
#गढ़वा #महिला_सशक्तिकरण : डीडीसी ने आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के तहत गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
- डीडीसी पशुपतिनाथ मिश्रा ने JSLPS सखी मंडल की दीदियों को गाड़ियों की चाबी सौंपी।
- आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (AGEY) के तहत सरकार ने ₹6 लाख का अनुदान उपलब्ध कराया।
- रंका और विश्रामपुर संकुल संगठन को प्रथम चरण में वाहनों की सौगात दी गई।
- स्थानीय उत्पादों को बाजार तक पहुँचाने में इन वाहनों का होगा उपयोग।
- योजना से महिलाओं की आमदनी और आत्मनिर्भरता दोनों में होगी वृद्धि।
गढ़वा समाहरणालय परिसर में सोमवार को हुए एक विशेष कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा ने JSLPS से जुड़ी सखी मंडल की महिलाओं को गाड़ियों की चाबी सौंपी और हरी झंडी दिखाकर वाहनों को रवाना किया। यह पहल आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (AGEY) के तहत की गई, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और स्थानीय उत्पादों की बाजार तक पहुँच को आसान बनाना है।
योजना से बदलेंगे गांवों के हालात
इस योजना के तहत सरकार द्वारा प्रत्येक संकुल संगठन या सखी मंडल को ₹6 लाख का अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। उसी राशि से खरीदे गए मालवाहक वाहनों का संचालन अब दीदियां करेंगी। इन वाहनों से ग्रामीण क्षेत्रों से उत्पादों को सीधे बाजार तक ले जाने में सुविधा होगी। इससे न केवल उत्पादों की बेहतर कीमत मिलेगी, बल्कि नए रोजगार और आमदनी के अवसर भी खुलेंगे।
रंका और विश्रामपुर को मिला लाभ
कार्यक्रम के प्रथम चरण में रंका प्रखंड के रंका संकुल संगठन और विश्रामपुर संकुल संगठन को यह सुविधा प्रदान की गई। दोनों संगठनों ने सरकार से मिली राशि से मालवाहक वाहन खरीदे हैं। अब इनके जरिए सखी मंडल की महिलाएं अपने उत्पादों को समय पर और सुगमता से बाजार तक पहुँचा पाएंगी।
डीडीसी का संदेश आत्मनिर्भरता की ओर
इस मौके पर डीडीसी पशुपतिनाथ मिश्रा ने कहा कि
“आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (AGEY) के तहत वाहनों की उपलब्धता से अब महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से वे न केवल अपनी आजीविका में सुधार ला रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रही हैं।”
उन्होंने दीदियों से वाहनों के नियमित संचालन और पारदर्शी लेखा-जोखा रखने पर विशेष बल दिया।
कार्यक्रम में रही व्यापक भागीदारी
इस मौके पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी प्रमेश कुशवाहा, JSLPS डीपीएम बिमलेश कुमार शुक्ला, जिला प्रबंधक स्किल जॉब नवल किशोर राजू, बीपीएम रंका अविनाश शुक्ला, सीसी अनुपम कुमार और संकुल संगठन की कई दीदियां मौजूद रहीं। सभी ने इस योजना को महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।

न्यूज़ देखो: आत्मनिर्भर दीदियों की नई पहचान
गढ़वा की यह पहल दिखाती है कि जब सरकार, प्रशासन और समाज मिलकर प्रयास करते हैं तो महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का रास्ता और आसान हो जाता है। यह योजना सिर्फ आर्थिक मजबूती नहीं, बल्कि गांवों में सामाजिक बदलाव की भी गारंटी देती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ता गढ़वा
यह साफ है कि JSLPS की दीदियों को मिले ये वाहन अब न केवल उनके जीवनस्तर को ऊँचा करेंगे बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देंगे। अब समय है कि हम सब इस सकारात्मक बदलाव को और आगे बढ़ाएँ।
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