
#गिरिडीह #स्वच्छता_अभियान : महिलाएं बनीं मिशन स्वच्छ भारत की प्रेरक शक्ति
- JSLPS समूह की दीदियां और जल सहिया बहनें गांवों में कर रहीं स्वच्छता जागरूकता।
- SBM और SSG-2025 ऐप के माध्यम से जनता से मांगा जा रहा फीडबैक।
- बैठकों और संवाद के जरिये लोगों को सिखाई जा रही जल प्रबंधन की तकनीक।
- कपड़े के थैलों का प्रयोग बढ़ाने पर दिया जा रहा विशेष जोर।
- उपायुक्त गिरिडीह ने दीदियों और बहनों की प्रशंसा की उनके समर्पण के लिए।
गांव-गांव गूंजा स्वच्छ भारत मिशन का संदेश
गिरिडीह जिले में स्वच्छता की अलख अब घर-घर पहुंच रही है, और इस मुहिम की सबसे बड़ी ताकत बनी हैं हमारी जल सहिया बहनें और JSLPS समूह की दीदियां। स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 के तहत, ये महिलाएं गांवों में जाकर SBM और SSG-2025 मोबाइल ऐप के ज़रिए लोगों से स्वच्छता फीडबैक मांग रही हैं।
इन बहनों का मकसद है – हर ग्रामीण को इस मिशन से जोड़ना और स्वच्छता को सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी न मानकर सामूहिक प्रयास बनाना।
दीदी अनिता देवी ने कहा: “स्वच्छता अब हमारी पहचान है। हम गांव की हर महिला को इससे जोड़ रहे हैं ताकि आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ भविष्य मिले।”
जल, पर्यावरण और स्वास्थ्य पर फोकस
ये महिलाएं न सिर्फ फीडबैक एकत्र कर रही हैं, बल्कि जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी बैठकें और जन संवाद आयोजित कर रही हैं। वे बता रही हैं कि कैसे रोज़मर्रा की छोटी-छोटी आदतें – जैसे कपड़े के थैले का प्रयोग, पानी का सदुपयोग और खुले में शौच न करना – गांव की तस्वीर बदल सकते हैं।
जल सहिया बहन सुनीता कुमारी ने कहा: “हम हर सप्ताह स्वच्छता बैठक कर लोगों को पानी की कीमत समझा रहे हैं और अपशिष्ट से जैविक खाद बनाने की तकनीक सिखा रहे हैं।”
महिलाओं के नेतृत्व से बनी प्रेरक मिसाल
गिरिडीह प्रशासन की इस अनूठी पहल में जब महिलाएं आगे आईं, तो पूरे अभियान ने नई ऊर्जा और स्थायित्व प्राप्त किया। इन दीदियों ने यह साबित किया है कि जब किसी सामाजिक परिवर्तन की कमान नारी शक्ति के हाथ में हो, तो बदलाव निश्चित है।
गिरिडीह उपायुक्त ने कहा: “हमारी दीदियों और जल सहिया बहनों का योगदान अनुकरणीय है। इनकी सक्रिय भागीदारी से गिरिडीह पूरे झारखंड के लिए उदाहरण बनेगा।”

न्यूज़ देखो: नारी नेतृत्व से निखरती स्वच्छता की सोच
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गिरिडीह की महिलाओं ने जो जागरूकता और कर्मठता दिखाई है, वह किसी आंदोलन से कम नहीं। इन दीदियों ने स्वच्छता को जन-जन की जिम्मेदारी बनाया है। प्रशासन, समाज और महिला नेतृत्व के इस समन्वय ने एक बार फिर साबित किया — बदलाव घर से शुरू होता है, और महिला शक्ति से होता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सामाजिक बदलाव की मिसाल बनती महिलाएं
स्वच्छता सिर्फ अभियान नहीं, एक संस्कार है। गिरिडीह की बहनों ने इसे अपनाया और दूसरों को भी प्रेरित किया। इस प्रेरणादायक खबर को साझा करें, अपने विचार कमेंट करें, और दूसरों को भी बताएं कि आपका फीडबैक गांव के विकास की दिशा तय करता है।
स्वच्छता की राह, मिलकर बढ़ाएं कदम।