
#सिमडेगा #रामरेखामहोत्सव : लाखों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा आयोजन इस बार राजकीय स्तर पर होगा आयोजित
- राजकीय रामरेखा महोत्सव का आयोजन 04 से 06 नवंबर 2025 तक होगा।
- बैठक की संयुक्त अध्यक्षता उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी और पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी ने की।
- महोत्सव में पारंपरिक पूजा-अनुष्ठान, मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
- भीड़ और सुरक्षा प्रबंधन के लिए ड्रोन निगरानी व पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।
- विद्युतीकरण, पेयजल, सड़क मरम्मत व यातायात नियंत्रण पर विशेष जोर दिया गया।
सिमडेगा जिले का रामरेखा महोत्सव इस वर्ष और भी भव्य स्वरूप में आयोजित होगा क्योंकि पहली बार इसे राजकीय महोत्सव का दर्जा दिया गया है। कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर 04 से 06 नवंबर 2025 तक रामरेखाधाम परिसर और आसपास के क्षेत्रों में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होगा। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़े इस महोत्सव के सफल संचालन के लिए प्रशासन और समिति ने तैयारी शुरू कर दी है।
प्रशासनिक तैयारी और समीक्षा बैठक
महोत्सव को लेकर उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी एवं पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी की संयुक्त अध्यक्षता में रामरेखा विकास समिति की प्रारंभिक बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में पूजा-अनुष्ठान, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई। समिति के सदस्यों ने कहा कि हर वर्ष झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और देशभर से लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं, और इस बार राजकीय महोत्सव के स्वरूप के कारण भीड़ और अधिक रहने की संभावना है।
सुरक्षा और यातायात प्रबंधन
पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। इसके लिए पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती, ड्रोन से निगरानी और यातायात नियंत्रण की विशेष व्यवस्था की जाएगी। भीड़ को संभालने और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए अलग से प्रबंधन योजना तैयार की जाएगी।
एम. अर्शी ने कहा: “श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है, और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।”
बुनियादी सुविधाओं पर जोर
बैठक में निर्णय लिया गया कि श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु विद्युतीकरण, पेयजल आपूर्ति, पथ मरम्मति और स्वच्छता की विशेष व्यवस्था की जाएगी। संबंधित विभागों को इसके लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अनुष्ठानों के लिए स्थलों का स्थलीय निरीक्षण कर उपयुक्त स्थान चिह्नित किए गए।
व्यापक सहभागिता
इस बैठक में अपर समाहर्ता ज्ञानेन्द्र, जिला परिवहन पदाधिकारी संजय बखला, अनुमंडल पदाधिकारी प्रभात रंजन ज्ञानी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, थाना प्रभारी और रामरेखा धाम समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यगण बड़ी संख्या में मौजूद रहे। बैठक में हर विभाग ने अपने-अपने दायित्व को स्पष्ट किया और मिलकर महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने का संकल्प लिया।

न्यूज़ देखो: आस्था और प्रशासन का समन्वय
राजकीय स्वरूप मिलने के बाद रामरेखा महोत्सव केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गया है। प्रशासन और समिति की संयुक्त तैयारियां यह दर्शाती हैं कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुगम अनुभव दिलाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
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परंपरा और विकास का संगम
रामरेखा महोत्सव केवल आस्था का पर्व नहीं बल्कि सिमडेगा की पहचान है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम प्रशासन की कोशिशों में सहयोग दें, इस सांस्कृतिक धरोहर को सहेजें और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ साझा कर जागरूकता फैलाएं।