
#गुमला #पर्यटन : धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की पहल
- उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने सिर-सी-ता-नाले सरना धार्मिक स्थल और अपर शंख जलाशय का निरीक्षण किया।
- 85 डिसमिल सरकारी भूमि पर भवन निर्माण और बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा।
- अप्रोच रोड, हॉल, शौचालय, दुकान और लाइटिंग जैसी सुविधाओं की योजना बनाई गई।
- स्थानीय नागरिकों की सहमति और सहभागिता से विकास कार्य होंगे सुनिश्चित।
- रोजगार और आस्था दोनों को बढ़ावा देने की दिशा में प्रशासन की प्राथमिकता।
गुमला जिले में पर्यटन को नए आयाम देने की दिशा में जिला प्रशासन ने ठोस कदम बढ़ाए हैं। उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने आज डुमरी प्रखंड के सिर-सी-ता-नाले सरना धार्मिक स्थल और समीप स्थित अपर शंख जलाशय का निरीक्षण कर कई अहम निर्देश दिए। उनका कहना था कि इन स्थलों का विकास न केवल धार्मिक आस्था को सम्मान देगा बल्कि पर्यटन के जरिए स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी तैयार करेगा।
धार्मिक स्थल का सौंदर्यीकरण
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने सिर-सी-ता-नाले स्थल पर पर्यटकीय सौंदर्यीकरण और आवश्यक सुविधाओं की समीक्षा की। उन्होंने अप्रोच रोड, मल्टीपरपज हॉल, शौचालय, दुकानों और अन्य आवश्यक भवनों के निर्माण की जरूरत पर बल दिया। इसके लिए स्थल के समीप उपलब्ध 85 डिसमिल सरकारी भूमि का उपयोग करने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने भवन निर्माण प्रमंडल को भूमि की मापी करने और आवश्यक निर्माण कार्यों का प्राक्कलन तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही स्थानीय नागरिकों से चर्चा कर उनकी सहमति लेने और आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात भी कही।
धार्मिक परंपराओं का संरक्षण
निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने “धर्म कांडों” स्थल का भी दौरा किया और वहां की धार्मिक परंपराओं की जानकारी ली। उन्होंने स्थल के सौंदर्यीकरण, रंग-रोगन, अप्रोच रोड और लाइटिंग व्यवस्था को शीघ्र दुरुस्त करने के निर्देश दिए। संबंधित विभाग को जल्द प्राक्कलन प्रस्तुत करने के आदेश भी दिए गए।
अपर शंख जलाशय में पर्यटन की संभावनाएं
इसके बाद उपायुक्त ने अपर शंख जलाशय का निरीक्षण किया। उन्होंने जलाशय क्षेत्र में पर्यटन विकास की संभावनाओं पर चर्चा की और आवश्यक पहल करने का निर्देश दिया। साथ ही अप्रोच रोड के निर्माण को प्राथमिकता देने को कहा, ताकि पर्यटकों को आसानी से पहुंच की सुविधा मिल सके।
पर्यटन और रोजगार का संतुलन
उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य इन स्थलों को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करना, धार्मिक आस्था को सम्मान देना और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है। उनके अनुसार इन पहलों से गुमला जिले की पहचान पर्यटन मानचित्र पर और मजबूत होगी।
इस निरीक्षण में उप विकास आयुक्त गुमला, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी चैनपुर, डीसीएलआर चैनपुर, जिला खेल एवं पर्यटन पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी डुमरी और जिला पर्यटन विशेषज्ञ सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
न्यूज़ देखो: गुमला को मिलेगा पर्यटन मानचित्र पर नया स्थान
गुमला प्रशासन की यह पहल दिखाती है कि अगर धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों को योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया जाए तो वे स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकते हैं। इससे आस्था की रक्षा होगी और रोजगार का नया द्वार खुलेगा।
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पर्यटन से विकास की राह
अब समय है कि हम सभी स्थानीय धरोहरों के संरक्षण और पर्यटन विकास में सहयोग करें। इससे न केवल क्षेत्र की पहचान बढ़ेगी बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर मिलेगी। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि पर्यटन को लेकर जागरूकता फैले।