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गढ़वा में दिल दहला देने वाली घटना: परिवार के लोगो ने हाथ-पैर बांधकर युवक को रातभर पीटा हालत नाजुक

#गढ़वा #क्राइम : अशोक बिहार मोहल्ले में पारिवारिक विवाद ने ली भयावह शक्ल

गढ़वा शहर से सटे जोबरैया अशोक बिहार मोहल्ले में बुधवार की रात एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना हुई। मामूली विवाद ने ऐसा भयावह रूप ले लिया कि परिवारवालों के साथ मिलकर युवक को अमानवीय यातनाओं का शिकार बना डाला। इस घटना ने न सिर्फ मोहल्ले में सनसनी फैलाई, बल्कि सामाजिक मूल्यों पर भी सवाल खड़े कर दिए।

घटना में घायल युवक की पहचान मानिक चंद साव के पुत्र रणजीत कुमार (28 वर्ष) के रूप में हुई है। फिलहाल उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है और वह सदर अस्पताल में भर्ती है।

विवाद से उपजा कहर

प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवार में किसी मामूली बात को लेकर विवाद हुआ था। विवाद इतना बढ़ गया कि रणजीत कुमार के परिवार के लोगों ने उसे पकड़ लिया। आरोप है कि पहले रणजीत के हाथ-पैर रस्सी से बांध दिए गए और पूरी रात उसकी बेरहमी से पिटाई की गई।

सुबह होते ही स्थिति और भयावह हो गई। घायल रणजीत को मोहल्ले के एक पेड़ से बांध दिया गया और उस पर पानी डालते हुए लगातार मारपीट की गई। आसपास के लोग इस अमानवीय कृत्य को देखते रहे लेकिन किसी ने बीच-बचाव की हिम्मत नहीं दिखाई। रणजीत दर्द से तड़पता रहा और अपने ही परिवार की बेरहमी सहता रहा।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

घटना की सूचना अहले सुबह गढ़वा थाना पुलिस तक पहुँची। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी सुनील कुमार तिवारी ने पुलिस टीम को मौके पर भेजा और रणजीत को बंधन से मुक्त कराकर अस्पताल भेजा। गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने बताया कि युवक को कई चोटें आई हैं और उसकी स्थिति चिंताजनक है।

पुलिस ने इस मामले में शामिल परिजनों को थाने ले जाकर पूछताछ की। थाना प्रभारी ने कहा कि मामला फिलहाल पारिवारिक आपसी विवाद का प्रतीत होता है। हालांकि अभी तक किसी पक्ष ने लिखित आवेदन नहीं दिया है। आवेदन मिलते ही कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मोहल्ले में दहशत और सवाल

इस घटना ने पूरे अशोक बिहार मोहल्ले में दहशत फैला दी है। लोग चर्चा कर रहे हैं कि आखिर किस तरह मामूली विवाद ने इतना बड़ा और अमानवीय रूप ले लिया। मोहल्लेवासियों का कहना है कि यह घटना निंदनीय है और समाज में भाईचारे व पारिवारिक मूल्यों पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।

न्यूज़ देखो: पारिवारिक विवाद से उपजा सामाजिक संकट

यह घटना केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि समाज के बदलते हालातों की ओर भी इशारा करती है। मामूली विवाद अगर समय पर सुलझाए न जाएँ तो वे विनाशकारी परिणाम दे सकते हैं। पुलिस की तत्परता सराहनीय है, लेकिन समाज को भी जिम्मेदारी निभानी होगी ताकि ऐसे मामलों को रोका जा सके।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब समय है कि हम सब मिलकर नफरत और हिंसा के खिलाफ खड़े हों

घरों और मोहल्लों में छोटे-छोटे विवादों को बातचीत से सुलझाने की आदत डालें। हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि यह रिश्तों को तोड़ती है और समाज को कमजोर करती है। आइए हम सब मिलकर भाईचारे और शांति का संदेश फैलाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक शेयर करें ताकि जागरूकता फैले।

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