
#महुआडांड़ #कॉलेज_समारोह – विदाई और स्वागत के मिले-जुले जज़्बातों से गूंजा संत जेवियर कॉलेज का मीटिंग हॉल
- सिस्टर लिसा को उनके 5 वर्षों के योगदान के लिए दी गई हार्दिक विदाई
- सिस्टर कैरोलिन और सिस्टर रेज़ी थॉमस ने छात्रावास अधीक्षिका पद का किया कार्यभार ग्रहण
- फादर जोश ने किया सिस्टर लिसा के अनुशासन व समर्पण का स्मरण
- छात्राओं के स्वागत गीत और भावभीने संबोधनों ने बढ़ाया समारोह का भावात्मक स्तर
- अध्यक्षता में मौजूद रहे कॉलेज स्टाफ, शिक्षकेत्तर कर्मचारी और अभिभावक प्रतिनिधि
समर्पण की मिसाल बनीं सिस्टर लिसा
संत जेवियर कॉलेज महुआडांड़ के मीटिंग हॉल में आयोजित एक संवेदनात्मक और उत्साहपूर्ण समारोह में होस्टल अधीक्षिका सिस्टर लिसा को भावभीनी विदाई दी गई। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य फादर जोश, शिक्षकगण, छात्राएं और अभिभावक प्रतिनिधि विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ छात्राओं द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत से हुआ, जिससे पूरा हॉल मधुरता और भावनाओं से सराबोर हो गया। इसके बाद सिस्टर लिसा को गुलदस्ता भेंट कर औपचारिक विदाई दी गई। फादर जोश ने अपने भाषण में कहा:
“सिस्टर लिसा ने 5 वर्षों तक जिस समर्पण और अनुशासन के साथ छात्रावास का संचालन किया, वह हर किसी के लिए प्रेरणा है। उनका योगदान अमूल्य है।”
“यह छात्रावास मेरे जीवन का हिस्सा बन गया था” — सिस्टर लिसा
अपने संबोधन में सिस्टर लिसा भावुक हो उठीं। उन्होंने छात्राओं के साथ बिताए पलों को याद करते हुए कहा:
“यह छात्रावास सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। यहां की बेटियों ने मुझे परिवार जैसा स्नेह दिया। आप सभी को भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं।”
उन्होंने पूरे सेंट जेवियर कॉलेज परिवार के प्रति आभार जताया और अपने अनुभव साझा किए।
नए उत्तरदायित्व का स्वागत
कार्यक्रम के अगले चरण में सिस्टर कैरोलिन और सिस्टर रेज़ी थॉमस का परंपरागत ढंग से स्वागत किया गया। उन्हें गुलदस्ते देकर सम्मानित किया गया।
सिस्टर कैरोलिन ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य में कहा:
“मैं इस नई जिम्मेदारी को एक ईश्वरीय सेवा मानती हूं और छात्राओं के समग्र विकास में पूरी निष्ठा से काम करूंगी।”
वहीं सिस्टर रेज़ी थॉमस ने भी कहा:
“मैं छात्राओं के लिए एक मार्गदर्शक और सच्ची मित्र बनकर कार्य करूंगी।”
उपस्थिति ने बढ़ाया गरिमा
इस समारोह में फादर समीर, सिस्टर चंद्रोदया, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर शालिनी बाड़ा, शशि शेखर, अभय डुंगडुंग, मैक्सेंशियस कुजूर, जफर इकबाल समेत सभी शिक्षकेत्तर एवं गैर शिक्षकेत्तर कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने सिस्टर लिसा के योगदान को याद करते हुए उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
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