#नेतरहाट #मैराथन : पहाड़ों की गोद में सजी प्राकृतिक वादियों में 28 किमी की सिंगबोंगा मैराथन दौड़, 1500 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
- युवा कौशल विकास महोत्सव 2025 के अंतर्गत नेतरहाट में सिंगबोंगा मैराथन दौड़ का आयोजन हुआ।
- आयोजन की अध्यक्षता जिला परिषद अध्यक्ष पूनम सिंह ने की, जबकि पद्मश्री अशोक भगत रहे विशिष्ट अतिथि।
- 1500 प्रतिभागियों ने दौड़ में हिस्सा लिया, जिनमें 378 बालिकाएं और 566 बालक शामिल रहे।
- दौड़ का मार्ग नेतरहाट से जतरा टाना भगत स्मारक चिंगारी बिशनपुर तक 28 किलोमीटर लंबा रहा।
- विजेताओं को प्रमाणपत्र, मेडल और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
नेतरहाट की मनमोहक वादियों में शनिवार सुबह का दृश्य कुछ अलग था। पहाड़ों की ठंडी हवाओं, हरे-भरे पेड़ों और खिलते सूरज की किरणों के बीच युवाओं का जोश देखते ही बनता था। युवा कौशल विकास महोत्सव 2025 के अंतर्गत आयोजित सिंगबोंगा मैराथन दौड़ में पूरे लातेहार जिले से सैकड़ों युवा धावक शामिल हुए। यह केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं थी, बल्कि एक संदेश था—संगठन, समर्पण और आत्मविश्वास का।
युवाओं के उत्साह से गूंजा नेतरहाट
इस आयोजन की अध्यक्षता जिला परिषद अध्यक्ष पूनम सिंह ने की, जिन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह पहल युवाओं को न केवल शारीरिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि समाज के निर्माण में उनकी भागीदारी को भी सुदृढ़ करेगी।
पूनम सिंह ने कहा: “यह मैराथन युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ समाज में सकारात्मक परिवर्तन की प्रेरणा बनेगी। आने वाले समय में यही युवा देश के भविष्य का निर्माण करेंगे।”
सुबह की ताजगी और प्राकृतिक सुंदरता के बीच आरंभ हुई यह दौड़ पूरे मार्ग पर उत्साह से भरी रही। ग्रामीणों, विद्यालयों और स्वयंसेवकों ने जगह-जगह प्रतिभागियों का स्वागत किया।
सांस्कृतिक चेतना और आत्मनिर्भरता का प्रतीक
विशिष्ट अतिथि पद्मश्री अशोक भगत, सचिव – विकास भारती बिशुनपुर ने कहा कि सिंगबोंगा मैराथन सिर्फ खेल नहीं, बल्कि यह झारखण्ड की सांस्कृतिक चेतना और सामूहिकता का प्रतीक है।
अशोक भगत ने कहा: “यह आयोजन हमें संघर्ष, अनुशासन और आत्मनिर्भरता की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। युवाओं को अपने जीवन में लक्ष्य तय कर दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए।”
नेतरहाट विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संतोष कुमार ने युवाओं के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्रों में टीम भावना, आत्मविश्वास और धैर्य का विकास होता है।
डॉ. संतोष कुमार ने कहा: “खेल हमें अनुशासित और समर्पित बनाता है। यही अनुशासन जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की कुंजी है।”
28 किलोमीटर की प्रेरक दौड़ में दिखा संघर्ष और जुनून
नेतरहाट से जतरा टाना भगत स्मारक, चिंगारी बिशनपुर तक 28 किलोमीटर लंबी इस प्रेरक दौड़ में युवाओं ने कठिन पहाड़ी रास्तों को भी उत्साह से पार किया।
बालिका वर्ग में नीमा कुमारी (कुगाव, गुमला) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि ऊषा कुमारी (चिपरी, बिशुनपुर) द्वितीय और रूपा कुमारी (मंजीरा, बिशुनपुर) तृतीय स्थान पर रहीं।
इस वर्ग में कुल 378 बालिकाओं ने भाग लिया।
बालक वर्ग में अनुराय उरांव (ओरया, बिशुनपुर) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि अमर उरांव (कुलकूपी, पुसो) और रामबिलास पासवान (सेन्हा, लोहरदगा) क्रमशः द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे। कुल 566 बालक प्रतिभागियों ने इस वर्ग में हिस्सा लिया।
विजेताओं का हुआ सम्मान, कुम्हारों जैसी मेहनत की मिसाल
मैराथन के समापन पर सभी विजेताओं को प्रमाणपत्र, मेडल और पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन धनंजय कश्यम के नेतृत्व में हुआ। आयोजन में विकास भारती बिशुनपुर के कार्यकर्ताओं, नेतरहाट विद्यालय प्रशासन, स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा लातेहार और गुमला जिले के सैकड़ों ग्रामीणों की सहभागिता रही।
न्यूज़ देखो: युवाओं के जोश से रोशन हुई नेतरहाट की वादियां
नेतरहाट में आयोजित सिंगबोंगा मैराथन केवल खेल नहीं, बल्कि झारखण्ड की संस्कृति, अनुशासन और आत्मनिर्भरता का उत्सव है। यह आयोजन युवाओं को दिशा देने वाला उदाहरण है, जिसने साबित किया कि जब संकल्प और सामूहिकता एक साथ चलते हैं, तो पहाड़ भी रास्ता बन जाते हैं।
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युवा शक्ति से बनेगा नया झारखण्ड
इस मैराथन ने यह संदेश दिया है कि युवाओं में अपार ऊर्जा और संभावनाएं हैं। जरूरत है केवल उन्हें सही दिशा और मंच देने की। आइए, हम सब मिलकर खेल, अनुशासन और आत्मनिर्भरता की भावना को आगे बढ़ाएं।
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