
#सिमडेगा #पुलिस_कार्रवाई : सिमडेगा जिले में चलाए गए ऑपरेशन रेड हंट के तहत पुलिस ने 135 वारंटों का निष्पादन कर लंबे समय से फरार चल रहे पांच स्थायी वारंटी को गिरफ्तार किया।
- ऑपरेशन रेड हंट: सिमडेगा पुलिस के तहत जिलेभर में विशेष अभियान चलाया गया।
- अब तक कुल 135 वारंटों का निष्पादन, जिनमें 83 वारंट के तहत 60 गिरफ्तारी।
- 29 वारंट वाले 26 आरोपी मृत पाए गए, रिपोर्ट प्रमाण पत्र सहित कोर्ट को भेजी गई।
- 17 वारंट के 09 आरोपियों ने पुलिस दबाव में आत्मसमर्पण किया।
- 06 वारंट विभिन्न कारणों जैसे पूर्व से जेल, अन्य जिले के मामले, जमानत आदि के कारण कोर्ट को वापस।
- अभियान में 05 स्थायी (लाल) वारंटी गिरफ्तार, जिनपर कुल 06 स्थायी वारंट निर्गत थे।
सिमडेगा पुलिस ने जिले में अपराधियों की पकड़ मजबूत करने के लिए एक विशेष रणनीति के तहत ऑपरेशन रेड हंट चलाया। इस अभियान में कई ऐसे आरोपी पकड़े गए जो वर्षों से फरार चल रहे थे। पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई न केवल जिले की कानून व्यवस्था को मजबूत करती है, बल्कि जनता में सुरक्षा का भरोसा भी बढ़ाती है। इस अभियान में कुल 135 वारंटों का निष्पादन होना जिला पुलिस की सतर्कता और सक्रियता को दर्शाता है।
ऑपरेशन रेड हंट: जिलेभर में चला विशेष अभियान
सिमडेगा पुलिस द्वारा चलाया गया यह अभियान जिले के सभी थानों में एकसाथ सक्रियता से संचालित किया गया।
अभियान का मुख्य उद्देश्य था—लंबे समय से फरार अपराधियों को पकड़कर न्यायालय में प्रस्तुत करना और लंबित वारंटों का शीघ्र निष्पादन करना।
वारंट निष्पादन का विस्तृत विवरण
अभियान के दौरान प्राप्त आँकड़े इस प्रकार हैं:
- 60 लोगों की गिरफ्तारी, जिनपर 83 वारंट निर्गत थे।
- 26 लोगों की मृत्यु की पुष्टि, इनपर 29 वारंट लंबित थे—सभी विवरण कोर्ट को भेजे गए।
- 09 लोगों ने आत्मसमर्पण किया, जिनपर 17 वारंट जारी थे।
- 06 वारंट तकनीकी कारणों से कोर्ट को वापस किए गए।
इन सभी को जोड़कर अब तक कुल 135 वारंट सफलतापूर्वक निष्पादित किए जा चुके हैं।
स्थायी (लाल) वारंटी गिरफ्तारी: वर्षों की फरारी पर विराम
अभियान के इस चरण में सबसे बड़ी सफलता तब मिली जब पुलिस ने पांच स्थायी वारंटी को धर दबोचा।
ये सभी आरोपी दशकों से फरार थे और लगातार अपने ठिकाने बदलते रहे ताकि गिरफ्तारी से बच सकें।
नीचे सभी गिरफ्तार स्थायी वारंटी का विवरण प्रस्तुत है—
सिमडेगा थाना क्षेत्र
1. 22 वर्षों से फरार — सीताराम यादव
- पिता: बैशाख यादव
- निवासी: महपुरटोली, थाना–सिमडेगा
- मामला: जीआर-715/03, चांडिल थाना (सरायकेला-खरसावां)
- आरोप: वाहन दुर्घटना कारित करने का मामला
सीताराम यादव गिरफ्तारी के डर से बेंगलुरु में छिपकर रह रहा था।
कुछ दिन पहले ही वह कुस्नाटोली बंगरू आया था।
गुप्त सूचना पर पुलिस ने छापामारी कर उसे गिरफ्तार किया और सरायकेला जेल भेज दिया।
कोलेबिरा थाना क्षेत्र
2. 35 वर्षों से फरार — प्रताप खड़िया
- पिता: केलेमेंट खड़िया
- निवासी: सकोरला, थाना–कोलेबिरा
- मामला: जीआर-242/90, धारा 394 भादवि
- स्थिति: 35 वर्षों से फरार, लगातार स्थान बदलकर छिपता रहा
गुप्त सूचना पर विशेष छापामारी में प्रताप खड़िया को गिरफ्तार किया गया।
3. 17 वर्षों से फरार — पासकल टोपनो उर्फ तोते
- पिता: लाला टोपनो
- निवासी: शाहपुर घाघटोली, थाना–कोलेबिरा
- मामले:
- कोलेबिरा थाना कांड सं. 14/08 — धारा 341/323/307/302/201
- सिमडेगा थाना कांड सं. 102/08 — धारा 224/225/454/120B
पासकल टोपनो गिरफ्तारी से बचने के लिए गोवा भाग गया था।
10 दिन पहले ही वह कुस्नाटोली बंगरू लौटा था, जहाँ से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
4. 31 वर्षों से फरार — प्रहर्सव टोपनो
- पिता: मसीहदास टोपनो
- निवासी: टिटलिंग, पों. बड़ईबिग्गा
- मामला: कम्प्लेन केस PP 152/94, धारा 47 नाप-तोल अधिनियम
प्रहर्सव लगातार ठिकाना बदलता रहा और बाद में पोगलोया महतोटोली में बसेरा बनाए हुए था।
पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर उसे गिरफ्तार किया।
कुल गिरफ्तार स्थायी वारंटी और वारंट
- गिरफ्तार स्थायी वारंटी — 05
- निष्पादित स्थायी वारंट — 06
न्यूज़ देखो: कानून व्यवस्था को मजबूत करने का निर्णायक अभियान
ऑपरेशन रेड हंट की सफलता बताती है कि सिमडेगा पुलिस जिले में अपराध और फरारी के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है।
दशकों से फरार आरोपियों की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस की निगरानी और खुफिया तंत्र दोनों मजबूत हुए हैं।
लंबित वारंटों के निष्पादन से न्यायिक प्रक्रिया को गति मिलेगी और जिले की सुरक्षा स्थिति और मजबूत होगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जिम्मेदारी और सजगता से सुरक्षित बनता है समाज
सिमडेगा में अपराधियों की गिरफ्तारी केवल पुलिस की उपलब्धि नहीं, बल्कि समाज के लिए सुरक्षा का भरोसा भी है।
नागरिकों की सतर्कता, सूचना सहयोग और प्रशासन की तत्परता—ये सभी मिलकर अपराध मुक्त वातावरण बनाते हैं।





