
#मेराल #समाजसेवा : बिना किसी पद के समाजसेवी ने पात्र परिवारों को दिलाया सरकारी योजना का अधिकार
- अनिल भारती के प्रयास से तीन गरीब परिवारों को मिला राशन कार्ड।
- वर्षों से सरकारी लाभ से वंचित थे पात्र परिवार।
- देवगाना और भेड़ियही गांव के परिवार हुए लाभान्वित।
- स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों की लापरवाही पर उठाए सवाल।
- लाभार्थियों में दिखी राहत और सम्मान की अनुभूति।
गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड अंतर्गत गेरुआ पंचायत में समाजसेवा की एक मिसाल सामने आई है। यहाँ समाजसेवी अनिल कुमार रवि उर्फ अनिल भारती ने बिना किसी राजनीतिक पद या अधिकार के, तीन अत्यंत गरीब और पात्र परिवारों को उनका हक दिलाते हुए राशन कार्ड उपलब्ध कराया। ये परिवार वर्षों से सरकारी योजनाओं से वंचित थे और बार-बार प्रयास के बावजूद उन्हें कोई सहायता नहीं मिल पा रही थी। समाजसेवी के हस्तक्षेप के बाद न केवल इन परिवारों को राहत मिली, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
बिना पद, लेकिन जिम्मेदारी पूरी
स्थानीय लोगों के अनुसार, अनिल भारती लंबे समय से क्षेत्र में सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं। जब उन्हें यह जानकारी मिली कि गेरुआ पंचायत के कुछ परिवार सभी मापदंड पूरे करने के बावजूद राशन कार्ड से वंचित हैं, तो उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मामले को गंभीरता से लिया। सरकारी प्रक्रियाओं, दस्तावेजी जटिलताओं और दफ्तरों के चक्कर के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर प्रयास जारी रखा।
इन परिवारों को मिला हक
अनिल भारती के प्रयास से जिन तीन गरीब परिवारों को राशन कार्ड प्राप्त हुआ, उनमें शामिल हैं:
- रामप्रीत भुइयां, ग्राम देवगाना
- प्रभु चौधरी, ग्राम भेड़ियही
- मानती कुंवर, ग्राम देवगाना
बताया जाता है कि ये सभी परिवार लंबे समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और राशन कार्ड न होने के कारण उन्हें सरकारी सहायता का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इन परिवारों ने कई बार संबंधित जनप्रतिनिधियों और कार्यालयों का दरवाजा खटखटाया, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी। ऐसे में एक समाजसेवी द्वारा यह जिम्मेदारी निभाया जाना, जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता को उजागर करता है।
ग्रामीणों का मानना है कि जो कार्य निर्वाचित प्रतिनिधियों को करना चाहिए था, वह एक सामान्य नागरिक ने करके दिखा दिया।
परिवारों में लौटी राहत और सम्मान
राशन कार्ड मिलने के बाद तीनों परिवारों में खुशी का माहौल है। अब उन्हें नियमित रूप से सस्ती दर पर अनाज मिलेगा, जिससे उनकी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। यह राहत केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक सम्मान से भी जुड़ी हुई है।
एक लाभार्थी ने भावुक होकर कहा:
“अनिल भारती जी हमारे लिए भगवान के दूत बनकर आए। उन्होंने हमें हमारा अधिकार और सम्मान दोनों वापस दिलाया।”
सेवाभाव की मिसाल बने अनिल भारती
अनिल भारती का यह कार्य यह साबित करता है कि समाजसेवा के लिए किसी पद या सत्ता की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि सेवाभाव, संवेदनशीलता और दृढ़ इच्छाशक्ति ही सबसे बड़ा साधन है। उनका यह प्रयास स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के लिए आत्ममंथन का विषय है।

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सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने की जिम्मेदारी प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की होती है, लेकिन जब यह जिम्मेदारी कोई समाजसेवी निभाता है, तो व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है। अनिल भारती का प्रयास यह दर्शाता है कि जागरूक नागरिक व्यवस्था को आईना दिखा सकते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
समाजसेवा से बदलती ज़िंदगी
यदि हर क्षेत्र में एक अनिल भारती हो, तो कोई भी पात्र परिवार योजनाओं से वंचित न रहे।
आपके आसपास भी यदि कोई जरूरतमंद है, तो आवाज उठाइए।
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