
#सिमडेगा #रामरेखा_महोत्सव : जनसंपर्क पदाधिकारी ने मीडिया और सोशल मीडिया प्रतिनिधियों से की सक्रिय सहयोग की अपील
- राजकीय रामरेखा महोत्सव 2025 के प्रचार प्रसार को लेकर सिमडेगा में मीडिया प्रतिनिधियों और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स की बैठक आयोजित हुई।
- जिला जनसंपर्क पदाधिकारी सिमडेगा ने बैठक की अध्यक्षता की और महोत्सव को सफल बनाने की रणनीति पर चर्चा की।
- 4 से 6 नवंबर 2025 तक रामरेखा धाम परिसर में आयोजित होगा भव्य राजकीय रामरेखा महोत्सव।
- मीडिया प्रतिनिधियों ने नेटवर्क कनेक्टिविटी सुधार और प्रेस पास व आईडी कार्ड जारी करने का सुझाव दिया।
- जनसंपर्क पदाधिकारी ने लोक कलाकारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानकारी दी और सोशल मीडिया से अधिकतम प्रचार की अपील की।
सिमडेगा जिला जनसंपर्क कार्यालय में गुरुवार को आगामी राजकीय रामरेखा महोत्सव 2025 को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले के सभी प्रमुख प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ब्यूरो चीफ के साथ-साथ कई सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स भी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य था— राजकीय स्तर पर आयोजित इस ऐतिहासिक आयोजन के प्रचार प्रसार की रणनीति तैयार करना, ताकि अधिक से अधिक लोग इस महोत्सव से जुड़ सकें।
राजकीय दर्जा मिलने के बाद प्रशासन की तैयारी तेज
बैठक में जिला जनसंपर्क पदाधिकारी सिमडेगा ने बताया कि इस वर्ष का रामरेखा धाम मेला पहले से अधिक भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इसे राजकीय मेला घोषित किया गया है, जो जिले के लिए गौरव की बात है। आयोजन 4 नवंबर से 6 नवंबर 2025 तक होगा, जिसमें 4 और 5 नवंबर (कार्तिक पूर्णिमा) के दिन मुख्य कार्यक्रम रखे गए हैं।
उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों से अपील की कि वे इस आयोजन को जन जन तक पहुँचाने में प्रशासन का सहयोग करें, ताकि लोग इस धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व में बड़ी संख्या में भाग ले सकें।
मीडिया ने उठाई नेटवर्क और प्रेस पास की मांग
बैठक के दौरान मीडिया प्रतिनिधियों ने रामरेखा धाम क्षेत्र में कमजोर नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या उठाई। प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन महोत्सव में उपस्थित रहते हैं तो सुचारू नेटवर्क व्यवस्था अत्यंत आवश्यक होगी, ताकि कार्यक्रम का लाइव प्रसारण और समाचार प्रसार निर्बाध रूप से हो सके। उन्होंने प्रेस के लिए वाहन पास और पहचान पत्र जारी करने का भी सुझाव दिया।
एक मीडिया प्रतिनिधि ने कहा: “मुख्यमंत्री की उपस्थिति और राज्य स्तरीय आयोजन के अनुरूप नेटवर्क व्यवस्था मजबूत होनी चाहिए ताकि जनता तक कार्यक्रम की हर झलक समय पर पहुँचे।”
सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार का आह्वान
जनसंपर्क पदाधिकारी ने उपस्थित सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स से अपील की कि वे अपने प्लेटफॉर्म — यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर रामरेखा धाम से जुड़ी कहानियाँ, तस्वीरें और वीडियो साझा करें। उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यमों से यह आयोजन देश भर में प्रचारित हो सकता है, जिससे सिमडेगा की पहचान और मजबूत होगी।
उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्थानीय और बाहरी कलाकारों की विशेष प्रस्तुतियाँ होंगी। सरायकेला खरसावां से छऊ नृत्य दल, पाइका नृत्य, और स्थानीय लोक कलाकारों की टीम अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का मनोरंजन करेंगी।
जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने कहा: “हमारा उद्देश्य केवल आयोजन करना नहीं बल्कि सिमडेगा की सांस्कृतिक पहचान को राज्य और देश स्तर पर पहुंचाना है।”
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्थानीय प्रतिभाओं को मिलेगा मंच
महोत्सव में शालिनी दुबे, पूजा चटर्जी, राधा श्रीवास्तव, रविन्द्र जोनी, मुकुंद नायक तथा जगदीश बड़ाईक जैसे चर्चित कलाकार अपनी टीमों के साथ प्रदर्शन करेंगे। इन कलाकारों के माध्यम से झारखंड और बिहार की लोक कला का सुंदर समन्वय देखने को मिलेगा। प्रशासन का उद्देश्य स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देना और पारंपरिक कलाओं को नई पीढ़ी तक पहुँचाना है।
बैठक में जिले के लगभग सभी प्रमुख मीडिया प्रतिनिधि, रिपोर्टर, फोटोजर्नलिस्ट तथा सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर मौजूद रहे जिन्होंने आयोजन को सफल बनाने के लिए अपने सुझाव दिए।
न्यूज़ देखो: सिमडेगा के सांस्कृतिक गौरव की नई पहचान
राजकीय रामरेखा महोत्सव 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सिमडेगा की सांस्कृतिक धरोहर और लोक परंपराओं का उत्सव है। प्रशासन और मीडिया के बीच यह समन्वय जिले की पहचान को नई ऊँचाई पर ले जाने की दिशा में सराहनीय कदम है। ऐसे आयोजन न केवल लोक संस्कृति को जीवंत रखते हैं बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल देते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संस्कृति से जुड़े रहना ही असली विकास है
रामरेखा महोत्सव जैसे आयोजन हमें अपनी जड़ों से जोड़ते हैं और समाज में एकता का संदेश देते हैं। हर नागरिक का दायित्व है कि वह इस सांस्कृतिक धरोहर को सहेजे और प्रचारित करे। आइए मिलकर झारखंड की लोक परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुँचाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और सिमडेगा की सांस्कृतिक शान को आगे बढ़ाने में सहयोग करें।




