
#सिमडेगा #शिष्टाचारभेंट : श्रीकुल पीठ के प्रमुख महामंडलेश्वर डॉ. सचिन्द्र नाथ जी का आगमन, उपायुक्त कंचन सिंह को दिया आशीर्वाद और साधुवाद
- श्री श्री 1008 डॉ. सचिन्द्र नाथ जी महाराज का सिमडेगा आगमन देर रात हुआ।
- आज सुबह उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह से आवासीय कार्यालय में की शिष्टाचार मुलाकात।
- महाराज जी ने जिले के सर्वांगीण विकास और सामाजिक चेतना पर किया सार्थक संवाद।
- रामरेखा महोत्सव के सफल आयोजन पर उपायुक्त को दिया साधुवाद।
- महाराज जी ने बताया कि वे अयोध्या से श्रीलंका तक श्रीराम गमन पथ पर पदयात्रा कर चुके हैं।
सिमडेगा में शनिवार की सुबह आध्यात्मिक वातावरण से भर गई जब श्रीकुल पीठ (सम्बद्ध प्रधान शक्तिपीठ माँ कामाख्या देवी, गुवाहाटी, असम) के प्रमुख श्री श्री 1008 डॉ. सचिन्द्र नाथ जी महाराज का पावन आगमन हुआ। देर रात सिमडेगा पहुंचने के बाद उन्होंने आज प्रातः जिले की उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह से उनके आवासीय कार्यालय में शिष्टाचार भेंट की।
रामरेखा महोत्सव की सफलता पर साधुवाद
मुलाकात के दौरान महाराज जी ने उपायुक्त कंचन सिंह को रामरेखा महोत्सव के सफल आयोजन के लिए हार्दिक बधाई और साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन समाज को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सिमडेगा जिले को नई पहचान दिलाते हैं।
श्री श्री 1008 डॉ. सचिन्द्र नाथ जी महाराज ने कहा: “सांस्कृतिक चेतना से ही समाज का उत्थान संभव है। प्रशासन और जनता मिलकर जिले को प्रगति की नई दिशा दे सकते हैं।”
उन्होंने उपायुक्त को जिले के समग्र विकास के लिए शुभकामनाएं दीं और उन्हें “ऊर्जावान नेतृत्व” बनाए रखने का आशीर्वाद प्रदान किया।
श्रीराम गमन पथ पदयात्रा का उल्लेख
मुलाकात के दौरान महाराज जी ने अपने धार्मिक अनुभव भी साझा किए। उन्होंने बताया कि वे अयोध्या से श्रीलंका तक श्रीराम गमन पथ पर पदयात्रा कर चुके हैं, जो भारतीय आध्यात्मिक विरासत और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अभियान था। उन्होंने कहा कि यह यात्रा राष्ट्र की एकता और धर्मनिष्ठा का प्रतीक है।
सामाजिक चेतना और विकास पर संवाद
महाराज जी और उपायुक्त कंचन सिंह के बीच हुई बातचीत केवल औपचारिक नहीं थी, बल्कि इसमें सामाजिक जागरूकता, जनसेवा, और समग्र विकास जैसे मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई। दोनों ने समाज में नैतिक शिक्षा और जनसहभागिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर सहमति जताई।
उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह ने कहा: “महाराज जी का मार्गदर्शन हमारे लिए प्रेरणास्रोत है। सिमडेगा जिले के विकास में हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है।”
मुलाकात के दौरान वातावरण में एक अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा महसूस की गई, जिसने जिले के नागरिकों के बीच नई सकारात्मकता का संचार किया।

न्यूज़ देखो: आध्यात्मिकता और प्रशासन का संगम
श्री श्री 1008 डॉ. सचिन्द्र नाथ जी महाराज और डीसी सिमडेगा की यह मुलाकात प्रशासनिक औपचारिकता से कहीं आगे की प्रतीत हुई। यह संवाद उस भाव को दर्शाता है जहां आध्यात्मिकता और प्रशासनिक दायित्व एक साथ चल सकते हैं।
ऐसे संवाद समाज में संतुलन, दिशा और प्रेरणा का कार्य करते हैं।
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समाज और प्रशासन मिलकर रचें नई विकासगाथा
आध्यात्मिक ऊर्जा और प्रशासनिक समर्पण जब एक सूत्र में बंधते हैं, तो समाज में सकारात्मक बदलाव स्वतः आता है। सिमडेगा जैसे जिलों में यह संगम नई प्रेरणा का प्रतीक बन सकता है।
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विकास, सेवा और सद्भाव – यही सच्ची शक्ति है।




