Garhwa

श्रीराम कथा के छठे दिन उमड़ा भक्तों का सैलाब, पंडाल में भीड़ से कम पड़ी जगह

Join News देखो WhatsApp Channel

#गढ़देवी : भरत चरित्र, केवट भक्ति और राम वनगमन ने बांधा श्रद्धालुओं का मन:

  • गढ़देवी मोहल्ला स्थित नरगिर आश्रम में रामकथा के छठे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
  • कथा वाचक बालस्वामी प्रपन्नाचार्य ने कैकेई, राम वनगमन, केवट प्रसंग और भरत मिलाप पर रोचक कथा सुनाई।
  • कथा के दौरान मधुर भजनों से वातावरण भक्तिमय बना रहा।
  • राम विवाह, केवट की भक्ति, और भरत के त्याग जैसे प्रसंगों ने लोगों को भावुक किया।
  • रामनवमी पर हवन और भंडारे का आयोजन सुबह 7 बजे से किया जाएगा।

गढ़देवी मोहल्ला स्थित नरगिर आश्रम में चल रही रामकथा के छठे दिन शनिवार को श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाओं की संख्या विशेष रूप से अधिक रही। कथा पंडाल में जगह कम पड़ गई, लेकिन आस्था में कोई कमी नहीं आई। कथा वाचक प्रपन्नाचार्य जी ने राम विवाह से लेकर राम वनगमन, भरत चरित्र और केवट प्रसंग तक के विविध प्रसंगों को रोचक शैली में प्रस्तुत किया।

राम कथा में उजागर हुए जीवन के गहरे मूल्य

प्रपन्नाचार्य जी ने बताया कि जो घर अयोध्या कांड की आठ मंगलकारी चौपाइयों का नित्य गायन और आचरण करते हैं, वहां दरिद्रता दूर होती है और सुख-शांति का वास होता है। राम के विवाह के समय अयोध्या नगरी में जो आनंद हुआ, उसे सरस्वती और शेषनाग भी पूर्ण रूप से व्यक्त नहीं कर सकते।

भरत चरित्र से मिली त्याग और प्रेम की प्रेरणा

कथावाचक ने भरत के चरित्र को एक अद्भुत आदर्श बताया। कैकेई द्वारा राम को वनवास और भरत को राजगद्दी मांगने के बाद भी भरत ने राजगद्दी अस्वीकार कर राम की चरणपादुका को सिंहासन पर रख कर संयम, त्याग और भ्रातृत्व प्रेम की मिसाल कायम की। भरत का यह चरित्र आज के समाज के लिए भाईचारे और ईश्वर प्रेम का प्रेरणास्रोत है।

केवट की भक्ति ने दिल को छुआ

केवट प्रसंग में बताया गया कि एक सामान्य नाविक होते हुए भी केवट ने बिना किसी शुल्क के भगवान श्रीराम को गंगा पार कराया। उसकी भक्ति और प्रेम देखकर भगवान स्वयं प्रसन्न होकर उसे आशीर्वाद देते हैं। यह प्रसंग समर्पण, भक्ति और सरलता का प्रतीक है।

प्रपन्नाचार्य जी ने यह भी कहा कि भगवान ने कभी जात-पात का भेदभाव नहीं कियाकेवट और शबरी इसका साक्षात प्रमाण हैं।

“भगवान के ‘नाम’ का महत्व भगवान से भी अधिक होता है, और मन की निर्मलता ही ईश्वर प्राप्ति का सरल मार्ग है।”प्रपन्नाचार्य जी

रामनवमी आयोजन की तैयारी

आयोजन समिति अध्यक्ष चंदन जायसवाल ने बताया कि रामनवमी के दिन सुबह 7 बजे से हवन और उसके बाद भंडारा का आयोजन किया जाएगा। श्रद्धालुओं से इसमें भाग लेने की अपील की गई है।

कथा को सफल बनाने में जुटे रहे ये लोग

इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में जगजीवन बघेल, दीनानाथ बघेल, जयशंकर बघेल, गुड्डू हरि, विकास ठाकुर, भरत केशरी, गौतम शर्मा, धर्मनाथ झा, अजय राम, गौतम चंद्रवंशी, सोनू बघेल, पवन बघेल, आशीष बघेल, सुमित लाल, अजय सिंह, राकेश चंद्रा, सूरज सिंह, शांतनु केशरी, शुभम् चंद्रवंशी, सोनू, सुन्दरम्, शिवा सहित कई कार्यकर्ता सक्रिय रहे।

श्रद्धा और संस्कृति की आवाज — ‘न्यूज़ देखो’ के साथ

गढ़देवी की इस रामकथा ने समाज को आध्यात्मिकता, भक्ति और मानवीय मूल्यों से जोड़ने का कार्य किया है। ऐसे धार्मिक आयोजनों की सजीव और विस्तृत कवरेज के लिए ‘न्यूज़ देखो’ बना रहेगा आपकी आस्था की आवाज।
हर ख़बर पर रहेगी हमारी नजर।

आपकी राय हमारे लिए जरूरी है

अगर आपको यह खबर पसंद आई हो तो कृपया इसे रेट करें और अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20251017-WA0018
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250925-WA0154
1000264265
IMG-20250723-WA0070
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Sonu Kumar

गढ़वा

Related News

Back to top button
error: