
#सिमडेगा #जन्माष्टमी: हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर जिलेभर में उमड़ा आस्था का सैलाब।
- महावीर मंदिर परिसर में हुआ भव्य भजन संध्या का आयोजन।
- मुख्य अतिथि हेडक्वार्टर डीएसपी रणवीर सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारंभ।
- बिहार से आए भजन गायकों ने मनमोहक प्रस्तुतियों से बंधा समां।
- मध्यरात्रि में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर गूंजे “नंद के आनंद भयो” के जयकारे।
सिमडेगा जिले में शनिवार को जन्माष्टमी के अवसर पर श्रद्धा और भक्ति का अनुपम दृश्य देखने को मिला। मंदिरों और पूजा स्थलों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। “हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की” के नारों से पूरा शहर गूंजायमान रहा।
महावीर मंदिर परिसर में हुआ भव्य आयोजन
जिले की हृदयस्थली महावीर चौक स्थित महावीर मंदिर परिसर में महावीर कीर्तन मंडली की ओर से विशाल भजन संध्या का आयोजन किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि हेडक्वार्टर डीएसपी रणवीर सिंह शामिल हुए। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
श्रद्धालुओं में भक्ति और उल्लास
भजन संध्या की शुरुआत व्यास बाबू सिंह की गणेश वंदना से हुई। इसके बाद माहौल भक्तिमय हो गया। महावीर कीर्तन मंडली के अध्यक्ष डीडी सिंह और रामनवमी प्रबंधक समिति के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने मुख्य अतिथि का सम्मान किया। इस दौरान डीएसपी रणवीर सिंह ने अपने संबोधन में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेकर सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की अपील की।
रणवीर सिंह (डीएसपी): “भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें धर्म, सत्य और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश देता है। हम सभी को उनके आदर्शों को जीवन में उतारना चाहिए।”
भजनों से बंधा समां
भजन संध्या में बिहार के विभिन्न जिलों से आए कलाकारों ने एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुतियां दीं। पूरा परिसर “हरे कृष्णा हरे राम” के जयकारों से गूंज उठा। भक्तजन झूमते-नाचते नजर आए।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर महाआरती
मध्यरात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का आयोजन विशेष पूजा-अर्चना और महाआरती के साथ हुआ। श्रीकृष्ण की पालकी को फूलों से सजाकर मंदिर प्रांगण में भक्तों ने भावपूर्ण पूजा की। “नंद के आनंद भयो जय हो नंदलाल की” के जयकारे गूंज उठे।
आयोजन में रही व्यापक भागीदारी
कार्यक्रम की सफलता में हरि सिंह, मुकेश कुमार बरणवाल, हरिश्चंद्र गुप्ता, अनिरुद्ध सिंह, शैलेश कुमार, अजय महतो और गुड्डू ठाकुर समेत कई लोगों ने अहम भूमिका निभाई।

न्यूज़ देखो: भक्ति और सांस्कृतिक एकता का संदेश
जन्माष्टमी के अवसर पर ऐसे आयोजन समाज में भक्ति, आस्था और एकता का वातावरण बनाते हैं। सिमडेगा का यह भव्य आयोजन न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि सांस्कृतिक समरसता का भी उदाहरण है।
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अबकी जन्माष्टमी बने प्रेरणा का संदेश
आइए हम सब भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का संकल्प लें। इस आयोजन से मिले भक्ति और सामाजिक एकता के संदेश को और आगे बढ़ाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों संग साझा करें ताकि यह सकारात्मकता चारों ओर फैले।