और एकता का प्रतीक
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में सुधीर चंद्रवंशी (पूर्व विधानसभा प्रत्याशी) मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि शिव मंदिर की स्थापना केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है।
सुधीर चंद्रवंशी ने कहा: “यह मंदिर हमारी सनातन संस्कृति की जीवंत पहचान है। ऐसे आयोजन समाज को जोड़ते हैं और संस्कृति को सहेजने का कार्य करते हैं।”
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने बढ़ाया महत्व
इस भव्य आयोजन में युवा समाजसेवी विवेक शुक्ला, पूर्व विधायक प्रत्याशी जितेंद्र सिंह (1989), कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष रवि शुक्ला, वरिष्ठ कार्यकर्ता बुलू सिंह, शक्ति सिंह, नीतू सिंह, सतेंद्र सिंह, उपेंद्र नारायण सिंह, प्रह्लाद सिंह, कुणाल चौबे, डब्बू चौबे, अरुण मेहता और राजा नागेंद्र दास सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
परिवार की उपस्थिति ने बनाया भावुक माहौल
इस मौके पर स्वर्गीय विनोद सिंह जी की धर्मपत्नी मालती देवी के साथ विमला देवी, उत्तम देवी, दुलारी देवी, गायत्री देवी और रजनीकांत सहित परिवारजन भी उपस्थित रहे। ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर का यह निर्माण दिवंगत नेता के सपनों को साकार करता है।
सांस्कृतिक रस्मों और भक्ति का संगम
मंदिर स्थापना के बाद परिसर में भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण का आयोजन हुआ। सैकड़ों ग्रामीणों और हजारों श्रद्धालुओं ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर ने न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत किया, बल्कि सामाजिक मेलजोल को भी नया आयाम दिया।



न्यूज़ देखो: आस्था से जागी सामाजिक एकता
ओबरा गांव में हुआ यह आयोजन बताता है कि धार्मिक स्थल केवल पूजा का स्थान नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का माध्यम भी हैं। ऐसे आयोजनों से समाज में एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा मिलता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
चलिए संस्कृति को संजोने का संकल्प लें
शिव मंदिर की स्थापना जैसी पहलें हमें अपने मूल्यों और परंपराओं से जोड़ती हैं। आइए, इस सकारात्मक संदेश को आगे बढ़ाएं। अपनी राय कॉमेंट में लिखें और इस खबर को दोस्तों व परिवार के साथ साझा करें।