
#गुमला #सड़क_दुर्घटना : कोहरे और तेज रफ्तार के कारण बारडीह मोड़ पर ऑटो पलता, घायलों की हालत नाजुक
- बारडीह मोड़ में ऑटो पलटने से 6 लोग घायल।
- 14 वर्षीय संजीता कुजूर और ख्रीस्त सुनीता टोप्पो गंभीर रूप से जख्मी।
- दोनों छात्राएं आरसी मध्य विद्यालय जारी की छठवीं कक्षा की छात्रा।
- गंभीर हालत को देखते हुए सदर अस्पताल से रिम्स रेफर किया गया।
- दुर्घटना कोहरे और तेज रफ्तार के कारण हुई बताई गई।
- स्थानीय लोगों ने घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया।
जारी थाना क्षेत्र के बारडीह मोड़ में रविवार सुबह एक ऑटो अनियंत्रित होकर पलट गया, जिससे ऑटो में सवार छह लोग घायल हो गए। सभी लोग बारडीह चर्च में आयोजित ख्रीस्त राजा कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। हादसे में सीकरी अंबा टोली निवासी 14 वर्षीय संजीता कुजूर और ख्रीस्त सुनीता टोप्पो गंभीर रूप से घायल हुईं। पहले इन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार दिया गया, जिसके बाद सुबह 9 बजे दोनों को सदर अस्पताल भेजा गया। वहां से गंभीर स्थिति को देखते हुए इन्हें रिम्स रेफर कर दिया गया। जानकारी के अनुसार, घने कोहरे और तेज रफ्तार की वजह से ऑटो बारडीह मोड़ पर अनियंत्रित होकर पलट गया था। दोनों छात्राएं आरसी मध्य विद्यालय जारी की छठवीं कक्षा में पढ़ती हैं। संजीता कुजूर की स्थिति नाजुक बताई जा रही है।
कैसे हुआ हादसा: प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई पूरी घटना
रविवार सुबह बारडीह चर्च में कार्यक्रम आयोजित था, जिसमें शामिल होने के लिए एक ऑटो में आधा दर्जन लोग सवार थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार:
- सुबह का घना कोहरा
- सड़क पर दृश्यता बेहद कम
- तेज रफ्तार में मोड़ पर नियंत्रण खोना
इन तीनों कारणों के चलते ऑटो बारडीह मोड़ पर विपरीत दिशा की तरफ पलट गई। पलटने के साथ ही सवार लोग सड़क पर गिर पड़े, जिसमें दो बच्चियां बुरी तरह घायल हो गईं।
घायल छात्राओं की स्थिति और अस्पतालों की प्रतिक्रिया
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने सभी घायलों को नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। वहां प्राथमिक इलाज किया गया, पर संजीता कुजूर और ख्रीस्त सुनीता टोप्पो की स्थिति चिंताजनक थी। इस कारण उन्हें सुबह 9 बजे सदर अस्पताल भेजा गया।
सदर अस्पताल में डॉ. गणेश राम ने दोनों छात्राओं का इलाज किया। शरीर में गंभीर चोटें होने और हालत बिगड़ने पर उन्हें रिम्स रेफर कर दिया गया। संजीता कुजूर की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है।
ग्रामीणों की तत्परता से कई लोगों की जान बची
घटना के तुरंत बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घायलों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाने में मदद की। तेज आवाज सुनते ही आसपास के लोग दौड़ पड़े और बचाव कार्य शुरू किया। यदि ग्रामीण तुरंत कार्रवाई न करते, तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी।
दुर्घटना का कारण: ट्रैफिक नियमों और मौसम की अनदेखी
बारडीह मोड़ क्षेत्र में सुबह के समय घना कोहरा छाया रहता है, जिसके बावजूद कई वाहन तेज रफ्तार में चलते हैं। यह दुर्घटना भी तेज रफ्तार और कम दृश्यता के कारण ही हुई। विशेषज्ञों का मानना है कि कोहरा, फिसलन और अनियंत्रित गति गांव क्षेत्रों में दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बने हुए हैं।
न्यूज़ देखो: सुरक्षित परिवहन और जागरूकता की जरूरत पर फिर उठा बड़ा सवाल
यह दुर्घटना बताती है कि खराब मौसम में सावधानी की छोटी-सी कमी कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है। बारडीह मोड़ जैसी जगहों पर स्पीड कंट्रोल, चेतावनी बोर्ड और नियमित सुरक्षा जांच बेहद जरूरी है। प्रशासन को स्थानीय मार्गों पर सुरक्षा मानकों को मजबूती से लागू करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके।
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सड़क सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी, सतर्क रहें और दूसरों को भी जागरूक करें
दुर्घटनाएं अचानक नहीं होतीं—वे लापरवाही, तेज रफ्तार और मौसम की अनदेखी के कारण होती हैं। बारडीह मोड़ की यह घटना हमें याद दिलाती है कि सुरक्षित यात्रा हर नागरिक की प्राथमिकता होनी चाहिए। अब जरूरी है कि हम सभी गति सीमा का पालन करें, कोहरे में धीमी चाल रखें और दूसरों को भी सुरक्षित रहने के लिए प्रेरित करें।
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