Giridih

गोल्डन आवर में घायल की मदद करने वाले समाजसेवी विक्रम आनंद राय को नेक इंसान पुरस्कार से सम्मान

#बिरनी #मानवता_सम्मान : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिरनी में समाजसेवी को प्रमाण पत्र और चेक देकर किया गया सम्मान।

गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मानवता और संवेदनशीलता की मिसाल पेश करने वाले समाजसेवी विक्रम आनंद राय को नेक इंसान पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर के भीतर चिकित्सकीय संस्थान तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने के लिए दिया गया। कार्यक्रम में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शाकिब जमाल ने प्रमाण पत्र और चेक प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। यह पहल समाज में आपातकालीन सहायता के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिरनी में आयोजित हुआ सम्मान समारोह।
  • डॉ शाकिब जमाल ने समाजसेवी विक्रम आनंद राय को किया सम्मानित।
  • गोल्डन आवर में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर मिला पुरस्कार।
  • पुरस्कार में प्रमाण पत्र एवं चेक शामिल।
  • मानवता, संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी का संदेश।

गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड में मंगलवार को मानवता और सामाजिक जिम्मेदारी की एक प्रेरणादायी मिसाल सामने आई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिरनी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शाकिब जमाल द्वारा सुईयाडीह निवासी समाजसेवी विक्रम आनंद राय को “नेक इंसान पुरस्कार” प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को समय रहते चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए दिया गया।

सम्मान समारोह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में आयोजित किया गया, जहां स्वास्थ्य कर्मियों और स्थानीय लोगों की मौजूदगी में डॉ शाकिब जमाल ने विक्रम आनंद राय को प्रमाण पत्र एवं चेक सौंपा। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने उनके इस मानवीय कार्य की सराहना करते हुए इसे समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया।

क्या है नेक इंसान पुरस्कार और गोल्डन आवर का महत्व

चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शाकिब जमाल ने बताया कि “नेक इंसान पुरस्कार” उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जो किसी दुर्घटना या आपात स्थिति में घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर के भीतर नजदीकी चिकित्सकीय संस्थान तक पहुंचाने में मदद करते हैं। गोल्डन आवर वह सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, जिसमें समय पर इलाज मिलने से घायल व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।

उन्होंने कहा कि अक्सर लोग दुर्घटना के बाद कानूनी झंझट या अन्य आशंकाओं के कारण मदद करने से पीछे हट जाते हैं, जिससे कई बार घायल की जान चली जाती है। ऐसे में विक्रम आनंद राय जैसे लोग समाज के लिए मिसाल बनते हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के मानवता के नाते आगे बढ़कर मदद करते हैं।

चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शाकिब जमाल ने कहा: “गोल्डन आवर में घायल को अस्पताल पहुंचाना जीवन और मृत्यु के बीच का फर्क तय करता है। विक्रम आनंद राय का कार्य समाज को संवेदनशील बनने की सीख देता है।”

सम्मान पाकर क्या बोले विक्रम आनंद राय

सम्मान प्राप्त करने के बाद समाजसेवी विक्रम आनंद राय ने भावुक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार केवल उनके लिए नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए है, जिन्होंने इस नेक कार्य में उनका साथ दिया।

उन्होंने कहा: “मैं मानता हूं कि यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं है। इसमें उन सभी लोगों का योगदान है, जिन्होंने जरूरत के समय साथ दिया। मैंने यह सीखा है कि कड़ी मेहनत, अनुशासन और दयालुता से बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। मैं निरंतर सीखता रहूंगा और आगे भी समाज की सेवा करता रहूंगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि यदि हर व्यक्ति आपात स्थिति में एक कदम आगे बढ़े, तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि दुर्घटना या आपदा की स्थिति में डरने के बजाय मानवता के नाते मदद करें।

समाज में सकारात्मक संदेश

इस सम्मान समारोह ने स्थानीय स्तर पर एक सकारात्मक संदेश दिया है। स्वास्थ्य कर्मियों और उपस्थित लोगों का कहना था कि इस तरह के पुरस्कारों से समाज में मदद करने की भावना को प्रोत्साहन मिलता है। कई लोगों ने यह भी कहा कि यदि ऐसे कार्यों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाए, तो लोग कानूनी डर और झिझक को छोड़कर आगे आएंगे।

स्थानीय लोगों ने विक्रम आनंद राय को बधाई देते हुए कहा कि वे लंबे समय से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं और जरूरतमंदों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। उनका यह सम्मान पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।

स्वास्थ्य विभाग की पहल

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिरनी की इस पहल को स्वास्थ्य विभाग की संवेदनशीलता के रूप में देखा जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि गोल्डन आवर में मदद करने वालों को सम्मानित करना न केवल प्रेरणा देता है, बल्कि आमजन को यह भरोसा भी देता है कि मानवता के कार्यों को सराहा जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को आपातकालीन स्थितियों में सही कदम उठाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करना और समय पर इलाज सुनिश्चित करना है।

मानवता की मिसाल बनते समाजसेवी

विक्रम आनंद राय का यह सम्मान बताता है कि समाज में आज भी ऐसे लोग मौजूद हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद के लिए आगे आते हैं। उनका यह कार्य न केवल एक व्यक्ति की जान बचाने में सहायक बना, बल्कि पूरे समाज को संवेदनशील बनने का संदेश भी दे गया।

स्थानीय युवाओं ने भी इस अवसर पर कहा कि वे विक्रम आनंद राय से प्रेरणा लेकर आपातकालीन सहायता और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं।

न्यूज़ देखो: जब मानवता सबसे बड़ा धर्म बन जाती है

बिरनी में दिया गया यह सम्मान यह दर्शाता है कि समय पर की गई एक छोटी-सी मदद भी किसी की जान बचा सकती है। ऐसे उदाहरण समाज को यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि आपदा के समय चुप रहने के बजाय आगे बढ़ना कितना जरूरी है। अब सवाल यह है कि क्या हम सब भी जरूरत के समय वही संवेदनशीलता दिखा पाएंगे। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

मदद के लिए आगे बढ़ें, किसी की जान बच सकती है

आपात स्थिति में एक सही निर्णय किसी का जीवन बचा सकता है।
डर और झिझक को पीछे छोड़कर मानवता के नाते मदद करें।
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Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

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