
#बानो #सामाजिक_बैठक : पाड़ो गांव में आयोजित बैठक में साप्ताहिक बैठकों की निरंतरता, सामाजिक समस्याओं के समाधान और शिक्षा-रोजगार जैसे मुद्दों पर सर्वसम्मत निर्णय
- ग्राम पाड़ो में अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद की महत्वपूर्ण सामाजिक बैठक आयोजित।
- बैठक की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष महेश सिंह ने की।
- सभी गांवों में साप्ताहिक बैठकें नियमित रखने पर सर्वसम्मति।
- सामाजिक समस्याओं का ग्राम स्तर पर समाधान करने की रणनीति पर सहमति।
- अगली बैठक में शिक्षा, रोजगार और युवाओं की सामाजिक जागरूकता पर विशेष चर्चा का निर्णय।
- बैठक में प्रखंड व क्षेत्रीय समिति के पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित।
बानो प्रखंड के ग्राम पाड़ो में अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद की एक महत्वपूर्ण सामाजिक बैठक संपन्न हुई, जिसमें समाज की संगठनात्मक एकता को मजबूत करने और समग्र विकास से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष महेश सिंह ने की। कार्यक्रम में क्षेत्रीय समिति और प्रखंड समिति के पदाधिकारियों के साथ-साथ समाज के वरिष्ठ सदस्यों और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। बैठक का उद्देश्य समाज के भीतर संवाद, सहयोग और समाधान की संस्कृति को और अधिक सशक्त बनाना रहा।
संगठनात्मक एकता को सुदृढ़ करने पर जोर
बैठक के दौरान क्षेत्रीय समिति की संगठनात्मक एकता को मजबूत करने की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि संगठित समाज ही अपने हितों की प्रभावी रक्षा कर सकता है। ग्राम स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक समन्वय बढ़ाने, नियमित संवाद बनाए रखने और निर्णयों के क्रियान्वयन पर सामूहिक जिम्मेदारी लेने पर सहमति बनी। यह भी स्पष्ट किया गया कि संगठनात्मक मजबूती से सामाजिक मुद्दों पर एकजुट आवाज बनती है और प्रशासनिक स्तर पर भी संवाद आसान होता है।
साप्ताहिक बैठकों की निरंतरता पर सर्वसम्मति
बैठक का एक महत्वपूर्ण निर्णय सभी गांवों में साप्ताहिक बैठकों को नियमित रूप से जारी रखने का रहा। समाज के सदस्यों ने माना कि नियमित बैठकें समाज के भीतर पारदर्शिता, सहभागिता और त्वरित समाधान का आधार बनती हैं। साप्ताहिक बैठकों के माध्यम से गांवों में उत्पन्न होने वाली समस्याओं की पहचान समय पर हो सकेगी और सामूहिक प्रयास से समाधान निकाला जा सकेगा। इस पहल को समाज की आंतरिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम बताया गया।
सामाजिक समस्याओं का ग्राम स्तर पर समाधान
बैठक में गांवों में उत्पन्न होने वाली विभिन्न सामाजिक समस्याओं—जैसे आपसी विवाद, सामाजिक समन्वय की कमी और सामूहिक निर्णयों के अभाव—पर भी विस्तार से चर्चा हुई। समाज के सदस्यों ने इस बात पर सहमति जताई कि समस्याओं का समाधान पहले ग्राम स्तर पर सामाजिक संवाद के माध्यम से किया जाना चाहिए। इससे न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि समाज के भीतर आपसी विश्वास भी मजबूत होगा। ग्राम स्तर पर समाधान की रणनीति को व्यवहारिक और दीर्घकालिक बताया गया।
शिक्षा, रोजगार और युवाओं की जागरूकता पर अगली बैठक का एजेंडा
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अगली बैठक में समाज के भविष्य से जुड़े अहम विषयों—शिक्षा, रोजगार के अवसर और युवाओं की सामाजिक जागरूकता—पर विशेष चर्चा की जाएगी। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा और रोजगार के बिना सामाजिक विकास अधूरा है। युवाओं को संगठित कर उन्हें सामाजिक जिम्मेदारियों से जोड़ना समय की आवश्यकता है। इस एजेंडा के माध्यम से समाज की दीर्घकालिक विकास योजना तैयार करने पर सहमति बनी।
पदाधिकारियों और समाजजनों की सक्रिय भागीदारी
बैठक में मुख्य रूप से प्रखंड समिति के उपसचिव गंगाधर सिंह और क्षेत्रीय समिति पाड़ो के अध्यक्ष भीष्म सिंह उपस्थित रहे। इनके अलावा समाज के राजेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, अजय सिंह, बिनोद साय, टकबर सिंह, देवचंद सिंह, दिनेश सिंह, अरविंद सिंह, दशरथ सिंह, रामकिशोर सिंह, सुखनाथ सिंह, गोविंद सिंह सहित ललिता देवी, आनंदी देवी, शांति देवी, बिरसमुनी देवी समेत बड़ी संख्या में रौतिया समाज के सदस्य मौजूद रहे। महिलाओं की उपस्थिति ने बैठक को समावेशी और संतुलित स्वरूप प्रदान किया, जिससे निर्णयों में व्यापक सहमति बन सकी।
सामूहिक निर्णय और भविष्य की दिशा
बैठक के समापन पर समाज के सदस्यों ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि लिए गए निर्णयों को जमीन पर उतारने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएंगे। संगठनात्मक अनुशासन, नियमित बैठकें और ग्राम स्तर पर समाधान की नीति को व्यवहार में लाने पर जोर दिया गया। समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने युवाओं से आगे आकर जिम्मेदारी लेने और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
न्यूज़ देखो: ग्राम स्तर की पहल से मजबूत होगा सामाजिक ताना-बाना
पाड़ो में आयोजित रौतिया समाज की यह बैठक बताती है कि जब समाज जमीनी स्तर पर संगठित होता है, तो समाधान भी उसी स्तर से निकलते हैं। साप्ताहिक बैठकों और ग्राम स्तर पर समस्याओं के समाधान की रणनीति सामाजिक सौहार्द को मजबूत करेगी। शिक्षा, रोजगार और युवाओं की जागरूकता को एजेंडा में शामिल करना दूरदर्शी सोच का परिचायक है। ऐसे प्रयासों से न केवल समाज का आंतरिक विकास होगा, बल्कि व्यापक सामाजिक समरसता भी सुदृढ़ होगी।
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संगठित समाज, सशक्त भविष्य
जब समाज संवाद और सहयोग को प्राथमिकता देता है, तब विकास की राह स्वतः खुलती है। पाड़ो में हुई यह बैठक सामाजिक जिम्मेदारी और सामूहिक निर्णय की मिसाल है। शिक्षा, रोजगार और युवाओं की भागीदारी से ही स्थायी बदलाव संभव है।





