
#गढ़वा #धार्मिक_आयोजन : श्रीराम कथा से नवादा ग्राम में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
- नवादा ग्राम में श्रीराम कथा का शुभारंभ, पूरा क्षेत्र भक्ति रस में सराबोर।
- एसडीओ संजय कुमार पांडे बोले, यह आयोजन समाज में भाईचारा और प्रेम का संदेश देता है।
- युवा समाजसेवी राकेश पाल ने कहा, नई पीढ़ी को धर्म और सेवा का मार्ग मिलेगा।
- श्रद्धालुओं की भारी भीड़, फूलों और रोशनी से सजा कथा स्थल।
- आयोजन में कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति से गरिमा और बढ़ी।
गढ़वा जिले के नवादा ग्राम में आयोजित श्रीराम कथा ने पूरे गांव और आसपास के क्षेत्रों को भक्ति और आस्था के रंग में रंग दिया है। गांव की गलियां जहां सजावट से जगमगा रही थीं, वहीं कथा स्थल पर गूंजते भजनों ने माहौल को आध्यात्मिक बना दिया।
भक्ति और मर्यादा का संदेश
इस अवसर पर एसडीओ संजय कुमार पांडे ने कहा कि श्रीराम कथा केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भाईचारा, प्रेम और मर्यादा का संदेश देने वाला कार्यक्रम है। उन्होंने ग्रामीणों के उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज और अधिक सुदृढ़ बनता है।
युवाओं में धर्म का संचार
युवा समाजसेवी राकेश पाल ने कहा कि गांव में इतने भव्य स्तर पर श्रीराम कथा का आयोजन गर्व की बात है। इससे नई पीढ़ी धर्म, सत्य और सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होगी।
समाजसेवी विनोद जायसवाल ने इसे सामाजिक एकता और सद्भावना का प्रतीक बताया और कहा कि यहां हर व्यक्ति एक साथ जुड़ रहा है, यही श्रीराम का सच्चा संदेश है।
समाजसेवी रंजीत सिंह ने कहा कि नवादा ग्राम के लोगों की श्रद्धा साबित करती है कि धर्म और आस्था समाज को मजबूत करने की सबसे बड़ी शक्ति है।
उमड़ा जनसैलाब
कथा स्थल पर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। फूलों और रोशनी से सजाए गए स्थल ने आयोजन को और भी पावन बना दिया। हर व्यक्ति भक्ति रस में डूबा दिखाई दिया।
गणमान्य लोगों की गरिमामयी उपस्थिति
इस आयोजन की शोभा बढ़ाने के लिए कई गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। इनमें पुनीत जायसवाल, गोविन्द जायसवाल, रंजीत विश्वकर्मा, सुधीर विश्वकर्मा, रजनीश जायसवाल, संजीव जायसवाल, विकास जायसवाल, अनुराग कुमार, सुनील जायसवाल, उदय प्रसाद, लखन प्रसाद, पारस नाथ प्रसाद, संतोष जायसवाल, आकाश जायसवाल, प्रमोद जायसवाल, सुखवीर पाल, रमेश पाल, शिवपुजन प्रसाद, रोशन राय, प्रशांत कुमार जायसवाल, सचिन जायसवाल, भूपेंद्र विश्वकर्मा, नागेंद्र विश्वकर्मा, बीरबल राम सहित अनेक लोगों की उपस्थिति रही।
श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक
ग्रामीणों का मानना है कि श्रीराम कथा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि गांव के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन को मजबूती देने का अवसर है। श्रद्धालुओं ने कहा कि इस आयोजन से उनके दिलों में नई ऊर्जा, सकारात्मकता और भाईचारे का भाव जागृत हुआ है।
न्यूज़ देखो: आस्था से जुड़ता समाज
श्रीराम कथा जैसे आयोजन समाज में विश्वास, भाईचारे और मर्यादा को मजबूती देते हैं। यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता का पुल भी है।
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भक्ति और संस्कृति का संगम
नवादा ग्राम में श्रीराम कथा ने यह साबित किया कि जब समाज एकजुट होकर आस्था के साथ खड़ा होता है, तो वह न केवल आध्यात्मिक शांति पाता है बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को भी मजबूत करता है। अब समय है कि हम सब इस सकारात्मक ऊर्जा को आगे बढ़ाएं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।