
#रांची #फ्लाईओवरविवाद — धार्मिक स्थल के पास निर्माण का विरोध, भारी संख्या में तैनात हुई पुलिस
- सिरमटोली में फ्लाईओवर रैंप के निर्माण को लेकर फिर भड़का विवाद
- सरना मोर्चा के सैकड़ों सदस्य विरोध में जुटे, दिया धरना
- धार्मिक आस्थाओं के उल्लंघन का आरोप, शोभायात्रा बाधित होने की आशंका
- रातभर जारी रहा तनाव, इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती
- प्रशासन को दी चेतावनी — निर्माण शुरू हुआ तो होगा ज़ोरदार आंदोलन
धार्मिक स्थल के पास निर्माण से भड़का विवाद
रांची के सिरमटोली इलाके में फ्लाईओवर रैंप निर्माण को लेकर एक बार फिर विरोध शुरू हो गया है। जैसे ही निर्माण सामग्री क्षेत्र में पहुंचाई गई, सिरमटोली सरना स्थल बचाओ मोर्चा के सदस्य बड़ी संख्या में जुट गए और रैंप स्थल पर धरने पर बैठ गए।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह रैंप सीधे केंद्रीय सरना स्थल के पास बन रहा है, जिससे सरहुल जैसे महत्वपूर्ण पर्वों पर निकलने वाली शोभायात्रा की आवाजाही प्रभावित होगी।
“यह स्थल हमारे लिए केवल एक धार्मिक स्थान नहीं, बल्कि हमारी पहचान और आस्था का प्रतीक है,” — एक प्रदर्शनकारी सदस्य
धार्मिक आस्था के खिलाफ है निर्माण : मोर्चा
मांगों पर कायम है आंदोलनकारी संगठन
सरना मोर्चा के सदस्यों का कहना है कि सरना स्थल के करीब किसी भी प्रकार का निर्माण सरना धर्म की भावनाओं और रीति-रिवाजों के खिलाफ है। उनका तर्क है कि सरहुल पर्व के दौरान यहां से निकली जाने वाली शोभायात्रा वर्षों से उसी मार्ग से होती आई है।
“अगर यह रैंप बनता है, तो हमारी धार्मिक गतिविधियों में व्यवधान उत्पन्न होगा,” — मोर्चा संयोजक
इलाके में भारी पुलिस बल तैनात
हालात बने तनावपूर्ण, लेकिन हिंसा की कोई खबर नहीं
प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। देर रात तक प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तनातनी बनी रही, लेकिन किसी भी प्रकार की हिंसा की खबर नहीं है।
बता दें कि इस रैंप निर्माण को लेकर सरहुल से पहले भी विरोध देखने को मिला था। अब मोर्चा ने साफ चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन निर्माण कार्य शुरू करता है, तो वे बड़े स्तर पर विरोध करेंगे।
रांची में विकास बनाम आस्था की टकराहट
यह मुद्दा अब विकास और धार्मिक आस्था के टकराव का प्रतीक बनता जा रहा है। जहां एक ओर प्रशासन शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए रैंप निर्माण को जरूरी मानता है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय आदिवासी समुदाय इसे अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ छेड़छाड़ मान रहा है।
फिलहाल प्रशासन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
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झारखंड में धार्मिक आस्था से जुड़े ऐसे मामलों को लेकर ‘न्यूज़ देखो’ आपके साथ हमेशा खड़ा है। सिरमटोली का यह मुद्दा केवल एक निर्माण परियोजना का विरोध नहीं, बल्कि स्थानीय समुदाय की संस्कृति, पहचान और परंपरा की रक्षा की लड़ाई बन चुका है।
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