सिमडेगा के वीर सपूत हवलदार किशोर बाड़ा लद्दाख में शहीद, नम आंखों से अंतिम विदाई

हाइलाइट्स :

शहीद होने की घटना

सिमडेगा। जिले के ननेसेरा गांव निवासी हवलदार किशोर बाड़ा, जो भारतीय सेना की 699 टाट्रा बटालियन में तैनात थे, लद्दाख में 20 मार्च को वाहन से जाते वक्त लैंड स्लाइड की चपेट में आकर शहीद हो गए। इस हादसे में उनके एक साथी जवान की भी मौत हुई। रविवार को उनका पार्थिव शरीर रांची मिलिट्री स्टेशन की टुकड़ी द्वारा तिरंगे में लपेटकर उनके पैतृक गांव लाया गया।

गांव में मातम और अंतिम विदाई

पार्थिव शरीर के गांव पहुंचते ही पूरा इलाका शोक में डूब गया। सैकड़ों लोग अंतिम दर्शन को उमड़ पड़े। धार्मिक सामूहिक समारोह के बाद रांची मिलिट्री स्टेशन के जवानों ने उन्हें अंतिम सलामी दी। इस दौरान परिजन और ग्रामीणों की आंखें नम थीं।

परिवार की हालत और संघर्ष

शहीद किशोर बाड़ा बिना मां के बड़े हुए थे। उनके पिता का निधन भी 5 साल पहले हो चुका था। बड़ी बहन मारियाना बाड़ा ने बताया कि किशोर परिवार का इकलौता सहारा थे। वह पत्नी संहिता मिंज और तीन बेटियों — अनीशा, एंजल और एंजेलिना बाड़ा के साथ अविवाहित छोटी बहन की भी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
उन्होंने कहा,

“भाई के जाने का दुख जरूर है, लेकिन गर्व भी है कि वह देश सेवा करते हुए शहीद हुए। भविष्य में अगर हमारे परिवार का कोई बच्चा देश सेवा करना चाहेगा, तो हम जरूर उसे भेजेंगे।”

प्रशासनिक श्रद्धांजलि और सहायता का आश्वासन

शहीद किशोर बाड़ा को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सिमडेगा विधायक, उपायुक्त अजय कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार सहित कई प्रशासनिक अधिकारी और ग्रामीण। सभी ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। विधायक ने कहा कि परिवार को हर संभव सरकारी योजना का लाभ दिलाया जाएगा और शहीद की तीन बेटियों में से एक को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

‘न्यूज़ देखो’ की नजर — क्या शहीद परिवार को मिलेगा पूरा सम्मान?

सवाल यह उठता है कि क्या शहीद हवलदार किशोर बाड़ा के परिवार को जल्द सभी सरकारी सुविधाओं और वादों का लाभ मिलेगा? उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित होगा या नहीं? ‘न्यूज़ देखो’ इस मामले की हर पहलू पर नजर बनाए रखेगा और आपके साथ जुड़े रहकर हर अपडेट पहुंचाता रहेगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नज़र।

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