Ranchi

बच्चों के नामांकन में लापरवाही पर सात जिलों के एपीओ को शो-कॉज

Join News देखो WhatsApp Channel
#रांची #शिक्षा_अभियान : स्कूल रुआर अभियान-2025 की समीक्षा में खुली पोल — सात जिलों के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारियों पर गिरी गाज
  • स्कूल रुआर-2025 की समीक्षा में सामने आई गंभीर लापरवाही
  • पलामू व सरायकेला-खरसांवा को 10 जुलाई तक डेटा अपडेट करने का निर्देश
  • अब तक 1.38 लाख बच्चों और 4,019 दिव्यांगों का हो चुका नामांकन
  • गिरिडीह, हजारीबाग, खूंटी, लोहरदगा के एपीओ को शो-कॉज नोटिस जारी
  • प्राथमिक कक्षाओं में नामांकन रिपोर्टिंग में शून्य प्रतिशत पाया गया

नामांकन में लापरवाही पर विभाग सख्त, सात जिलों के अधिकारियों को नोटिस

रांची: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPC) द्वारा स्कूल रुआर अभियान-2025 की समीक्षा के दौरान बच्चों के स्कूल नामांकन में भारी लापरवाही सामने आई है। इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए परिषद ने सात जिलों के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारियों (एपीओ) को शो-कॉज नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है। बैठक की अध्यक्षता JEPC के प्रशासी पदाधिकारी सचिदानंद तिग्गा ने की।

शून्य प्रतिशत डेटा अपलोडिंग पर उठे सवाल

बैठक के दौरान गिरिडीह, हजारीबाग, खूंटी और लोहरदगा जिलों में आउट ऑफ स्कूल बच्चों के प्रत्यक्ष नामांकन (प्राथमिक) मॉड्यूल में कोई भी डेटा दर्ज नहीं पाया गया, जो योजना की गंभीर अनदेखी को दर्शाता है। इस पर परिषद ने स्पष्ट निर्णय लेते हुए इन चार जिलों के नामांकन प्रभाग प्रभारियों को कारण बताओ नोटिस (शो-कॉज) भेजने का निर्देश जारी किया।

पलामू व सरायकेला को 10 जुलाई तक अल्टीमेटम

पलामू और सरायकेला-खरसांवा जिलों के नामांकन डेटा अद्यतन की स्थिति भी समीक्षा में असंतोषजनक पाई गई। इन जिलों को 10 जुलाई तक 100% डेटा अपलोड करने का निर्देश जारी किया गया है। अधिकारियों को यह चेतावनी दी गई है कि तय समय में कार्य नहीं होने पर आगे की कार्रवाई के लिए जिम्मेदार माना जाएगा

अब तक का नामांकन आंकड़ा

अभियान के तहत अब तक की स्थिति के अनुसार, 1,38,945 बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया गया है, जो राज्य भर में शिक्षा पहुंचाने के प्रयासों का संकेत है। इसके अतिरिक्त, 4,019 दिव्यांग बच्चों को भी स्कूलों में नामांकित किया गया है, जो एक सराहनीय पहल है।

सचिदानंद तिग्गा ने कहा: “बच्चों के अधिकारों से जुड़ी योजनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ज़िलों को समय रहते अपने दायित्व निभाने होंगे।”

शिक्षा पहुंचाने के लिए ज़िला अधिकारियों की जवाबदेही जरूरी

समीक्षा बैठक में यह भी महसूस किया गया कि शिक्षा से वंचित बच्चों तक स्कूल की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जिलास्तर पर गंभीरता से कार्य योजना बनानी होगी। नामांकन से जुड़े आंकड़ों की वास्तविकता केवल कागज़ पर नहीं, फील्ड में नजर आनी चाहिए। प्राथमिक कक्षाओं में 0% रिपोर्टिंग बताती है कि ज़िला प्रशासन की सक्रियता में भारी कमी है।

न्यूज़ देखो: शिक्षा के अधिकार को गंभीरता से लेने की ज़रूरत

शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों के नामांकन के प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन ज़िला स्तर पर लापरवाही नीतियों को विफल बना सकती है। गिरिडीह, हजारीबाग, खूंटी, लोहरदगा जैसे जिलों में शून्य डेटा यह दर्शाता है कि जमीनी स्तर पर शिक्षा अभियानों को ईमानदारी से लागू नहीं किया जा रहा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

शिक्षा सबका अधिकार है — इसे सुनिश्चित करना हम सबकी जिम्मेदारी

झारखंड के हर बच्चे तक स्कूल की पहुँच एक सामूहिक प्रयास है। यदि आप किसी ऐसे बच्चे को जानते हैं जो स्कूल नहीं जा रहा, तो स्थानीय शिक्षा पदाधिकारी से संपर्क करें। इस लेख को साझा करें ताकि ज़्यादा लोग स्कूल रुआर अभियान से जुड़ सकें और बच्चों का भविष्य सुरक्षित बना सकें।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

20250923_002035
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250723-WA0070
Engineer & Doctor Academy
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250604-WA0023 (1)
Radhika Netralay Garhwa
1000264265
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: