
#बरवाडीह #विश्वमृदादिवस : किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता समझाने और वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देने हेतु सॉयल हेल्थ कार्ड वितरण
- बरवाडीह और महुआडांड़ प्रखंड में किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए।
- कार्यक्रम का उद्देश्य—मिट्टी की गुणवत्ता, पोषक तत्व, और उर्वरक उपयोग की सही जानकारी देना।
- प्रभारी कृषि पदाधिकारी रामनाथ यादव ने कार्ड के महत्व और उपयोग पर विस्तृत जानकारी दी।
- मिट्टी जांच से पोषक तत्वों की कमी का पता चलने पर किसान सही उर्वरक चुन सकेंगे।
- किसान सॉयल हेल्थ कार्ड पाकर उत्साहित—कहा, पहल खेती के लिए बेहद उपयोगी।
- मौके पर एटीएम सपना कुमारी, किरण ज्योति सहित कई किसान मौजूद रहे।
बरवाडीह (लातेहार)।
विश्व मृदा दिवस के अवसर पर बरवाडीह और महुआडांड़ प्रखंड में किसानों के बीच सॉयल हेल्थ कार्ड का वितरण किया गया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी मिट्टी की वास्तविक स्थिति, पोषक तत्वों के स्तर एवं उर्वरक के वैज्ञानिक उपयोग के प्रति जागरूक करना था, ताकि वे बेहतर उत्पादन के साथ टिकाऊ खेती की दिशा में आगे बढ़ सकें।
कार्यक्रम में प्रभारी कृषि पदाधिकारी रामनाथ यादव ने किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड की महत्ता और उसके उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मिट्टी जांच से यह स्पष्ट हो जाता है कि खेत में कौन-कौन से पोषक तत्व कम हैं, जिससे किसान अपनी फसल के अनुसार उपयुक्त उर्वरकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे न सिर्फ लागत कम होगी, बल्कि उत्पादन भी बढ़ेगा।
किसानों को मिली वैज्ञानिक खेती की दिशा
अधिकारियों ने बताया कि सॉयल हेल्थ कार्ड वैज्ञानिक खेती की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इसके माध्यम से किसान अपनी मिट्टी की सेहत जानकर खेती में आधुनिक तरीकों का उपयोग कर सकते हैं। कार्ड मिलने के बाद किसान काफी उत्साहित नजर आए और कृषि विभाग की इस सकारात्मक पहल की सराहना की।
आगे भी चलेंगे जागरूकता कार्यक्रम
कृषि विभाग की ओर से बताया गया कि आने वाले दिनों में विभिन्न पंचायतों और गांवों में इसी प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे कृषि से जुड़े हर किसान को सॉयल हेल्थ कार्ड का लाभ मिल सके।
कार्यक्रम में एटीएम सपना कुमारी, किरण ज्योति समेत कई किसान मौजूद थे, जिन्होंने मिट्टी जांच और उर्वरक प्रबंधन से संबंधित कई जानकारियां प्राप्त कीं।

न्यूज़ देखो: मिट्टी की सेहत सुधरेगी तो बढ़ेगा उत्पादन
सॉयल हेल्थ कार्ड जैसे कदम ग्रामीण कृषि प्रणाली में बड़ा बदलाव ला रहे हैं। वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देकर यह पहल किसानों की लागत घटाने और उपज बढ़ाने दोनों में मददगार है। आने वाले समय में यदि हर किसान अपनी मिट्टी की जांच कर खेती करे, तो क्षेत्र की कृषि अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
वैज्ञानिक खेती अपनाएं, मिट्टी को बनाएं उपजाऊ—आप भी जुड़ें अभियान से
मिट्टी की जांच कराने से खेती का भविष्य सुरक्षित होता है।
सही उर्वरक का चयन उपज को कई गुना बढ़ा देता है।
अपने गांव के किसानों को भी मिट्टी जांच के लिए प्रेरित करें।
कमेंट कर बताएं—क्या आपने कभी अपनी मिट्टी की जांच कराई है?
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