
#सिमडेगा #श्रद्धांजलि : पत्रकार समाज ने कहा—यह केवल नेता का निधन नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा को लगी चोट
- दिसोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर।
- सिमडेगा पत्रकार संघ ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा—युग का अंत।
- संघ के अध्यक्ष आशीष शास्त्री ने दिवंगत नेता के योगदान को ऐतिहासिक बताया।
- आदिवासी अस्मिता और अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष को याद किया गया।
- 40 से अधिक पत्रकारों ने नामजद श्रद्धांजलि अर्पित की।
- संघ ने कहा—झारखंड की चेतना में सदैव जीवित रहेंगे दिसोम गुरु।
सिमडेगा: झारखंड आंदोलन के अग्रदूत और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिसोम गुरु शिबू सोरेन के निधन की खबर से पूरे राज्य में गहरा शोक व्याप्त हो गया है। इस दुखद अवसर पर सिमडेगा पत्रकार संघ ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को अपूरणीय बताया। संघ के सदस्यों ने कहा कि शिबू सोरेन का जाना केवल एक नेता का निधन नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा को गहरी चोट है, जिसकी भरपाई संभव नहीं है।
संघ के अध्यक्ष आशीष शास्त्री ने कहा कि दिसोम गुरु ने केवल एक राज्य का सपना नहीं देखा, बल्कि उसे साकार किया। उनकी भूमिका झारखंड की सामाजिक चेतना, राजनीतिक दिशा और आदिवासी अस्मिता की रक्षा में ऐतिहासिक रही।
पत्रकार संघ ने शोकसभा में क्या कहा
शोकसभा में वक्ताओं ने माना कि शिबू सोरेन का जीवन संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने जिस तरह से आदिवासी समाज को संगठित किया और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष किया, वह हमेशा प्रेरणादायक रहेगा।
आशीष शास्त्री (अध्यक्ष, सिमडेगा पत्रकार संघ): “दिसोम गुरु का जाना झारखंड की आत्मा के लिए गहरी क्षति है। उनका सपना, उनकी लड़ाई और उनकी सोच आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन देती रहेगी।”
किन पत्रकारों ने दी श्रद्धांजलि
इस अवसर पर शोक व्यक्त करने वालों में सुहैब शाहिद, अफजल इमाम, सुनील सहाय, वाचस्पति मिश्र, श्रीराम पुरी, दीपक अग्रवाल रिंकू, मुकेश कुमार, विकास साहू, कुश बड़ाईक, अमन मिश्रा, राकेश जयसवाल, अनुज कुमार साहू, सुमंत कुमार, अमित साहू, संजय कुमार केसरी, हलधर प्रसाद, कालो खलखो, संजीत यादव, बलभद्र बड़ाईक, भरत सिंह, चंद्रदेव सेनापति, रविकांत मिश्रा, पंचम प्रसाद, विवेक कुमार, अरुण कुमार, गौरव गौतम सिंह, राकेश कुमार यादव, धनुर्जय सिंह देव, दिनेश ठाकुर, पिंटु कुमार, अरुण राम, रोशन ठाकुर, आलोक कुमार साहू, वीरेंद्र तिवारी, अमित रंजन, संगम साहू, मनोरंजन कुमार गुप्ता, मोहम्मद तबरेज आलम, अंकित सिन्हा, सुहैल अख्तर, शिवनंदन बड़ाईक, राजेश बड़ाईक, राज आनंद सिन्हा, विक्रम ठाकुर और प्रभु कश्यप सहित सिमडेगा पत्रकार संघ के सभी सदस्य मौजूद थे।
संघ ने कहा कि उनका जीवन और संघर्ष केवल राजनीतिक उपलब्धि नहीं था, बल्कि यह आदिवासी अस्मिता की लड़ाई का प्रतीक था। उनकी विचारधारा और संघर्ष आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।
न्यूज़ देखो: झारखंड की चेतना को झकझोर देने वाला क्षण
शिबू सोरेन का निधन केवल एक नेता का अंत नहीं, बल्कि उस युग की समाप्ति है, जिसने झारखंड को उसकी पहचान दी। न्यूज़ देखो मानता है कि यह क्षण हमें याद दिलाता है कि समाज में विचार और संघर्ष कभी नहीं मरते। उनकी विरासत को जीवित रखना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अब हमारी जिम्मेदारी—संघर्ष की मशाल को आगे बढ़ाना
आज समय है कि हम सब मिलकर उस सपने को जीवित रखें, जिसके लिए दिसोम गुरु ने अपना जीवन समर्पित किया। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अपने मित्रों के साथ साझा करें ताकि जागरूकता फैल सके।